नाग पंचमी का त्योहार हिंदू धर्म में नाग देवताओं की पूजा के लिए समर्पित एक महत्वपूर्ण दिन है। यह पर्व विशेष रूप से उन लोगों के लिए खास होता है जिनकी कुंडली में काल सर्प दोष होता है या जिन्हें सर्प भय होता है। इस साल नाग पंचमी 29 जुलाई, मंगलवार के दिन पड़ रही है। ऐसे में ज्योतिषाचार्य राधाकांत वत्स ने हमें बताया कि नाग पंचमी के दिन नाग देवता की पूजा के दौरान एक स्तोत्र का पाठ भी अवश्य करना चाहिए। इससे सापों का भय तो दूर होता ही है, साथ ही सर्प भी कभी आपको या आपके परिवार के सदस्यों को हानि नहीं पहुंचाते हैं।
नाग पंचमी पर करें सर्प सूक्त स्तोत्र का पाठ
ब्रह्मलोकेषु ये सर्पा शेषनाग परोगमा: ।
नमोस्तुतेभ्य: सर्पेभ्य: सुप्रीतो मम सर्वदा।।
इन्द्रलोकेषु ये सर्पा: वासुकि प्रमुखाद्य: ।
नमोस्तुतेभ्य: सर्पेभ्य: सुप्रीतो मम सर्वदा।।
कद्रवेयश्च ये सर्पा: मातृभक्ति परायणा ।
नमोस्तुतेभ्य: सर्पेभ्य: सुप्रीतो मम सर्वदा ।।
इन्द्रलोकेषु ये सर्पा: तक्षका प्रमुखाद्य ।
नमोस्तुतेभ्य: सर्पेभ्य: सुप्रीतो मम सर्वदा ।।
सत्यलोकेषु ये सर्पा: वासुकिना च रक्षिता ।
नमोस्तुतेभ्य: सर्पेभ्य: सुप्रीतो मम सर्वदा ।।
यह भी पढ़ें:नाग पंचमी पर क्यों नहीं बनाई जाती रोटी? जानें क्या वाकई ऐसा करना होता है अशुभ
मलये चैव ये सर्पा: कर्कोटक प्रमुखाद्य ।
नमोस्तुतेभ्य: सर्पेभ्य: सुप्रीतो मम सर्वदा ।।
पृथिव्यां चैव ये सर्पा: ये साकेत वासिता ।
नमोस्तुतेभ्य: सर्पेभ्य: सुप्रीतो मम सर्वदा ।।
सर्वग्रामेषु ये सर्पा: वसंतिषु संच्छिता ।
नमोस्तुतेभ्य: सर्पेभ्य: सुप्रीतो मम सर्वदा ।।
ग्रामे वा यदि वारण्ये ये सर्पप्रचरन्ति ।
नमोस्तुतेभ्य: सर्पेभ्य: सुप्रीतो मम सर्वदा ।।
समुद्रतीरे ये सर्पाये सर्पा जंलवासिन: ।
नमोस्तुतेभ्य: सर्पेभ्य: सुप्रीतो मम सर्वदा ।।
रसातलेषु ये सर्पा: अनन्तादि महाबला: ।
नमोस्तुतेभ्य: सर्पेभ्य: सुप्रीतो मम सर्वदा ।।
।। इति श्री सर्प सूक्त पाठ।।
नाग पंचमी पर सर्प सूक्त स्तोत्र पाठ के लाभ
सर्प सूक्त स्तोत्र वेदों से लिया गया एक शक्तिशाली मंत्र संग्रह है जिसका पाठ सर्पों के भय को दूर करने और काल सर्प दोष के नकारात्मक प्रभावों को शांत करने के लिए किया जाता है। सर्प सूक्त स्तोत्र का पाठ करने से व्यक्ति के मन से सर्पों का भय दूर होता है। यह उन लोगों के लिए विशेष रूप से लाभकारी है जिन्हें सर्प दंश या सर्प से संबंधित किसी भी प्रकार का डर सताता है।
जिनकी कुंडली में काल सर्प दोष है उन्हें इस स्तोत्र का पाठ अवश्य करना चाहिए। यह राहु और केतु के अशुभ प्रभावों को कम करता है जिससे जीवन में आने वाली बाधाएं, संघर्ष और परेशानियां दूर होती हैं। यह स्तोत्र कुंडली में ग्रहों के अशुभ प्रभावों को शांत करने में भी मदद करता है, खासकर राहु और केतु से संबंधित दोषों को। इससे जीवन में स्थिरता और शांति आती है।
सर्प सूक्त स्तोत्र का पाठ घर और आसपास की नकारात्मक ऊर्जा को दूर करता है। यह सकारात्मकता का संचार करता है और वातावरण को शुद्ध बनाता है। नाग देवता को धन का रक्षक भी माना जाता है। इस स्तोत्र का पाठ करने से आर्थिक संपन्नता आती है और रोगों से मुक्ति मिलती है जिससे व्यक्ति स्वस्थ और समृद्ध जीवन जीता है।
यह स्तोत्र व्यक्ति को सभी प्रकार के अनिष्टों, दुर्घटनाओं और अचानक आने वाली परेशानियों से बचाता है। यह एक प्रकार का सुरक्षा कवच प्रदान करता है। सुबह स्नान आदि से निवृत्त होकर स्वच्छ वस्त्र धारण करें। नाग देवताओं की प्रतिमा या चित्र स्थापित करें। उन्हें दूध, जल, फूल, दूर्वा, चंदन आदि अर्पित करें। इसके बाद शांत मन से सर्प सूक्त स्तोत्र का पाठ करें।
अगर हमारी स्टोरीज से जुड़े आपके कुछ सवाल हैं, तो वो आप हमें कमेंट बॉक्स में बता सकते हैं और अपना फीडबैक भी शेयर कर सकते हैं। हम आप तक सही जानकारी पहुंचाने का प्रयास करते रहेंगे। अगर आपको ये स्टोरी अच्छी लगी है, तो इसे शेयर जरूर करें। ऐसी ही अन्य स्टोरी पढ़ने के लिए जुड़ी रहें हरजिंदगी से।
image credit: herzindagi
HerZindagi ऐप के साथ पाएं हेल्थ, फिटनेस और ब्यूटी से जुड़ी हर जानकारी, सीधे आपके फोन पर! आज ही डाउनलोड करें और बनाएं अपनी जिंदगी को और बेहतर!
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों