Mahashivratri 2024: शिवजी को प्रसन्न करने के लिए जरूर करें लिंगाष्टकम स्तोत्र का पाठ

फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को महाशिवरात्रि का पर्व मनाया जाता है। जहां कई स्थानों पर आज यानी कि 8 मार्च के दिन महाशिवरात्रि का व्रत रखा जा रहा है तो वहीं, कुछ स्थानों पर कल शिवलिंग पूजन किया जाएगा।  

lingashtakam stotram ka path

Lingashtakam Stotra Ka Path: फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को महाशिवरात्रि का पर्व मनाया जाता है। जहां कई स्थानों पर आज यानी कि 8 मार्च के दिन महाशिवरात्रि का व्रत रखा जा रहा है तो वहीं, कुछ स्थानों पर कल शिवलिंग पूजन किया जाएगा। इसी अवसर पर ज्योतिषाचार्य राधाकांत वत्स ने हमें बताया कि महाशिवरात्रि के दिन लिंगाष्टकम स्तोत्र का पाठ अवश्य करना चाहिए। आइये जानते है इस पाठ का महत्व एवं लाभ।

लिंगाष्टकम स्तोत्र का पाठ (Lingashtakam Stotra Ka Path)

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ब्रह्ममुरारिसुरार्चितलिङ्गं निर्मलभासितशोभितलिङ्गम्। जन्मजदुःखविनाशकलिङ्ग तत्प्रणमामि सदाशिवलिङ्गम् ॥1॥

देवमुनिप्रवरार्चितलिङ्गं कामदहं करुणाकरलिङ्गम्। रावणदर्पविनाशन लिङ्गं तत्प्रणमामि सदाशिवलिङ्गम् ॥2॥(हर हर महादेव क्यों बोला जाता है?)

सर्वसुगन्धिसुलेपितलिङ्गं बुद्धिविवर्धन कारणलिङ्गम्। सिद्धसुराऽसुरवन्दितलिङ्गं तत्प्रणमामि सदाशिवलिङ्गम् ॥3॥

कनकमहामणिभूषितलिङ्गं फणिपतिवेष्टितशोभितलिङ्गम्। दक्षसुयज्ञविनाशनलिङ्ग तत्प्रणमामि सदाशिवलिङ्गम् ॥4॥

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कुंकुमचन्दनलेपितलिङ्गं पंकजहारसुशोभितलिङ्गम्। सञ्चितपापविनाशनलिङ्गं तत्प्रणमामि सदाशिवलिङ्गम् ॥5॥

देवगणार्चितसेवितलिङ्गं भावैर्भक्तिभिरेव च लिङ्गम्। दिनकरकोटि प्रभाकरलिङ्गं तत्प्रणमामि सदाशिवलिङ्गम् ॥6॥

अष्टदलोपरि वेष्टितलिङ्गं सर्वसमुद्भव कारणलिङ्गम्। अष्टदरिद्र विनाशितलिङ्गं तत्प्रणमामि सदाशिवलिङ्गम् ॥7॥

सुरगुरुसुरवर-पूजितलिङ्गं सुरवनपुष्पसदार्चितलिङ्गम्। परात्परं परमात्मकलिङ्गं तत्प्रणमामि सदाशिव लिङ्गम् ॥8॥

लिङ्गाष्टकमिदं पुण्यं यः पठेच्छिवसन्निधौ। शिवलोकमवाप्नोति शिवेन सह मोदते ॥9॥

।। इति लिंगाष्टकम स्तोत्र सम्पूर्णम्।।

लिंगाष्टकम स्तोत्र पाठ के लाभ (Lingashtakam Stotra Path Ke Labh)

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लिंगाष्टकम स्तोत्र का पाठ करने से भगवान शिव जल्दी प्रसन्न हो जाते हैं और अपनी कृपा व्यक्ति पर बरसाने लगते हैं। लिंगाष्टकम स्तोत्र का पाठ करने से जीवन के संकटों से मुक्ति मिलती है। इस स्तोत्र के पाठ से व्यक्ति को समस्त प्रकार का वैभव मिलता है।

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इसके अलावा, इस पाठ को लेकर ऐसा भी वर्णित है कि 8 श्लोकों वाले इस स्तोत्र के पाठ से अगर आपके पारिवारिक जीवन में बहुत उथल-पुथल चल रही है तो वह भी दूर हो जाती है। पारिवारिक शांति का घर में वास होता है और क्लेश का नाश होता है।

इस स्तोत्र का पाठ हमेशा भगवान शिव की पूजा संपन्न करने के बाद किया जाता है। इस पाठ को हाथ में जल रख कर करना और भी लाभदायक सिद्ध होता है। लिंगाष्टकम स्तोत्र का पाठ करने से सभी मनोकामनाओं की पूर्ती होती है और वो भी शीघ्रता से।

आप भी इस लेख में दी गई जानकारी के माध्यम से यह जान सकते हैं कि आखिर महाशिवरात्रि के दिन लिंगाष्टकम स्तोत्र का पाठ करने से कौन से लाभ व्यक्ति को प्राप्त हो सकते हैं। अगर हमारी स्टोरीज से जुड़े आपके कुछ सवाल हैं, तो वो आप हमें आर्टिकल के नीचे दिए कमेंट बॉक्स में बताएं। हम आप तक सही जानकारी पहुंचाने का प्रयास करते रहेंगे। अगर आपको ये स्टोरी अच्छी लगी है, तो इसे शेयर जरूर करें। ऐसी ही स्टोरी पढ़ने के लिए जुड़ी रहें हरजिंदगी से।

image credit: herzindagi

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