garba dandiya history

Shardiya Navratri 2023: आखिर नवरात्रि में ही क्यों खेला जाता है गरबा-डांडिया का खेल, जानिए शास्त्रों में कहां मिलता है इसका वर्णन

शारदीय नवरात्रि के पर्व में पूरा देश मां दुर्गा की पूजा और जयकारों से गूंज उठता है। लेकिन गुजरात में इसे मनाने का सबसे अलग अंदाज है।
Editorial
Updated:- 2023-10-13, 10:59 IST

नवरात्रि महोत्सव आते ही हर किसी का उत्साह डांडिया और गरबा खेलने के लिए देखा जाता है। इस त्यौहार में लोग एक साथ इकट्ठा होकर डांडिया और गरबा खेलते हैं। नवरात्रि उत्सव पर  डांडिया और गरबा का आयोजन हर जगह करवाया जाता है।

गुजरात और महाराष्ट्र में इसका खास महत्व है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि आखिर नवरात्रि में डांडिया या गरबा क्यों खेला जाता है? यह किसी और पर्व में क्यों नहीं खेला जाता।

नवरात्रि में ही इसे खेलने की शुरुआत क्यों हुई, आखिर इसकी शुरुआत कैसे हुई? आज के इस आर्टिकल में हम आपको इसकी जानकारी विस्तार से देंगे। 

आइए इस लेख में ज्योतिषाचार्य पंडित अरविंद त्रिपाठी से विस्तार से इन सभी के बारे में जानते हैं। 

नवरात्रि में गरबा और डांडिया क्यों खेलते हैं? 

garba dandiya and

गरबा और डांडिया इन दो खेलों का इतिहास गुजरात से जुड़ा हुआ है। यहां से ही इसकी उत्पती हुई थी। ये नृत्य केवल नवरात्रि के दौरान ही किए जाते हैं। क्योंकि ये नृत्य देवी दुर्गा और राक्षस महिषासुर के बीच नौ दिवसीय युद्ध का दर्शाने और विजय का प्रतीक माना जाता है, इसमें देवी दुर्गा विजयी हुई थी।

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गरबा नृत्य

history of garba dandiya significance

परंपरागत रूप से, गरबा एक मिट्टी का बर्तन होता है, जिसके अंदर एक दीपक होता है, जिसे गुजरात में 'गरबी' कहा जाता है। गरबा नृत्य इन मिट्टी के बर्तनों के आसपास किया जाता है, जिन्हें 'गर्भ दीप' कहा जाता है।

इस खेल का मतलब होता है कि पुरुष और महिलाएं देवी दुर्गा और राक्षस-राजा महिषासुर की तरह लड़ाई कर रहे हैं। गरबा पोशाक में 3 भाग होते हैं।

महिलाएं चोली या ब्लाउज, चन्या या लंबी स्कर्ट और चमकदार दुपट्टा पहनती हैं और पुरुष कडू के साथ पगड़ी पहनते हैं। इसे करने का एक तरीका होता है, जिसमें ताल से ताल मिलाने के लिए महिलाएं और पुरुषों का दो या फिर चार का समूह बनाकर नृत्य करते हैं। (मंदिर की सीढ़ियों को स्पर्श क्यों करते हैं

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डांडिया नृत्य

इसमें पुरुष और महिलाएं दोनों रंगीन और सजावटी बांस की छड़ियों के साथ ढोलक और तबला जैसे वाद्ययंत्रों पर नृत्य करते हैं। इसे देवी-देवताओं और राक्षसों के बीच युद्ध को प्रस्तुत करने का एक सुंदर तरीका माना जाता है।

डांडिया के दौरान इस्तेमाल किए जाने वाले रंग-बिरंगे शेड्स देवी दुर्गा की तलवार का प्रतिनिधित्व करते हैं। (मां दुर्गा मंत्र)

क्यों मनाया जाता है पर्व?

माना जाता है कि वर्षों पहले गुजरात में लोग महिषासुर राक्षस के आतंक से काफी ज्यादा परेशान थे, तब लोगों की परेशानी देखकर ब्रह्मा, विष्णु और महेश ने माता से मदद की गुहार लगाई।

देवताओं के प्रकोप से तब देवी जगदंबा प्रकट हुईं और उन्होंने राक्षस का वध किया। जिसके बाद से हर साल नवरात्रि का पर्व मनाया जाने लगा और लोग जश्न के रूप में नौ दिनों का  उपवास करते हैं और माता को प्रसन्न करने के लिए गरबा डांडिया खेलते हैं। 

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