difference between small and maha rudrabhishek for good fortune

सावन में लघु या महा, कौन सा रुद्राभिषेक करना होता है ज्यादा शुभ? जानें दोनों का अंतर और लाभ

हिंदू धर्म में सावन माह में रुद्राभिषेक करने का विशेष महत्व है। अब ऐसे में अगर आप भी रुद्रभिषेक करने जा रहे हैं तो कौन सा अभिषेक करना शुभ माना जाता है। आइए इस लेख में विस्तार से जानते हैं।
Editorial
Updated:- 2025-07-04, 07:31 IST

सावन का पवित्र महीना भगवान शिव को समर्पित है और इस दौरान उनकी पूजा-अर्चना का विशेष महत्व होता है। शिव भक्तों के लिए रुद्राभिषेक एक अत्यंत महत्वपूर्ण अनुष्ठान है, जिसे करने से महादेव प्रसन्न होते हैं और भक्तों की मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं। लेकिन अक्सर लोगों के मन में यह सवाल आता है कि सावन में लघु रुद्राभिषेक करना ज्यादा शुभ होता है या महा रुद्राभिषेक? आइए इस लेख में ज्योतिषाचार्य पंडित अरविंद त्रिपाठी से विस्तार से जानते हैं दोनों के बीच का अंतर और उनके लाभ ताकि आप अपने हिसाब रुद्राभिषेक करना सके। इसके अलावा आप अपने पंडित जी से भी जान लें।

पहलें जान लें रुद्राभिषेक क्या है?

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रुद्राभिषेक भगवान शिव को समर्पित एक वैदिक अनुष्ठान है, जिसमें शिवलिंग का विभिन्न पवित्र द्रव्यों जैसे जल, दूध, दही, घी, शहद, गन्ना रस, सुगंधित तेल आदि से अभिषेक किया जाता है। साथ ही, रुद्राष्टकम या रुद्र सूक्त के मंत्रों का पाठ किया जाता है। मान्यता है कि रुद्राभिषेक करने से ग्रहों के नकारात्मक प्रभाव कम होते हैं, रोग-दोष दूर होते हैं और जीवन में सुख-समृद्धि आती है।

सावन में लघु रुद्रभिषेक करने का महत्व क्या है?

सावन का महीना भगवान शिव को समर्पित होता है और इस दौरान की गई पूजा-अर्चना का विशेष महत्व होता है। सावन में शिवजी को प्रसन्न करने के लिए कई तरह के अनुष्ठान किए जाते हैं, जिनमें लघु रुद्रभिषेक का अपना एक अलग और अत्यंत महत्वपूर्ण स्थान है। यह अभिषेक न केवल शिवजी को प्रिय है बल्कि भक्तों के लिए भी अनेक लाभ प्रदान करने वाला माना गया है। आपको बता दें, रुद्रभिषेक का अर्थ है भगवान रुद्र का अभिषेक करना। लघु रुद्रभिषेक इसी का एक छोटा सा रूप है। इसमें मुख्य रूप से पार्थिव शिवलिंग का निर्माण करके या फिर शिवलिंग पर मंत्रों के उच्चारण के साथ विशेष सामग्री से अभिषेक किया जाता है। "ऊं नमो भगवते रुद्राय" और महामृत्युंजय मंत्र के जाप के साथ यह अभिषेक संपन्न होता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, लघु रुद्रभिषेक से नवग्रहों के नकारात्मक प्रभावों को कम किया जा सकता है। विशेष रूप से चंद्र ग्रह की स्थिति को मजबूत करने और मानसिक शांति प्राप्त करने में यह अत्यंत सहायक होता है। शिव पुराण में वर्णित है कि शिवजी को मृत्युंजय के रूप में भी पूजा जाता है। लघु रुद्रभिषेक करने से गंभीर बीमारियों और शारीरिक कष्टों से मुक्ति मिलती है। यह नकारात्मक ऊर्जाओं को दूर कर सकारात्मकता का संचार करता है।


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सावन में महा रुद्राभिषेक करने का महत्व क्या है?

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सावन में महा रुद्राभिषेक करना तो शिव कृपा पाने का बेहद प्रभावशाली माध्यम माना जाता है। इसमें भगवान शिव के 'रुद्र' रूप का विभिन्न पवित्र द्रव्यों जैसे जल, दूध, दही, घी, शहद, गन्ने का रस आदि से अभिषेक किया जाता है। साथ ही, वेदों में वर्णित शिव मंत्रों और स्तोत्रों का पाठ किया जाता है। यदि आपकी कुंडली में कोई ग्रह दोष है, तो रुद्राभिषेक उसे शांत करने में सहायक होता है। विशेषकर कालसर्प दोष और पितृ दोष के निवारण के लिए इसे अत्यंत प्रभावशाली माना जाता है। महा रुद्राभिषेक से घर में सुख-शांति बनी रहती है, आर्थिक समस्याओं का समाधान होता है और धन-धान्य में वृद्धि होती है। रुद्राभिषेक से व्यक्ति को अकाल मृत्यु का भय नहीं रहता और वह दीर्घायु प्राप्त करता है।

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Image Credit- HerZindagi

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