कब और कैसे बदला जाता है जगन्नाथ मंदिर का झंडा? जानें कौन करता है ये जोखिम भरा काम

ऐसा माना जाता है कि जगन्नाथ मंदिर पर लहराता हुआ यह झंडा नकारात्मक ऊर्जाओं का नाश करता है और सकारात्मकता बढ़ाता है। इसी कड़ी में आज हम जगन्नाथ मंदिर के झंडे से जुड़ी कुछ और जरूरी बातें जानेंगे।
What is the science behind the Jagannath Temple flag

जगन्नाथ मंदिर से जुड़े कई रहस्यों में से एक है इस मंदिर के झंडे का रहस्य। जगन्नाथ मंदिर के झंडे को विश्वास और सुरक्षा का प्रतीक माना जाता है। सबसे अद्भुत बात यह है कि यह झंडा हवा की दिशा के विपरीत लहराता है जो आज तक एक रहस्य बना हुआ है और इसे दैवीय शक्ति का संकेत माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि जगन्नाथ मंदिर पर लहराता हुआ यह झंडा नकारात्मक ऊर्जाओं का नाश करता है और सकारात्मकता बढ़ाता है। इसी कड़ी में आज हम जगन्नाथ मंदिर के झंडे से जुड़ी कुछ और जरूरी बातें जानेंगे ज्योतिषाचार्य राधाकांत वत्स से।

कब बदला जाता है जगन्नाथ मंदिर का झंडा?

जगन्नाथ मंदिर का झंडा हर दिन बदला जाता है। यह परंपरा सदियों से चली आ रही है और मंदिर के नियमों का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।

Jagannath Puri flag fire

इसे आमतौर पर सूर्यास्त के समय बदला जाता है हालांकि सर्दियों में शाम 5 बजे और गर्मियों में शाम 6 बजे के आसपास इसे बदलने का समय थोड़ा परिवर्तित हो सकता है। यह माना जाता है कि यदि किसी दिन यह झंडा नहीं बदला गया तो मंदिर 18 साल के लिए बंद हो सकता है इसलिए यह परंपरा बिना किसी रुकावट के निभाई जाती है।

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कैसे बदला जाता है जगन्नाथ मंदिर का झंडा?

जगन्नाथ मंदिर का झंडा बदलना एक अनोखी और सदियों पुरानी परंपरा है जिसके तहत सबसे पहले पुराने झंडे को नीचे उतारा जाता है और उसकी जगह एक नया त्रिकोणीय झंडा लगाया जाता है। यह प्रक्रिया केवल एक कर्मकांड नहीं है बल्कि भगवान जगन्नाथ के प्रति गहरी श्रद्धा और भक्ति का प्रतीक है। जगन्नाथ मंदिर के इस झंडे को लेकर ऐसा भी कहा जाता है कि यह झंडा कई प्रकार के शुभ या अशुभ संकेत भी देता है जो होने वाली घटनाओं की ओर इशारा करते हैं।

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कौन बदलता है जगन्नाथ मंदिर का झंडा?

जगन्नाथ मंदिर का झंडा बदलने का काम एक विशेष परिवार के सदस्य करते हैं, जिन्हें 'चुनरा सेवक' या 'चोला परिवार' कहा जाता है। यह परिवार पिछले 800 सालों से भी अधिक समय से इस पवित्र कार्य को करता आ रहा है। वे बिना किसी सुरक्षा उपकरण के हर दिन मंदिर के 214 फुट ऊंचे शिखर पर चढ़कर पुराने झंडे को उतारते हैं और नया झंडा लगाते हैं। यह भी किसी चमत्कार से कम नहीं कि आजतक इनके परिवार के किसी सदस्य को झंडा लगाते समय कोई चोट या हानि नहीं हुई है।

Jagannath Puri Temple Flag story in Hindi

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image credit: herzindagi

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FAQ

  • जगन्नाथ मंदिर में 22 सीढ़ियां क्यों हैं?

    पुरी जगन्नाथ धाम मंदिर में कुल 22 सीढ़ियां हैं जिसे 'बैसी पहाचा' भी कहते हैं और ये सभी सीढ़ियां मानव जीवन की बाईस कमजोरियों का प्रतीक हैं।