Krishna Saying: कोई भी निर्णय लेने में होती है उलझन तो कैसे करें सही-गलत का फैसला?

आज हम इस लेख में उन लोगों की बात कर रहे हैं जो अक्सर अपनी लाइफ से जुड़े डिसिशन लेते समय सही-गलत का फैसला नहीं कर पाते हैं। शास्त्रों में इस बात का क्या सौल्यूशन दिया गया है, आइये जानते हैं। 
What does the bhagavad gita say about making decisions based on fear

हम में से ऐसे बहुत से लोग होंगे जो जीवन में कभी न कभी इस मोड़ पर आकर खड़े हुए होंगे जब सही क्या है और गलत क्या है इसे समझते हुए निर्णय लेना आवश्यक हुआ होगा, लेकिन या तो हम निर्णय ले ही नहीं पाए होंगे या फिर निर्णय गलत सिद्ध हुआ होगा। हां, कुछ ऐसे भी लोग होंगे जिनका निर्णय उनके लिए सही सिद्ध हुआ हो मगर आज हम इस लेख में उन लोगों की बात कर रहे हैं जो अक्सर अपनी लाइफ से जुड़े डिसिशन लेते समय सही-गलत का फैसला नहीं कर पाते हैं। ज्योतिषाचार्य राधाकांत वत्स ने हमें बताया कि ऐसी कोई समस्या या परिस्थिति नहीं जिसका उत्तर ह्म्कारे शास्त्रों में न हो, इसी कड़ी में आज हम इस बात का उत्तर भी शास्त्रों के माध्यम से ही जानेंगे कि आखिर उचित-अनुचित को भांपते हुए कैसे निर्णय लिया जाए किसी भी कंडीशन में।

निर्णय लेते हुए धर्म का करें पालन

Be free from fear be fearless Bhagavad Gita in Sanskrit

आप अपने लिए निर्णय ले रहे हैं या किसी अन्य के लिए, इस बात का ध्यान रखें कि निर्णय धर्म सांगत होना चाहिए यानी कि पक्षपात न करें और ईमानदारी के साथ किसी निर्णय पर पहुंचे। ऐसा नहीं करना है कि खुद को बचाने या अपने किसी को बचाने के लिए आप अन्याय कर बैठें। याद रखें दूसरों के साथ किया गया अन्याय लौट कर चौगुने रूप में आपको मिलेगा।

निर्णय लेते हुए भावनाओं को करें कंट्रोल

निर्णय लेते समय किसी भी प्रकार की भावना जैसे कि लोभ, मोह, ईर्ष्या, लालच आदि को खुद पर हावी न होने दें। ऐसी भावनाओं के कारण आप किसी गलत नतीजे पर पहुंच सकते हैं जिससे आपको आगे चलकर किसी न किसी बड़ी मुसीबत का सामना करना पड़ सकता है। अगर आप पर भावनाएं हावी होती हैं तो ऐसे में फ़ौरन निर्णय न लें, खुद को समय दें तो चीजों को समझें।

निर्णय लेते हुए अपनी इन्ट्यूशन को समझें

निर्णय लेते समय कभी भी किसी एक तरफा बात को जानकार किसी नतीजे पर न पहुंचे। हर पहलु के दो सिक्के होते हैं, ऐसे में यह जरूरी है कि दोनों पहलुओं को अच्छे से समझा जाए नहीं तो इससे या तो आप खुद के साथ अन्याय कर बैठेंगे या किसी दूसरे के साथ। कोशिश करें कि निर्णय लेते समय जो आपका इन्ट्यूशन बोल रहा है उसी पर अपने निर्णय को आधारित करें।

यह भी पढ़ें:Hindu Beliefs: गले में लॉकेट पहनना चाहिए या नहीं? जानें इसके शुभ-अशुभ प्रभाव

निर्णय लेते हुए परिणामों पर विचार करें

Bhagavad Gita Quotes On fear in Hindi

किसी भी प्रकार का निर्णय लेने से पहले इस बात पर गौर कर लें कि आपने जो डिसिशन लिया है उसका कैसा प्रभाव पड़ सकता है, विशेष रूप से बुरे नतीजों के बारे में पहले सोचें क्योंकि अगर कोई बुरा परिणाम नहीं नजर आएगा तो अपने आप समझ आ जाएगा कि आपके निर्णय से पॉजिटिव इफ़ेक्ट आपकी लाइफ पर पड़ेगा। निर्णय लेते समय अपने पूर्व अनुभवों से सीखी हुई बात को अमल करें।

अगर हमारी स्टोरीज से जुड़े आपके कुछ सवाल हैं, तो वो आप हमें कमेंट बॉक्स में बता सकते हैं और अपना फीडबैक भी शेयर कर सकते हैं। हम आप तक सही जानकारी पहुंचाने का प्रयास करते रहेंगे। अगर आपको ये स्टोरी अच्छी लगी है, तो इसे शेयर जरूर करें। ऐसी ही अन्य स्टोरी पढ़ने के लिए जुड़ी रहें हरजिंदगी से।

image credit: herzindagi

HzLogo

HerZindagi ऐप के साथ पाएं हेल्थ, फिटनेस और ब्यूटी से जुड़ी हर जानकारी, सीधे आपके फोन पर! आज ही डाउनलोड करें और बनाएं अपनी जिंदगी को और बेहतर!

GET APP

FAQ

  • शास्त्रों के अनुसार कैसा होना चाहिए एक सफल जीवन?

    शास्त्रों के अनुसार, एक सफल जीवन का अर्थ केवल धन और भौतिक सुखों की प्राप्ति नहीं बल्कि आप कितना दूसरों के प्रति परोपकार की भावना रखते हैं, कितना सत्कर्म करते हैं और कितना आध्यात्म से जुड़ते हैं, इस पर आधारित है।