पूरी काशी की 108 परिक्रमा जितना फल मिलता है, सिर्फ इन 12 नामों के जाप से

काशी के राजा भगवान शिव हैं और ऐसा माना जाता है कि भगवान शिव के त्रिशूल पर ही संपूर्ण काशी टिकी हुई है। यहां स्नान करना और पूजा-पाठ करना बहुत शुभ माना जाता है जिससे भक्तों को मोक्ष की प्राप्ति होती है।
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भगवान शिव की नगरी काशी का महात्म्य क्या है इस बारे में शिव पुराण समेत अनेकों ग्रंथों में बताया गया है। काशी हिन्दू धर्म के महत्वपूर्ण केन्द्रों में से एक मानी जाती है जिसे आज के समय में वाराणसी भी कहते हैं। काशी के राजा भगवान शिव हैं और ऐसा माना जाता है कि भगवान शिव के त्रिशूल पर ही संपूर्ण काशी टिकी हुई है। गंगा नदी के किनारे बसा होने के कारण, यहां स्नान करना और पूजा-पाठ करना बहुत शुभ माना जाता है जिससे भक्तों को मोक्ष की प्राप्ति होती है। देश-विदेश से लाखों श्रद्धालु यहां दर्शन और धार्मिक अनुष्ठान के लिए आते हैं क्योंकि यह शहर आस्था और आध्यात्मिकता का एक जीवंत प्रतीक है। इसी कड़ी में ज्योतिषाचार्य राधाकांत वत्स ने हमें काशी के 12 नामों का महत्व बताया। ऐसे में आइये जानते हैं कि काशी के 12 नामों का जाप करने से क्या होता है।

काशी के 12 नाम कौन से हैं?

काशी नगरी के कई प्राचीन और पवित्र नाम हैं जो इसकी महिमा और धार्मिक महत्व को दर्शाते हैं।

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इसके 12 प्रमुख नाम हैं: काशी, वाराणसी, आनन्दकानन, अविमुक्त क्षेत्र, रूद्रावास, महाश्मशान, काशिका, तप:स्थली, शिवपुरी, मुक्तभूमि, विश्वनाथनगरी और त्रिपुरारीनगरी। ये सभी नाम काशी के अलग-अलग पहलुओं और उसके आध्यात्मिक स्वरूप को उजागर करते हैं।

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काशी के 12 नामों का क्या महत्व है?

काशी नाम 'काश' शब्द से आया है जिसका अर्थ है प्रकाशित होना और यह शहर को ज्ञान, आध्यात्मिकता और दिव्यता के प्रकाश के केंद्र के रूप में दर्शाता है। वाराणसी नाम वरुणा और अस्सी नदियों के संगम से जुड़ा है जो इसकी भौगोलिक और पौराणिक पहचान को बताता है। आनन्दकानन इसे आनंद के वन के रूप में चित्रित करता है जहां शांति और खुशी का अनुभव होता है।

अविमुक्त क्षेत्र का अर्थ है 'कभी न छोड़ा जाने वाला' क्योंकि यह माना जाता है कि भगवान शिव इस स्थान को कभी नहीं छोड़ते और यहां मृत्यु होने पर मोक्ष की प्राप्ति होती है। रूद्रावास और शिवपुरी भगवान शिव के निवास स्थान होने का संकेत देते हैं जबकि महाश्मशान इसे उस स्थान के रूप में दर्शाता है जहां मृत्यु के बाद भी जीवन का रहस्य उजागर होता है।

तप:स्थली ऋषियों और तपस्वियों की तपस्या भूमि के रूप में इसकी पवित्रता को उजागर करती है और मुक्तभूमि मोक्ष प्रदान करने वाली भूमि के रूप में इसकी पहचान स्थापित करती है। विश्वनाथनगरी और त्रिपुरारीनगरी भगवान विश्वनाथ और भगवान शिव के अन्य स्वरूपों से इसके गहरे संबंध को दर्शाते हैं। यह सभी नाम काशी को सनातन धर्म की आत्मा के रूप में प्रस्तुत करते हैं।

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काशी के 12 नामों का जाप लेने के क्या लाभ हैं?

काशी के इन 12 पवित्र नामों का जाप करने से ज्योतिष और धार्मिक दोनों दृष्टियों से कई लाभ मिलते हैं। धार्मिक रूप से, इन नामों का स्मरण करने से व्यक्ति को मोक्ष की प्राप्ति, पापों से मुक्ति और भगवान शिव का आशीर्वाद मिलता है। यह माना जाता है कि इन नामों का जाप करने से काशी में निवास करने के समान पुण्य मिलता है, फिर चाहे व्यक्ति दुनिया में कहीं भी रहता हो।

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काशी के इन 12 नामों के जाप से आध्यात्मिक शांति मिलती है और मन शुद्ध होता है। इन नामों का जाप नकारात्मक ऊर्जाओं को दूर करने और ग्रहों के बुरे प्रभावों को कम करने में सहायक माना जाता है। इससे दरिद्रता दूर होती है और समृद्धि आती है, स्वास्थ्य सुधरता है और मानसिक शांति मिलती है। इन 12 नामों का जाप करने से संपूर्ण काशी की परिक्रमा लगाने जितना फल प्राप्त होता है।

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image credit: herzindagi

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FAQ

  • ज्योतिष शास्त्र के अनुसार काशी से कौन सी चीजें घर लानी चाहिए?

    ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, काशी से गंगाजल और काशी की मिट्टी घर अवश्य लानी चाहिए।