प्रदोष व्रत, भगवान शिव को समर्पित एक ऐसा व्रत है जो हर महीने की त्रयोदशी तिथि को रखा जाता है। यह तिथि महीने में दो बार आती है - एक कृष्ण पक्ष में और दूसरी शुक्ल पक्ष में। प्रदोष का अर्थ होता है शाम का समय, और यह व्रत शाम के समय, विशेषकर सूर्यास्त के बाद और रात्रि से पहले, भगवान शिव की पूजा के लिए अति उत्तम माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि इस दौरान भगवान शिव प्रसन्न मुद्रा में कैलाश पर्वत पर नृत्य करते हैं और अपने भक्तों की मनोकामनाएं पूरी करते हैं। यह व्रत सभी प्रकार की मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए रखा जाता है। चाहे वह धन, स्वास्थ्य, विवाह, संतान या मोक्ष की इच्छा हो, भगवान शिव अपने भक्तों की हर इच्छा को पूर्ण करते हैं। प्रदोष व्रत करने से व्यक्ति के सभी पापों और दोषों का नाश होता है। खासकर चंद्र दोष से पीड़ित व्यक्तियों के लिए यह व्रत अत्यंत लाभदायक माना जाता है। अब ऐसे में अगर आप भगवान शिव की पूजा कर रही हैं तो उन्हें क्या-क्या चढ़ाने से लाभ हो सकता है। आइए इस लेख में ज्योतिषाचार्य पंडित अरविंद त्रिपाठी से विस्तार से जानते हैं।
जून प्रदोष व्रत के दिन भगवान शिव को चढ़ाएं दही
प्रदोष व्रत भगवान शिव को समर्पित एक महत्वपूर्ण व्रत है, जो हर महीने की त्रयोदशी तिथि को आता है. इस दिन संध्या काल में भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा का विशेष महत्व है। ऐसा माना जाता है कि इस समय महादेव कैलाश पर्वत पर प्रसन्न मुद्रा में नृत्य करते हैं और अपने भक्तों की हर मनोकामना पूर्ण करते हैं। ज्योतिष शास्त्र में दही का संबंध चंद्र ग्रह से माना जाता है। चंद्र मन और भावनाओं का कारक है। प्रदोष व्रत के दिन भगवान शिव को दही चढ़ाने से कुंडली में चंद्रमा की स्थिति मजबूत होती है, जिससे मानसिक शांति और भावनात्मक स्थिरता प्राप्त होती है।
जून प्रदोष व्रत के दिन भगवान शिव को चढ़ाएं कच्चा दूध
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, भगवान शिव को कच्चा दूध चढ़ाने से शारीरिक और मानसिक रोगों से मुक्ति मिलती है। यह स्वास्थ्य और आरोग्य प्रदान करने वाला माना जाता है। सच्चे मन से प्रदोष व्रत के दिन भगवान शिव को कच्चा दूध अर्पित करने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। चाहे वह धन, संतान, विवाह, नौकरी या किसी अन्य इच्छा से संबंधित हो। कच्चा दूध सकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित करता है और नकारात्मक ऊर्जा को दूर भगाता है। इसे चढ़ाने से घर में सुख-शांति और समृद्धि आती है।
इसे जरूर पढ़ें - भगवान शिव के प्रसन्न होने पर मिलते हैं ये संकेत
जून प्रदोष व्रत के दिन भगवान शिव को चढ़ाएं शहद
शहद को शुद्धता और पवित्रता का प्रतीक माना जाता है। शहद की मिठास जीवन में मिठास और शांति लाने का प्रतीक है। शहद को ऊर्जा और शक्ति का स्रोत माना जाता है। कई देवी-देवताओं को शहद अत्यंत प्रिय होता है, और उन्हें शहद अर्पित करने से वे प्रसन्न होते हैं। शहद की मिठास संबंधों में मधुरता और प्रेम लाने का प्रतीक है।
इसे जरूर पढ़ें - Bhagwan Shiv: आपके जीवन से जुड़ा है भगवान शिव के इन प्रतीकों का रहस्य
अगर हमारी स्टोरीज से जुड़े आपके कुछ सवाल हैं, तो वो आप हमें कमेंट बॉक्स में बता सकते हैं और अपना फीडबैक भी शेयर कर सकते हैं। हम आप तक सही जानकारी पहुंचाने का प्रयास करते रहेंगे। अगर आपको ये स्टोरी अच्छी लगी है, तो इसे शेयर जरूर करें। ऐसी ही अन्य स्टोरी पढ़ने के लिए जुड़ी रहें हरजिंदगी से।
Image Credit- HerZindagi
HerZindagi ऐप के साथ पाएं हेल्थ, फिटनेस और ब्यूटी से जुड़ी हर जानकारी, सीधे आपके फोन पर! आज ही डाउनलोड करें और बनाएं अपनी जिंदगी को और बेहतर!
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों