Pitru Paksha Tulsi Upay 2023: अभी तक नहीं किया है पितृ तर्पण, तो तुलसी के सामने करें ये एक उपाय

Pitru Paksha Tulsi Upay for Tarpan 2023: पितृ देवताओं को समर्पित श्राद्ध पक्ष आने में कुछ ही दिन बाकी है, ऐसे में आप इन दिनों उपाय, तर्पण और श्राध कर पितृ देवताओं को प्रसन्न कर सकते हैं। 

 
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Pitru Paksha Tulsi Upay for Tarpan 2023: हिंदू धर्म में श्राद्ध पक्ष का विशेष महत्व है। गणेश विसर्जन के बाद आने वाले तिथियों को श्राद्ध पक्ष के नाम से जाना जाता है। श्राद्ध पक्ष अश्विन मास के प्रथम तिथी से अमावस्या तक मनाया जाता है। इस पक्ष में पितरों को प्रसन्न और शांत करने के लिए तर्पण, पिंडदान, श्राद्ध आदि कर्म किया जाता है। जब पितृ देव आपसे प्रसन्न रहते हैं, तो आपके जीवन में खुशहाली, करियर में संपन्नता आती है। वहीं यदि आपके पितृ देव आपसे नाराज हो जाते हैं, तो आपके जीवन और करियर में अच्छा नहीं होता है। जब पितृ देव नाराज होते हैं तो बहुत से लोगों के काम बहुत बिगड़ने लगते हैं। यदि आप भी अपने पितृ देव को प्रसन्न करना चाहते हैं, तो ज्योतिषाचार्य राधाकांत वत्स द्वारा बताए गए इस उपाय को कर अपने पितृ देवताओं को प्रसन्न कर सकते हैं।

इस साल कब से शुरू हो रहा है पितृ पक्ष (Pitru Paksha Kab Hai 2023)

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हिंदू पंचांग के अनुसार, पितृ पक्ष हर साल भाद्र पक्ष की पूर्णिमा तिथि से शुरू होकर अश्विन मास के अमावस्या तिथि को होता है। पंचांग के अनुसार इस साल 29 सितंबर से शुरू होकर 14 अक्टूबर को समापन होगा। पौराणिक ग्रंथ और मान्यताओं के अनुसार इन 15 दिनों में पितरों की सेवा करने का बढ़िया अवसर है। आप अपने नाराज पितरों को इन 15 दिनों में उपाय, तर्पण और श्राद्ध कर मना सकते हैं।

पितृ पक्ष में पितृ देवताओं की कृपा पाने करें तुलसी और गंगाजल का यह उपाय

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पितृपक्ष के दौरान तुलसी के पास तांबे के बर्तन में गंगाजल रखना चाहिए। हाथ में गंगाजल लेकर पितरों का नाम लेते हुए गंगाजल को धीरे धीरे कटोरी में वापस डालें। शास्त्रों के अनुसार पितृ देवताओं को भगवान विष्णु माना गया है, उनका ध्यान करते हुए विष्णु जी के मन्त्रों का जाप करें। इसके अलावा आप विष्णु सहस्त्रनाम स्तोत्र का पाठ करें, ताकि पितृ देव प्रसन्न हो। भगवान विष्णु के सहस्त्रनाम का पाठ विशेष फलदायी है, इसका पाठ करने से घर की नक्रात्मक ऊर्जा, घर के वास्तु दोष और बाधाएं दूर होती हैं। पितृ पक्ष में इस उपाय को आपको रविवार या एकादशी के दिन करने से पितृ शांत होते हैं, उनका आशीर्वाद मिलता है और पितृदोष दूर होता है।

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Image Credit: Pixabay, Shutterstocks

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