भारतीय संस्कृति और ज्योतिष में माता लक्ष्मी और भगवान गणेश को धन, समृद्धि, बुद्धि और शुभता का प्रतीक माना जाता है। इन देवी-देवताओं के चांदी के सिक्के खरीदना और उन्हें घर में रखना बेहद शुभ माना जाता है। ऐसी मान्यता है कि लक्ष्मी-गणेश बने हुए चांदी के सिक्कों को घर में रखने से सुख-समृद्धि बनी रहती है और घर में बरकत आती है। हालांकि, इन सिक्कों को सिर्फ रखने से ही बिगड़े काम नहीं बनते हैं। इनके रखरखाव में कुछ नियमों का पालन करना भी जरूरी होता है। कई बार लोग पूजा के स्थान या फिर तिजोरी में इस सिक्के को रख तो देते हैं, पर रोजाना विधि अनुसार पूजन नहीं करते हैं और सालों साल तिजोरी में यू ही पड़ा छोड़ देते हैं। ज्योतिष मान्यताओं के मुताबिक, इस तरह की गलती से आपको बचना चाहिए। इन पवित्र सिक्कों को रखने और उनकी देखभाल करने के कुछ खास नियम होते हैं। अनजाने में की गई कुछ गलतियां घर में नकारात्मकता या आर्थिक परेशानियां ला सकती हैं।
अगर आप भी अपने घर में माता लक्ष्मी और भगवान गणेश के चांदी के सिक्के रखते हैं और चाहते हैं कि उनका सकारात्मक प्रभाव आपके जीवन में बना रहे, तो यह जानना बेहद जरूरी है कि कौन सी गलतियां आपको भूलकर भी नहीं करनी चाहिए। आइए, इस लेख में ज्योतिषाचार्य अरविंद त्रिपाठी से उन्हीं गलतियों और उनसे होने वाले संभावित नुकसानों के बारे में विस्तार से जानते हैं।
कई लोग सिक्कों को ऐसी जगह रख देते हैं, जहां सफाई का ध्यान नहीं रखा जाता, जैसे किसी सामान्य दराज में, कचरे के पास, या ऐसी अलमारी में जहाँ कपड़े अस्त-व्यस्त पड़े हों। कुछ लोग उन्हें जूते-चप्पलों के पास भी रख देते हैं। माता लक्ष्मी और गणेश को पवित्रता और शुद्धता पसंद है। अशुद्ध जगह पर सिक्के रखने से देवी-देवता का अपमान होता है, जिससे घर में धन की कमी आ सकती है और नकारात्मक ऊर्जा बढ़ सकती है। बरकत रुक जाती है।
अक्सर लोग चांदी के सिक्कों को अन्य धातुओं, जैसे लोहे, स्टील या एल्युमीनियम के बर्तनों या बक्सों में सीधे रख देते हैं। ज्योतिष और धातु विज्ञान दोनों के अनुसार, चांदी की अपनी एक अलग ऊर्जा होती है। इसे अन्य धातुओं के सीधे संपर्क में रखने से उसकी पवित्रता और ऊर्जा प्रभावित हो सकती है। कुछ धातुएं जैसे लोहा शनि से संबंधित होती हैं, और चांदी जो चंद्रमा और शुक्र से संबंधित है। ऐसे में, इन दोनों धातु वाली चीजों का सीधा संपर्क शुभ नहीं माना जाता है। इससे धन के आगमन में बाधा आ सकती है। हमेशा उन्हें किसी लाल या पीले कपड़े में लपेटकर ही रखना चाहिए।
चांदी के सिक्के समय के साथ काले पड़ जाते हैं या उन पर धूल जम जाती है, लेकिन कई लोग उन्हें साफ नहीं करते या नियमित रूप से उनकी पूजा नहीं करते। सिक्कों पर गंदगी जमने से उनकी सकारात्मक ऊर्जा कम हो जाती है। लक्ष्मीजी को साफ-सफाई प्रिय है। गंदे सिक्के रखने से दरिद्रता आ सकती है। इन्हें नियमित रूप से कम से कम साल में एक बार, पंचामृत से साफ करके धोना और फिर सूखे कपड़े से पोंछकर पूजा करना चाहिए।
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वास्तु शास्त्र में हर वस्तु की दिशा का महत्व है। सिक्कों को किसी भी दिशा में रख देना। माता लक्ष्मी और गणेश के सिक्कों को हमेशा उत्तर दिशा या ईशान कोण यानी उत्तर-पूर्व में रखना चाहिए। यह दिशा धन और समृद्धि के लिए शुभ मानी जाती है। दक्षिण या पश्चिम दिशा में रखने से धन हानि या स्वास्थ्य संबंधी परेशानियां हो सकती हैं। इन्हें कभी भी बाथरूम या शौचालय से सटी दीवार के पास नहीं रखना चाहिए।
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कुछ लोग इन सिक्कों को सामान्य सिक्कों की तरह समझते हैं और उन्हें लापरवाही से गिनते हैं या इधर-उधर फेंक देते हैं। ये सिक्के केवल धातु के टुकड़े नहीं, बल्कि देवी-देवताओं के प्रतीक हैं। इनके प्रति सम्मान और श्रद्धा का भाव रखना चाहिए। इन्हें लापरवाही से गिनने या इधर-उधर रखने से लक्ष्मी जी रुष्ट हो सकती हैं और धन का अपव्यय हो सकता है। इन्हें हमेशा सम्मानजनक तरीके से संभालकर रखना चाहिए।
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