radha ashtami 2025 vrat paran muhurat

Radha Ashtami Vrat Paran Vidhi & Muhurat 2025: कैसे करें राधा अष्टमी के व्रत का पारण? जानें सही विधि और मुहूर्त

शास्त्रों में बताया गया है कि जितना महत्वपूर्ण व्रत रखना है उतना ही जरूरी है व्रत का पारण करना। ऐसे में आइये जानते हैं कि राधा अष्टमी व्रत के पारण की सही विधि और शुभ समय क्या है। 
Editorial
Updated:- 2025-08-31, 05:05 IST

राधा अष्टमी का व्रत भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को रखा जाता है जो भगवान श्री कृष्ण की प्रिय राधा रानी के जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है। इस व्रत को करने से भक्तों को न केवल राधा रानी का आशीर्वाद मिलता है, बल्कि भगवान श्री कृष्ण भी प्रसन्न होते हैं। यह माना जाता है कि राधा अष्टमी का व्रत करने से सभी पापों से मुक्ति मिलती है, जीवन में सुख-समृद्धि आती है और प्रेम संबंधों में मधुरता बढ़ती है। जो भक्त इस दिन पूरी श्रद्धा से राधा रानी की पूजा करते हैं उनकी सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। इस साल राधा अष्टमी का व्रत 31 अगस्त को रखा जाएगा। शास्त्रों में बताया गया है कि जितना महत्वपूर्ण व्रत रखना है उतना ही जरूरी है व्रत का पारण करना। ऐसे में ज्योतिषाचार्य राधाकांत वत्स से आइये जानते हैं कि राधा अष्टमी व्रत के पारण की सही विधि और शुभ समय क्या है।

राधा अष्टमी 2025 व्रत पारण मुहूर्त

राधा अष्टमी का व्रत अष्टमी तिथि समाप्त होने और नवमी तिथि लगने के बाद ही खोला जाता है। ऐसे में राधा अष्टमी के व्रत का पारण 1 सितंबर, सोमवार के दिन होगा।

radha ashtami 2025 vrat paran ki vidhi

1 सितंबर 2025 को राधा अष्टमी के व्रत का पारण सुबह 5 बजकर 59 मिनट से सुबह 7 बजकर 35 मिनट के बीच किया जा सकता है। व्रत खोलने से पहले राधा रानी की पूजा करें।

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राधा अष्टमी 2025 व्रत पारण विधि

राधा अष्टमी के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और राधा-कृष्ण की प्रतिमा के सामने विधिवत पूजा करें। इस पूजा में राधा रानी और श्री कृष्ण को भोग लगाएं।

भोग में सात्विक चीजें जैसे फल, खीर, मेवे और मिठाई शामिल करें। फिर फल, फूल, धूप, दीप, चंदन आदि राधा रानी को चढ़ाते हुए उनके नाम का जाप करें।

इसके बाद, जब पूजा पूरी हो जाए तब राधा रानी की आरती करें। पहले सिर्फ राधा रानी की आरती गाएं। इसके बाद आप राधा-कृष्ण की आरती गा सकते हैं।

radha ashtami 2025 vrat paran ka muhurat

जब आरती और पूजा संपन्न हो जाए, तब सबसे पहले लगाए गए भोग को प्रसाद के रूप में ग्रहण करें। शास्त्रों के अनुसार, प्रसाद ग्रहण करके ही व्रत खोला जाता है।

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व्रत खोलते समय कोशिश करें कि अनाज और ऐसे खाद्य पदार्थ न खाएं जो व्रत के दौरान वर्जित होते हैं। आप पानी, फलों का रस, दूध, और फल खाकर भी व्रत का पारण कर सकते हैं।

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image credit: herzinagi 

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FAQ
राधा अष्टमी के दिन क्या दान करें?
राधा अष्टमी के दिन अन्न, धन, कपड़े, फल और हरी सब्जियां दान करने से राधा रानी की कृपा प्राप्त होती है और घर में सुख-समृद्धि आती है।
राधा अष्टमी के दिन क्या नहीं करना चाहिए?
राधा अष्टमी के दिन झूठ न बोलें और न किसी के साथ छल करें। तामसिक आहार का सेवन करने से बचें और दिखावे की पूजा न करें।
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