Pradosh Vrat June 2025: जून में कब पड़ रहा है प्रदोष व्रत? पंडित जी से जानें महत्‍व और व्रत विधि

प्रदोष का व्रत जून 2025 में दो बार आएगा। यह कब पड़ेगा और किस मुहूर्त में पूजा करने से आपको लाभ होगा। यह जानने के लिए आप लेख को पूरा पढ़ें। 
Pradosh Vrat June

प्रदोष व्रत हिंदू धर्म का एक महत्वपूर्ण और अत्यंत पवित्र व्रत है, इसे विशेष रूप से भगवान शिव की अराधना के लिए रखा जाता है। भगवान शिव जी को भोलाभंडारी कहा जाता है। इसलिए इस व्रत को श्रद्ध भक्ति से रखने वाले को माहदेव आशीर्वाद जरूर देते हैं। वैसे तो हर माह दो प्रदोष व्रत पड़ते हैं। जून 2025 में भी 2 प्रदोष व्रत पड़ रहे हैं। इन व्रतों की शुभ तिथ‍ि, पूजा का शुभ मुहूर्त, महत्‍व, लाभ और उपाय सभी के बारे में मध्‍य प्रदेश छिंदवाड़ा के पंडित एंव ज्‍योतिषाचार्य सौरभ त्रिपाठी बता रहे हैं। अगर आप भी प्रदोष का व्रत रखती हैं, तो सभी महत्‍वपूर्ण जानकारी आपको इस लेख में मिल जाएंगी।

जून 2025 में प्रदोष व्रत की तिथियां और शुभ मुहूर्त

रवि प्रदोष व्रत

  • तिथि: 8 जून 2025, रविवार (शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी)
  • समय: शाम 7:32 बजे से रात 9:26 बजे तक

यदि प्रदोष के व्रत वाले दिन रविवार पड़ जाए तो उसे रवि प्रदोष कहा जाता है। इस दिन भगवान शिव के साथ-साथ सूर्य देव की भी पूजा करनी चहिए। इस व्रत को सेहत के लिए बहुत अच्‍छा माना गया है। ऐसी मान्‍यता है कि जो व्‍यक्ति लंबी आयु और रोगमुक्‍त जीवन चाहता है, वह यह व्रत रख सकता है। यह व्रत समाज में आपका मान सम्‍मान भी बढ़ाता है। अगर आपने किसी से कर्ज लिया हुआ है और उसे लौटाने में दिक्‍कत आ रही है, तो रवि प्रदोष का व्रत रखने से आपको कर्ज मुक्ति के लिए रास्‍ता मिलता है। यह व्रत इसलिए भी बहुत शुभ है क्‍योंकि यह जीवन की हर बाधा को दूर करता है। इतना ही नहीं, आपको पितृ दोष से भी बचाता है।

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रवि प्रदोष व्रत से लाभ

  • जीवन से तनाव दूर होता है और मन को शांति मिलती है।
  • यदि आप लंबे वक्‍त से किसी रोग से जूझ रहे हैं, तो वह ठीक होता है और सेहत में सुधार आता है।
  • अगर आपको आर्थिक संकट से जूझना पड़ रहा है, तो आपको इस समस्‍या में भी राहत मिलती है।
  • आपका मन आध्‍यात्‍म से जुड़ पाता है और आप भक्ति मार्ग की ओर निकल पड़ते हैं।
  • यह व्रत आपके दांपत्‍य जीवन के लिए भी अच्‍छा होता है। परिवार में सुख शंति बनी रहती है।

रवि प्रदोष व्रत की पूजा विधि

  • सुबह उठकर अच्‍छे से स्‍नान करें और साफ कपड़े पहनें।
  • अब मंदिर जाएं और व्रत का संकल्‍प करें।
  • शिव जी को बेलपत्र, जल,दूध, शहद, दही और घी अर्पि‍त करें।
  • दीप और धूप जलाएं और पुष्‍प अर्पित करें।
  • आज के दिन आपको "ॐ नमः शिवाय" मंत्र का 108 बार जाप करना चाहिए।
  • इसके साथ ही आपको । सूर्य मंत्र "ॐ घृणिः सूर्याय नमः" का भी जाप करना चाहिए।
  • पूरे दिन उपवास रखें। यह आपकी श्रद्धा पर है कि आपको फलाहार उपवास रखना है या निर्जला।
  • आज के दिन सुबह सूर्य का जल अर्पित करना और लाल पुष्‍प चढ़ाना न भूलें।
  • हो सके तो अपनी श्रद्धा के अनुसार गरीबों को भोजन कराएं और जरूरत का सामान बाटें।

सोम प्रदोष व्रत

  • तिथि: 23 जून 2025, सोमवार (कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी)
  • समय: शाम 7:23 बजे से रात 9:18 बजे तक

जब सोमवार के दिन प्रदोष की तिथि पड़ती है, तब उसे सोम प्रदोष कहा जाता है। यह दिन बहुत ही शुभ होता है। इस दिन व्रत रखकर आप रोग मुक्‍त, कर्ज मुक्‍त और तनाव मुक्‍त हो सकती हैं। सोमवार को प्रदोष व्रत पड़े तो आपको भगवान शिव के साथ माता पार्वती की पूजा भी जरूर करनी चाहिए। ऐसा करने से आपके घर में सुख- शांति आती है। यदि आपकी कुंडली में चंद्रमा दोष है तो इस दिन आपको जरूर व्रत रखना चाहिए और रात में चंद्रमा को जल अर्पित करना चाहिए। ऐसा करने से आपको तनाव से मुक्ति मिल जाएगी। कुंवारे लोगों को भी यह व्रत जरूर करना चाहिए। खासतौर पर अगर आपके विवाह में अड़चन आ रही है, तो सोम प्रदोष का व्रत रखने से जल्‍दी ही आपको अच्‍छा जीवनसाथी मिल सकता है। ऐसा भी कहा जाता है कि सोम प्रदोष का व्रत रखने से मोक्ष के द्वार आपके लिए खुल जाते हैं।

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सोम प्रदोष व्रत से लाभ

  • सोम प्रदोष के दिन व्रत रखने से आपको बड़ा लाभ तो यही मिलेगा कि जो भी मानसिक तनाव है, वह दूर हो जाएगा। आपके मन में अच्‍छे विचार आएंगे।
  • शादी में आ रही रुकावटें भी दूर होती हैं। इस व्रत का रखने से आपको मनपंसद जीवनसाथी मिलता है।
  • कर्ज में डूबे हुए को इससे बाहर निकलने का रास्‍ता मिलता है। इतना ही नहीं, आपकी आर्थिक दिक्‍कतें भी दूर होती हैं।

सोम प्रदोष व्रत की पूजा विधि

  • सुबह उठकर अच्‍छे से स्‍नान करें और नए कपड़े पहनें। आज के दिन आपको सफेद कपड़े धारण करने चाहिए।
  • अब शिव जी के मंदिर जाएं और व्रत का संकल्‍प करें।
  • शिवलिंग का अभिषेक पंचामृत से करें और पार्वति जी पर लाल रंग का गुड़हल का फूल चढ़ाएं।
  • आज के दिन आपको "ॐ नमः शिवाय" मंत्र का 108 बार जाप करना चाहिए।
  • इसके साथ ही आपको, चंद्रमा मंत्र "ॐ चंद्राय नमः" का भी जाप करना चाहिए।
  • शिव और पार्वति जी की आरती गएं। सुहागन महिलाओं को पार्वति जी को सुहाग का सामान भेंट करना चाहिए।
  • पूरे दिन उपवास रखें। शाम को पूजा करने के बाद आप आवश्‍यकता समझें तो सात्विक भोजन कर सकती हैं।

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