हिंदू धर्म में भगवान शिव और देवी पार्वती का स्थान सर्वोपरि है। इन दोनों के मिलन और कल्याणकारी स्वरूप को समर्पित कई पर्व और व्रत मनाए जाते हैं, जिनमें 'मासिक शिवरात्रि' का अपना एक विशेष महत्व है। जैसा कि नाम से ही स्पष्ट है, यह हर महीने आने वाली शिवरात्रि है, जो भक्तों को भगवान शिव की कृपा प्राप्त करने का अवसर प्रदान करती है। प्रत्येक माह की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मासिक शिवरात्रि मनाई जाती है। यह दिन भगवान शिव को समर्पित होता है और इस दिन विधि-विधान से शिव जी की पूजा-अर्चना और व्रत रखने का विधान है। अब ऐसे में जून महीने में पड़ने वाली मासिक शिवरात्रि के दिन पार्थिव शिवलिंग की पूजा करने का विधान है। आइए इस लेख में ज्योतिषाचार्य पंडित अरविंद त्रिपाठी से विस्तार से जानते हैं।
जून मासिक शिवरात्रि के दिन पार्थिव शिवलिंग की पूजा किस विधि से करें?
सबसे पहले साफ और शुद्ध मिट्टी लें। ध्यान रहे कि मिट्टी में कोई अशुद्धि न हो।
मिट्टी को पानी (गंगाजल हो तो उत्तम) मिलाकर अच्छी तरह गूंथ लें ताकि वह मुलायम हो जाए और शिवलिंग बनाने में आसानी हो।
अब श्रद्धापूर्वक मिट्टी से शिवलिंग का निर्माण करें। शिवलिंग का आकार अपनी सुविधानुसार रख सकते हैं, लेकिन यह बहुत बड़ा या बहुत छोटा नहीं होना चाहिए। शिवलिंग के साथ ही एक छोटी नंदी की प्रतिमा भी बना सकते हैं।
यदि समय हो, तो शिवलिंग को कुछ देर के लिए हल्की धूप में या हवा में सूखने दें ताकि वह थोड़ा मजबूत हो जाए।
पूजा शुरू करने से पहले स्नान करके स्वच्छ वस्त्र धारण करें। एक स्वच्छ आसन पर बैठें और हाथ में थोड़ा जल लेकर संकल्प लें कि आप अपनी मनोकामना पूर्ति के लिए पार्थिव शिवलिंग की पूजा कर रहे हैं।
पूजा स्थल को गंगाजल से शुद्ध करें।
एक साफ चौकी या थाली पर थोड़ा अक्षत बिछाकर उस पर बनाए गए पार्थिव शिवलिंग को स्थापित करें। नंदी को शिवलिंग के सामने रखें।
भगवान शिव का ध्यान करें और मन ही मन 'ऊं नमः शिवाय' मंत्र का जाप करें।
सबसे पहले शिवलिंग पर गंगाजल या शुद्ध जल से अभिषेक करें।
अब पंचामृत से अभिषेक करें। अभिषेक करते समय 'ॐ नमः शिवाय' का जाप करते रहें। अभिषेक के बाद फिर से शुद्ध जल से अभिषेक करें।
यदि संभव हो, तो शिवलिंग को छोटा सा वस्त्र या जनेऊ अर्पित करें।
'ऊं नमः शिवाय' मंत्र का कम से कम 108 बार जाप करें। आप शिव तांडव स्तोत्र या महामृत्युंजय मंत्र का पाठ भी कर सकते हैं।
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जून मासिक शिवरात्रि के दिन भगवान शिव की पूजा करने के नियम
यदि संभव हो, तो मासिक शिवरात्रि के दिन व्रत रखें। व्रत के दौरान केवल फल, दूध और पानी का सेवन करें।
पूजा के दिन सात्विक भोजन करें और तामसिक भोजन करने से बचें।
पूजा के दौरान अपने मन को शांत और शुद्ध रखें। भगवान शिव पर ध्यान केंद्रित करें।
यदि आप व्रत रख रहे हैं, तो दिनभर निराहार रहें। संध्याकाल में पूजा के बाद फलाहार कर सकते हैं।
व्रती जातक इस दिन सोने से बचें।
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