नवरात्रि का पावन पर्व पूरे देश में बड़े ही श्रद्धा भाव से मनाया जाता है और इसके प्रत्येक दिन में माता के विभिन्न स्वरूपों की पूजा का विधान है। माता के सभी स्वरूरों की पूजा का अलग तरीका होता है और उन्हें भोग में उनकी पसंद की चीजें लगाई जाती हैं।
ऐसे ही माता के पूजन के लिए भक्त कई नियमों का पालन करते हैं। माता दुर्गा के नौ स्वरूपों के बारे में और उनके पूजन के तरीके के बारे में हम आपको नियमित रूप से जानकारी दे रहे हैं। उसी क्रम में शारदीय नवरात्रि के चौथे दिन 6 अक्टूबर को मां कुष्मांडा की पूजा विधि विधान से की जाएगी। माता कूष्माण्डा को 'आदिशक्ति' और 'अष्टभुजा देवी' के रूप में भी जाना जाता है।
मां की आठ भजाएं हैं और उनके एक हाथ में कमंडल है। मां कूष्माण्डा की पूजा करने से भक्तों के जीवन में सुख-समृद्धि, स्वास्थ्य और शांति का वास होता है और सभी कष्टों से मुक्ति मिलती है। आइए ज्योतिर्विद पंडित रमेश भोजराज द्विवेदी से जानें माता की पूजा विधि, पूजन सामग्री की सही जानकारी और अन्य बातें।
मां कूष्माण्डा का स्वरूप और महत्व
मां कूष्माण्डा को सृष्टि की रचयिता माना जाता है। ऐसा कहा जाता है कि जब संसार में अंधकार था तब मां ने अपनी हंसी से ब्रह्मांड की रचना की थी। इसी कारण उन्हें 'कूष्माण्डा' नाम से पुकारा जाता है। उनकी आठ भुजाएं हैं जिनमें कई अस्त्र-शस्त्र और अमृत से भरा कलश होता है। मां का यह रूप शक्ति, ऊर्जा और सृजन का प्रतीक है।
मां कूष्माण्डा की उपासना करने से मनुष्य को रोग, शोक और पापों से मुक्ति मिलती है। इसके साथ ही जीवन में सफलता, समृद्धि और प्रसन्नता का संचार भी होता है।
मां कूष्माण्डा पूजा सामग्री की लिस्ट
मां कूष्माण्डा का पूजन करने के लिए कुछ विशेष सामग्री की आवश्यकता होती है और पूजन की सामग्री की जानकारी आपको पहले से हिनी चाहिए। आइए यहां मां कूष्माण्डा की पूजा सामग्री के बारे में जानें -
मां कूष्माण्डा की प्रतिमा या चित्र, जल, गंगाजल,अक्षत, सफेद फूल, धूप और दीप,नारियल पंचामृत (दूध, दही, घी, शहद और शक्कर को मिलाकर तैयार करेंगे)
सिंदूर और कुमकुम, हल्दी और चंदन, लाल या पीले माता के वस्त्र
मिठाई या अन्य भोग की सामग्री।
मां कूष्माण्डा पूजा विधि
मां कूष्माण्डा की पूजा नवरात्रि के चौथे दिन की जाती है। इस दिन विधि-विधान से मां की आराधना करने से जीवन में सुख और समृद्धि का आशीर्वाद बना रहता है। आइए माता के पूजन की सही विधि के बारे में जानें विस्तार से -
- प्रातःकाल स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें। पूजा स्थल को साफ करके गंगाजल छिड़कें जिससे वह स्थान पवित्र हो जाए।
- आप साफ़ वस्त्र धारण करें और माता का पूजन करें। माता कुष्मांडा के पूजन के लिए आप यदि नारंगी रंग के वस्त्र पहनकर पूजन करेंगे तो विशेष रूप से फलदायी होगा।
- पूजन से पहले पूजा स्थान पर मां कूष्माण्डा की प्रतिमा या चित्र को एक चौकी पर स्थापित करें। आता की मूर्ति स्थापित करने से पहले चौकी पर लाल या पीला कपड़ा बिछाएं।
- माता के सामने घी का दीपक प्रज्वलित करें। दीपक प्रज्वलित करते समय यह संकल्प लें कि आप मां कूष्माण्डा की पूजा विधिपूर्वक करेंगे। माता का पूजन करते हुए दुर्गा सप्तशती का पाठ करें और घर के कल्याण की कामना करें।
- पूजन के बाद माता कूष्माण्डाकी आरती करें और उनकी पसंद का भोग अर्पित करें।
- भोग अर्पित करने के बाद यह पूरे परिवार को वितरित करें और स्वयं भी ग्रहण करेंगे।
मां कूष्माण्डा के मंत्र
मां कूष्माण्डा के मंत्रों का जाप करने से व्यक्ति की सभी बाधाएं दूर होती हैं और जीवन में सुख-समृद्धि आती है। मां कूष्माण्डा की कृपा पाने के लिए आपको यहां बताए मंत्रों का जाप करना चाहिए।
ध्यान मंत्र-
'सुरासंपूर्णकलशं रूधिराप्लुतमेव च।
दधाना हस्तपद्माभ्यां कूष्माण्डा शुभदास्तु मे॥'
बीज मंत्र:
'ॐ ऐं ह्रीं क्लीं कूष्माण्डायै नमः॥'
स्तोत्र मंत्र:
'ॐ कूष्माण्डायै च विद्महे शुभायै च धीमहि।
तन्नो देवी प्रचोदयात्॥'
अष्टभुजा देवी मंत्र:
'ॐ कूष्माण्डायै नमः।'
यदि आप इन मंत्रों का जाप करते हुए मां की आराधना करें और माता से समृद्धि की कामना करें तो उनके आशीर्वाद की प्राप्ति होती है।
मां कूष्माण्डा का भोग
मां कूष्माण्डा को विशेष रूप से हलवा, मालपुआ और दही का भोग अर्पित किया जाता है। इसके अलावा आप सफेद रंग की मिठाई या दूध से बनी मिठाई का भोग भी मां को अर्पित कर सकते हैं।
मां कूष्माण्डा की आरती के बाद उन्हें भोग अर्पित करें और भोग लगाने के बाद उसे सभी भक्तों में प्रसाद के रूप में बांट दें। भोग अर्पित करते समय ध्यान रखें कि मां की आराधना शुद्ध भाव से की जाए। भोग लगाते समय माता से उसे ग्रहण करने की प्रार्थना करें और मां को आमंत्रित करें।
मां कूष्माण्डा की पूजा के लाभ
मां कूष्मांडा की उपासना से न केवल भक्तों को पापों से मुक्ति मिलती है, बल्कि जीवन में सुख, शांति और समृद्धि का भी वास होता है। आइए जानते हैं मां की आराधना के प्रमुख लाभ-
- मां कूष्माण्डा की कृपा से व्यक्ति को उत्तम स्वास्थ्य प्राप्त होता है। रोग और शोक से मुक्ति मिलती है।
- मां की आराधना से व्यक्ति के जीवन में धन और समृद्धि आती है। व्यापार और नौकरी में उन्नति होती है।
- मां कूष्माण्डा की पूजा करने से व्यक्ति के मन में शांति और संतुलन का वास होता है। सभी प्रकार की मानसिक परेशानियों से मुक्ति मिलती है।
- जो भक्त मां कूष्माण्डा की विधिपूर्वक पूजा करता है, उसके समस्त पाप नष्ट हो जाते हैं और उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है।
- मां कूष्माण्डा की आराधना करने से जीवन के सभी कष्ट और बाधाएं दूर होती हैं और भक्त का जीवन सुखद और शांतिपूर्ण हो जाता है।
अगर आप यहां बताई विधि से मां कूष्माण्डा का पूजन करते हैं तो जीवन में खुशहाली बनी रहती है। आपको यह स्टोरी अच्छी लगी हो तो इसे फेसबुक पर शेयर और लाइक जरूर करें। इसी तरह और भी आर्टिकल पढ़ने के लिए जुड़े रहें हरजिंदगी से। अपने विचार हमें कमेंट बॉक्स में जरूर भेजें।
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