most divine mantra to chant in jyeshtha month

ज्येष्ठ माह में किस मंत्र का जाप सबसे ज्यादा शुभ माना जाता है?

अगर आप अलग-अलग मंत्रों का जाप नहीं कर सकते हैं तो ऐसे में सिर्फ 1 ऐसे मंत्र का जाप करें जिससे सभी देवता प्रसन्न होकर आप पर कृपा बरसाएं। 
Editorial
Updated:- 2025-05-20, 08:30 IST

ज्येष्ठ माह में भगवान विष्णु, हनुमान जी और शनि देव की पूजा का विशेष विधान है। ऐसा माना जाता है कि इस माह में इन तीनों देवताओं की आराधना करने से न सिर्फ जीवन के दुखों का निवारण होता है बल्कि सुखों का आगमन भी होता है। शास्त्रों में यह बताया गया है कि ज्येष्ठ माह में ज्यादा से ज्यादा भगवान विष्णु, हनुमान जी और शनिदेव के मंत्रों का जाप करना चाहिए, लेकिन अगर आप अलग-अलग मंत्रों का जाप नहीं कर सकते हैं तो ऐसे में सिर्फ 1 ऐसे मंत्र का जाप करें जिससे सभी देवता प्रसन्न होकर आप पर कृपा बरसाएं। ज्योतिषाचार्य राधाकांत वत्स ने हमें बताया कि ज्येष्ठ माह में किस मंत्र का जाप करना सबसे ज्यादा शुभ होता है।

ज्येष्ठ माह में किस मंत्र का जाप सबसे ज्यादा करें और क्या हैं लाभ?

jyeshtha mah mein sabse jyada kis mantra ka jaap kare

ज्येष्ठ माह में सभी देवी-देवताओं की कृपा एक साथ पाने के लिए 'ॐ नमस्ते परमं ब्रह्मा नमस्ते परमात्मने। निर्गुणाय नमस्तुभ्यं सदुयाय नमो नमः।।' मंत्र का जाप करें। इस मंत्र का जाप करने से सभी देवी-देवताओं की शुभता प्राप्त होती है। सभी देवी-देवता प्रसन्न होकर आशीर्वाद देते हैं और व्यक्ति के संकटों को हर लेते हैं।

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ज्येष्ठ माह में इस मंत्र का जाप करने से अलग-अलग ग्रहों द्वारा मिलने वाले दुष्परिणाम भी शुभता में बदल जाते हैं। इस मंत्र का जाप करने से मन को शांति मिलती है। ज्येष्ठ माह के दौरान इस मंत्र का जाप व्यक्ति के अंदर की नकारात्मक ऊर्जा को दूर करने और सकारात्मक विचारों को बढ़ावा देने में बहुत मदद करता है।

ज्येष्ठ माह में किया गया इस मंत्र का जाप जीवन में स्थिरता और सुरक्षा लाता है। ज्यष्ठ महा में पूर्ण श्रद्धा और भक्ति भाव से इस मंत्र का जाप करने से धीरे-धीरे सभी देवी-देवताओं की दिव्यता और उनकी शक्तियां व्यक्ति के भीतर जागृत होने लग जाती है। ज्येष्ठ माह में इस मंत्र का जाप करने से जीवन में सुख-समृद्धि आती है।

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ज्येष्ठ माह के दौरान इस मंत्र का जाप करने के कुछ नियम भी हैं। इस मंत्र का जाप शुरू करने से पहले स्नान करके शुद्ध वस्त्र धारण करें और फिर मंदिर के आगे आसन बिछाकर बैठ जाएं। इसके बाद सभी देवी-देवताओं का ध्यान करते हुए अपनी क्षमता अनुसार मंत्र का जाप करें। मंत्र जाप समाप्त होने के बाद प्रार्थना करें और आसन उठाएं।

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FAQ
ज्येष्ठ माह में किन पेड़-पौधों की पूजा होती है?
ज्येष्ठ माह में वट वृक्ष (बरगद के पेड़) की पूजा का विधान है।
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