आज है हरियाली अमावस्या, यहां जानें पूजा और स्नान-दान के शुभ मुहूर्त समेत अन्य जरूरी बातें 

Hariyali Amavasya 2025: हिंदू धर्म में हरियाली अमावस्या का व्रत बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है। इस दिन विशेष रूप से पितरों का तर्पण और श्राद्ध करना भी शुभ होता है। इस साल हरियाली अमावस्या आज यानी 24 जुलाई को पड़ रही है। ऐसे में आपको अगर इसकी पूजा और स्नान-दान के साथ अन्य बातों के बारे में जानना है तो यहां पढ़ें।
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हरियाली अमावस्या (hariyali amavasya) हिंदू धर्म में मनाया जाने वाला एक महत्वपूर्ण पर्व है जो श्रावण मास की अमावस्या तिथि को पड़ता है। हरियाली अमावस्या पितरों को समर्पित है. इस दिन लोग अपने पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए तर्पण, पिंडदान और श्राद्ध कर्म करते हैं। ऐसी मान्यता है कि ऐसा करने से पितर प्रसन्न होते हैं और आशीर्वाद देते हैं। आपको बता दें, श्रावण मास भगवान शिव का प्रिय महीना है और हरियाली अमावस्या के दिन भगवान शिव और देवी पार्वती की पूजा का भी विशेष महत्व है। इस दिन भक्त शिवलिंग पर जल, बेलपत्र, धतूरा आदि चढ़ाकर उनकी आराधना करते हैं और सुख-समृद्धि की कामना करते हैं। अब ऐसे में अगर आप हरियाली अमावस्या के दिन स्नान-दान और पितरों का तर्पण करने के बारे में सोच रहे हैं तो ये लेख आपके लिए ही हैं। आइए इस लेख में ज्योतिषाचार्य पंडित अरविंद त्रिपाठी से विस्तार से जानते हैं।

कब हैहरियालीअमावस्या?

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हरियाली अमावस्या हिंदू धर्म में मनाया जाने वाला एक महत्वपूर्ण पर्व है, जो श्रावण मास की अमावस्या तिथि को पड़ता है। वहीं इस साल हरियाली अमावस्या 24 जुलाई गुरुवार को मनाई जाएगी। हरियाली अमावस्या तिथि का आरंभ 24 जुलाई को सुबह 02 बजकर 28 मिनट से लेकर 25 जुलाई को सुबह 12 बजकर 40 मिनट पर होगा। इसलिए उदया तिथि के हिसाब से हरियाली अमावस्या 24 जुलाई को मनाई जाएगी।

हरियाली अमावस्या के दिन स्नान-दान का मुहूर्त क्या है?

हरियाली अमावस्या के दिन स्नान-दान का मुहूर्त विस्तार से जान लें।

  • ब्रह्म मुहूर्त- सुबह 04:15 बजे से सुबह 04:57 बजे तक
  • अभिजित मुहूर्त- दोपहर 12:00 बजे से दोपहर 12:55 बजे तक
  • अमृत काल- दोपहर 02:26 बजे से दोपहर 03:58 बजे तक
  • सर्वार्थ सिद्धि योग- यह योग पूरे दिन रहेगा, जो किसी भी शुभ कार्य के लिए अत्यंत फलदायी होता है।
  • गुरु पुष्य योग और अमृत सिद्धि योग- शाम 04:43 बजे से पूरे दिन रहेगा।

हरियाली अमावस्या के दिन पितरों का तर्पण करने का मुहूर्त

हरियाली अमावस्या के दिन पितरों का तर्पण करने से उन्हें शांति मिलती है और परिवार में सुख-समृद्धि आती है। ऐसी मान्यता है कि इस दिन तर्पण करने से पितृ दोष से मुक्ति मिलती है और पितरों का आशीर्वाद प्राप्त होता है। आप सुबह 11 बजे से पहले दक्षिण दिशा की ओर मुख करके अपने पितरों के निमित्त तर्पण कर सकते हैं। तर्पण करते समय "ॐ पितृ देवाय नमः" मंत्र का जाप करना फलदायी माना जाता है।

  • प्रातः सन्ध्या- प्रातः 04:18 बजे से प्रातः 05:21 बजे तक
  • विजय मुहूर्त- दोपहर 02:19 बजे से दोपहर 03:13 बजे तक

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हरियाली अमावस्या के दिन पूजा-पाठ करने का महत्व

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ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, कुंडली में पितृ दोष या किसी अन्य ग्रह दोष के कारण जीवन में परेशानियां आ सकती हैं। हरियाली अमावस्या पर किया गया तर्पण इन दोषों को शांत करने में मदद करता है। पितरों के आशीर्वाद से घर में सुख-शांति बनी रहती है। तर्पण करने से परिवार में चल रहे कलह-क्लेश से छुटकारा मिल सकता है।

हरियाली अमावस्या के दिन जरूर करें ये खास उपाय

  • इस दिन पितरों का तर्पण और श्राद्ध कर्म करना चाहिए। इससे पितृ दोष से मुक्ति मिलती है और घर में सुख-शांति बनी रहती है। जल में काले तिल मिलाकर पितरों को अर्पित करना विशेष फलदायी होता है।
  • हरियाली अमावस्या पर भगवान शिव का अभिषेक करें। शिवलिंग पर जल, दूध, बेलपत्र और धतूरा चढ़ाएं। इससे महादेव प्रसन्न होते हैं और मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं।
  • इस दिन हनुमान चालीसा या सुंदरकांड का पाठ करना शत्रुओं पर विजय दिलाता है और नकारात्मक ऊर्जा को दूर करता है।
  • हरियाली अमावस्या पर गरीबों और जरूरतमंदों को अन्न दान करना चाहिए। इससे पुण्य की प्राप्ति होती है और आर्थिक समस्याएं दूर होती हैं।
  • शमी के पेड़ को शनिदेव का प्रिय वृक्ष माना जाता है। हरियाली अमावस्या पर शमी के पेड़ के नीचे दीपक जलाने और उसकी पूजा करने से शनि दोष से मुक्ति मिलती है।
  • किसी तालाब या नदी में मछलियों को आटे की गोलियां खिलाना भी शुभ माना जाता है। यह उपाय कुंडली में ग्रहों की स्थिति को मजबूत करता है।

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Image Credit- HerZindagi

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FAQ

  • अमावस्या के लिए कौन सा मंत्र है?

    ॐ आद्य-भूताय विद्महे सर्व-सेव्याय धीमहि। शिव-शक्ति-स्वरूपेण पितृ-देव प्रचोदयात्। गंगा जलं वा तस्मै स्वधा नमः, तस्मै स्वधा नमः, तस्मै स्वधा नमः
  • अमावस्या पूजा घर पर कैसे करें?

    हरियाली अमावस्या पर दान, स्नान और पूजा-पाठ का विशेष महत्व बताया गया है. इस दिन पितरों की आत्मा की शांत के लिए श्राद्ध, तर्पण करने का भी विधान है. हरियाली अमावस्या 4 अगस्त यानी आज मनाई जा रही है. कहते हैं कि हरियाली अमावस्या के दिन भगवान शिव के अर्धनारीश्वर स्वरूप की पूजा करने से अखंड सौभाग्य की प्राप्ति होती है।