सावन में ॐ नमः शिवाय नहीं इस मंत्र का जाप करने से मनोकामनाएं होंगी पूरी, भगवान शिव और मां पार्वती का मिलेगा आशीर्वाद

सावन का महीना भगवान शिव को सबसे ज्यादा प्रिय होता है। इस दौरान अगर उनकी श्रद्धा से पूजा-अर्चना की जाए, तो वह अपने भक्तों की मनकामनाएं पूरी करते हैं। वहीं, एक ऐसा मंत्र है जो उन्हें प्रिय है। अगर यह मंत्र का जाप किया जाए, तो शिव-शक्ति दोनों का आशीर्वाद मिलता है।
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सावन का महीना भगवान शिव को समर्पित है। यह ऐसा अद्भुत समय है, जब जब हर शिव भक्त उनकी कृपा पाने के लिए भक्ति में लीन हो जाता है। लोग महादेव की कृपा पाने के लिए पूजा-पाठ करते हैं। उन्हें उनकी पसंदीदा चीजों का भोग लगाते हैं। सावन में मंदिरों में भक्तजन शिवलिंग का पंचामृत से रूद्राभिषेक करते हैं और 'ॐ नमः शिवाय' मंत्र का जाप करते हैं। ऐसा कहा जाता है यह जाप भगवान शिव को प्रसन्न करने का एक शक्तिशाली तरीका है।

लेकिन क्या आप जानते हैं कि एक और विशेष मंत्र है, 'सांब सदाशिव', जिसका सावन में जाप करने से आपकी सभी मनोकामनाएं पूरी हो सकती हैं? यह मंत्र सिर्फ शब्द नहीं, बल्कि भगवान शिव और शक्ति के एकाकार स्वरूप का प्रतीक है। इसका जिक्र प्रेमानंद महाराज ने भी अपनी एक सभा में किया था।

पंडित जनार्दन पंत से मैंने इसका महत्व पूछा, तो उन्होंने बताया कि इस मंत्र के जाप से न केवल आध्यात्मिक शांति मिलती है, बल्कि यह भौतिक इच्छाओं को भी पूर्ण करने की शक्ति रखता है। आइए हम 'सांब सदाशिव' के महत्व को गहराई से समझें और जानें कि कैसे यह आपके जीवन में चमत्कार कर सकता है।

क्या है 'सांब सदाशिव' मंत्र का महत्व?

'सांब सदाशिव' मंत्र भगवान शिव और उनकी अर्धांगिनी, मां पार्वती के संपूर्ण स्वरूप को दर्शाता है। संस्कृत में 'सा' का अर्थ है 'साथ' और 'अंबा' का अर्थ है 'मां पार्वती'। इस प्रकार, 'सांब' का अर्थ हुआ 'मां पार्वती के साथ' और 'सदाशिव' भगवान शिव का वह स्वरूप है जो नित्य, शाश्वत और परमानंदमय है।

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यह मंत्र केवल शिव के नाम का उच्चारण नहीं, बल्कि शिव और शक्ति के मिलन, संपूर्ण ब्रह्मांड के सृजन, पालन और संहार की दिव्य शक्ति का आह्वान करता है।

प्रेमानंद महाराज ने अपनी एक सभा में बताया था कि 'ॐ नमः शिवाय' गुरु मंत्र है। उन्होंने बताया था कि इस वैदिक मंत्र को लोग यूं ही जप लेते हैं, लेकिन इसे गुरु पद्धति से ही जपा जाना चाहिए, वरना यह नेगेटिव असर कर सकता है। इसके बजाय भगवान शिव का यह मंत्र 'सांब सदाशिव' जपना चाहिए।

पंडित जनार्दन पंत भी कहते हैं, "यह मंत्र इस बात का प्रतीक है कि शिव अकेले नहीं हैं; वे हमेशा शक्ति के साथ हैं। जहां शिव चेतना हैं, वहीं शक्ति ऊर्जा हैं। इन दोनों के बिना कोई भी रचना संभव नहीं है। जब हम 'सांब सदाशिव' का जाप करते हैं, तो हम केवल भगवान शिव को नहीं, बल्कि उनके संपूर्ण, शक्ति-सहित स्वरूप का ध्यान करते हैं।" इससे हमें भौतिक और आध्यात्मिक दोनों तरह की शक्तियों का आशीर्वाद मिलता है।

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कब और कितनी बार जपना चाहिए?

'सांब सदाशिव' मंत्र का जाप सावन के महीने में विशेष रूप से फलदायी होता है, क्योंकि यह महीना भगवान शिव और मां पार्वती के मिलन का भी प्रतीक है। इस मंत्र का जाप करने का कोई विशेष समय नहीं है। यह एक ऐसा मंत्र है जिसे किसी भी स्थिति में जपा जा सकता है, लेकिन सावन में इसका अधिक लाभ पाने के लिए आप इन बातों का ध्यान रखें-

कब जपे:

  • सुबह का समय: ब्रह्म मुहूर्त (सूर्य उदय से डेढ़ घंटा पहले) या सूर्योदय के तुरंत बाद, जब माहौल शांत और सकारात्मक ऊर्जा से भरा होता है।
  • शाम का समय: सूर्यास्त के समय या प्रदोष काल में, जो शिव पूजा के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है।
  • शिवलिंग के समक्ष करें जाप- इस मंत्र का जाप शिवलिंग के सामने करने से इसकी शक्ति कई गुना बढ़ जाती है। घर में स्थापित शिवलिंग हो या मंदिर में, शांत मन से एकाग्र होकर जाप करें।
  • सोमवार: सावन के सोमवार का विशेष महत्व है, इन दिनों इस मंत्र का जाप अत्यंत लाभकारी सिद्ध हो सकता है।

कितनी बार जपे मंत्र:

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  • किसी भी मंत्र जाप में संख्या से अधिक निरंतरता और श्रद्धा महत्वपूर्ण है। प्रतिदिन कम से कम 108 बार जाप करने का प्रयास करें।
  • यदि आप किसी विशेष मनोकामना के लिए जाप कर रहे हैं, तो संकल्प लेकर निश्चित संख्या में जाप करें और उसे पूरा करने का प्रयास करें।
  • जाप करते समय मन को शांत रखें और शिव-पार्वती के स्वरूप का ध्यान करें।

भगवान शिव और मां पार्वती से मंत्र का खास जुड़ाव-

'सांब सदाशिव' मंत्र सीधे तौर पर भगवान शिव और मां पार्वती के बीच के दिव्य संबंध को दर्शाता है। यह रिश्ता सिर्फ पति-पत्नी का नहीं, बल्कि ब्रह्मांडीय ऊर्जाओं का है जो एक-दूसरे के बिना अधूरे हैं।

भगवान शिव संहारक के रूप में जाने जाते हैं, लेकिन वे सृष्टि के आधार भी हैं। मां पार्वती उनकी शक्ति हैं, जो सृष्टि को ऊर्जा प्रदान करती हैं। शिव और शक्ति के एक साथ होने से ही जीवन का चक्र चलता है। जब हम इस मंत्र का जाप करते हैं, तो हम सृष्टि की उस मूल ऊर्जा से जुड़ते हैं जो हमें जीवन में संतुलन, शक्ति और आनंद प्रदान करती है।

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यह मंत्र शिव और शक्ति दोनों को समर्पित है, इसलिए इसके जाप से व्यक्ति को शक्ति, धन, स्वास्थ्य और आध्यात्मिक इच्छाओं दोनों की पूर्ति का आशीर्वाद मिलता है। मां पार्वती वात्सल्य और इच्छाओं की पूर्ति की देवी हैं, जबकि भगवान शिव वैराग्य और सर्वोच्च चेतना के प्रतीक हैं।

इस सावन में आप भी'सांब सदाशिव' मंत्र का जाप करके भगवान शिव और पार्वती को प्रसन्न कर सकती हैं। श्रद्धा भाव से इस मंत्र का जाप करें और अपनी मनोकामनाएं के लिए सच्चे मन से प्रार्थना करें।

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Image credit: Freepik

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