भारतीय संस्कृति और आध्यात्म में ब्रह्म मुहूर्त को अत्यंत पवित्र और ऊर्जावान समय माना गया है। यह वह समय है, जब प्रकृति शांत होती है, वातावरण में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और मन एकाग्रता के लिए सबसे ज्यादा अनुकूल होता है। माना जाता है कि इस दौरान की गई प्रार्थनाएं, ध्यान और जाप सीधे ईश्वर तक पहुंचते हैं और उनका प्रभाव कई गुना बढ़ जाता है। प्राचीन ऋषियों-मुनियों से लेकर आधुनिक युग के आध्यात्मिक गुरुओं तक सभी ने ब्रह्म मुहूर्त के महत्व पर जोर दिया है, क्योंकि यह शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद है। इतना ही नहीं, यह आपकी किस्मत को बदलने और जीवन से परेशानियों को दूर करने की शक्ति भी रखता है। अगर आप भी अपने जीवन में सकारात्मक बदलाव लाना चाहते हैं, अपनी किस्मत को बेहतर बनाना चाहते हैं और रोजमर्रा की परेशानियों से मुक्ति पाना चाहते हैं, तो ब्रह्म मुहूर्त में किया गया एक आसान जाप आपके लिए अत्यंत लाभकारी सिद्ध हो सकता है। यह जाप आपको आंतरिक शांति देने के साथ-साथ आपके चारों ओर एक सकारात्मक ऊर्जा का कवच भी बनाएगा। आइए जानते हैं, ब्रह्म मुहूर्त में किए जाने वाले इस खास और आसान जाप के बारे में, जो आपके जीवन को पूरी तरह से बदल सकता है।
ब्रह्म मुहूर्त में किस जाप से होंगी परेशानियां दूर
ब्रह्म मुहूर्त, जो सूर्योदय से लगभग डेढ़ घंटे पहले और आमतौर पर सुबह 4 बजे से 5:30 बजे के बीच का समय होता है। यह समय आध्यात्मिक साधना के लिए सबसे उत्तम माना गया है। इस दौरान वातावरण में सात्विक ऊर्जा का प्रवाह होता है। इस पवित्र समय में किया गया एक अत्यंत सरल और शक्तिशाली जाप "ॐ नमः शिवाय" है।
इस जाप का पूरा लाभ तभी मिलेगा जब आप इसे रोजाना बिना नागा ब्रह्म मुहूर्त में करें। जाप करते समय मन में किसी के प्रति द्वेष या नकारात्मक भावना न रखें। पूरे विश्वास और श्रद्धा के साथ जाप करें। जिस स्थान पर जाप कर रहे हैं, वहां स्वच्छता बनाए रखें।
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ॐ नमः शिवाय जाप का महत्व
यह भगवान शिव का पंचाक्षर मंत्र है, जिसका अर्थ है- मैं भगवान शिव को नमन करता हूं। यह मंत्र शिवजी को समर्पित है और समस्त सृष्टि का सार भी माना जाता है। इस मंत्र का जाप करने से नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है और घरों में सकारात्मकता का संचार होता है। यह मन को शांत और एकाग्र करता है, तनाव और चिंता को कम करता है। यह आत्मा को शुद्ध करता है और आंतरिक शांति प्रदान करता है। मानसिक शांति से शारीरिक स्वास्थ्य भी बेहतर होता है। नियमित जाप से कुंडली के दोष दूर होते हैं और दुर्भाग्य, सौभाग्य में बदल सकता है। यह मंत्र शिवजी की कृपा से जीवन की बाधाओं और परेशानियों को दूर करने में सहायक है।
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ब्रह्म मुहूर्त में जाप करने का तरीका
- ब्रह्म मुहूर्त में "ॐ नमः शिवाय" का जाप करने के लिए इन आसान स्टेप्स को फॉलो करें।
- सुबह 4 बजे से थोड़ा पहले ही उठें। शौच आदि से निवृत्त होकर स्नान करें या कम से कम हाथ-मुंह धोकर स्वयं को शुद्ध करें।

- घर में एक शांत और स्वच्छ स्थान चुनें, जहां आपको कोई परेशान न करे। यह आपका पूजा घर हो सकता है या कोई अन्य कोना।
- जमीन पर चटाई या कुश का आसन बिछाकर पद्मासन या सुखासन में बैठें। अपनी रीढ़ की हड्डी सीधी रखें।
- आंखें बंद करें और कुछ गहरी सांस लें। अपने मन को शांत करने का प्रयास करें। सभी विचारों को दूर करें और केवल अपनी सांसों पर ध्यान केंद्रित करें।
- अब रुद्राक्ष की माला लेकर "ॐ नमः शिवाय" मंत्र का जाप करना शुरू करें।
- कम से कम 108 बार यानी एक माला जाप करें। यदि संभव हो, तो आप 3 या 5 माला भी कर सकते हैं।
- मंत्र का उच्चारण स्पष्ट और शांत मन से करें। बहुत तेज या बहुत धीमा न बोलें।
- जाप करते समय शिवजी का ध्यान करें और मन में अपने उद्देश्य को दोहराएं।
- जाप पूरा होने के बाद, कुछ देर शांत बैठकर ध्यान करें। अपने शरीर में फैल रही सकारात्मक ऊर्जा को महसूस करें। फिर धीरे से आंखें खोलें।
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