Anant Chaturdashi Shubh Muhurt & Puja Vidhi 2023: पंचाग के हिसाब से भाद्रपद माह के शुक्लपक्ष की चतुर्दशी तिथि को अनंत चतुर्दशी मनाने की परंपरा है। जिसे अनंत चौदस भी कहा जाता है। इसमें भगवान विष्णु के अनंत रूप की खासकर पूजा-अर्चना की जाती है और बाजू में 14 गांठ वाले अनंत सूत्र भी बांधा जाता है। अनंत चतुर्दशी के दिन गणेश विसर्जन भी किया जाता है। इसलिए इस दिन का बेहद खास महत्व है।
वहीं भगवान विष्णु को सृष्टि का संचालक कहा जाता है और भगवान गणेश को प्रथम पुजनीय माना जाता है। इसलिए अनंत चतुर्दशी के दिन व्रत और भगवान गणेश के साथ श्रीहरि विष्णु जी की पूजा करने से सुख-सौभाग्य की प्राप्ति हो सकती है। साथ ही सभी दुखों का भी नाश हो जाता है।
अब ऐसे में अनंत चतुर्दशी कब है, पूजा विधि, शुभ मुहूर्त और महत्व क्या है। इसके बारे में जानना बेहद जरूरी है। आइए इस लेख में ज्योतिषाचार्य पंडित अरविंद त्रिपाठी से विस्तार से जानते हैं कि अनंत चतुर्दशी कब है, शुभ मुहूर्त क्या है, किस विधि से पूजा करना शुभ माना जाता है, साथ ही पूजा का महत्व क्या है।
जानें अनंत चतुर्दशी तिथि और शुभ मुहूर्त (Anant Chaturdashi Shubh Muhurat 2023)
अनंत चतुर्दशी तिथि की शुरूआत दिनांक 27 सितंबर दिन बुधवार (बुधवार उपाय) को हो रही है और इसका समापन दिनांक 28 सितंबर दिन गुरुवार को हो रहा है।
चतुर्दशी तिथि शुरूआत - दिनांक 17 सितंबर को रात 10:18 मिनट से
चतुर्दशी तिथि समाप्ति - दिनांक 18 सितंबर को शाम 06:49 मिनट पर हो रहा है।
इस दौरान आप गणेश विसर्जन कर सकते हैं।
इस दिन पूजा का शुभ मुहूर्त - सुबह 06:12 मिनट से लेकर शाम 06:49 मिनट पर हो रहा है।
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जानें अनंत चतुर्दशी पूजा विधि (Anant Chaturdashi Puja Vidhi 2023)
- अनंत चतुर्दशी के दिन भगवान विष्णु के अनंत रूप की पूजा की जाती है। इस दिन सुबह उठकर स्नान करने के बाद व्रत संकल्प लें और पूजाघर की सफाई करने के साथ गंगाजल का छिड़काव करें। उसके बाद कलश स्थापित करें।
- फिर कलश में बर्तन रखें। इसमें कुश से निर्मित अनंत की स्थापना करें। अगर अनंत बनाना मुश्किल है, तो भगवान विष्णु की तस्वीर भी रख सकते हैं।
- इसेक बाद अनंत सूत्र तैयार करने के लिए एक धागे में कुमकुम, केसर और हल्दी से रंगकर इसमें 14 गांठ बांध लें। उसके बाद भगवान विष्णु की तस्वीर के सामने चढ़ा दें।
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- अब हल्दी, अक्षत, फूल, फल , पंचोपचार, नेवैद्य आदि से भगवान विष्णु (भगवान विष्णु मंत्र)की विधिवत पूजा करें।
- इस बाद ब्राह्मण भोज कराएं और जरूरतमंदों को दान दें।
- उसके बाद स्वयं अन्न ग्रहण करें।
जानें अनंत चतुर्दशी का महत्व (Anant Chaturdashi 2023 Significance)
अनंत चतुर्दशी के दिन भगवान विष्णु की विधिवत पूजा करने का विधि-विधान है। ऐसी मान्यता है कि इस दिन किए पूजा और व्रत से भगवान विष्णु बेहद प्रसन्न हो सकते हैं। इस दिन विष्णुसहस्त्रनाम स्तोत्र का पाठ जरूर करें। इससे व्यक्ति की सभी मनोकामना पूरी हो सकती है और संतान सुख की भी प्राप्ति हो सकती है।
अनंत चतुर्दशी के दिन इस विधि से पूजा करें और अगर हमारी स्टोरीज से जुड़े आपके कुछ सवाल हैं, तो वो आप हमें आर्टिकल के नीचे दिए कमेंट बॉक्स में बताएं। हम आप तक सही जानकारी पहुंचाने का प्रयास करते रहेंगे। अगर आपको ये स्टोरी अच्छी लगी है, तो इसे शेयर जरूर करें। ऐसी ही अन्य स्टोरी पढ़ने के लिए जुड़ी रहें हरजिंदगी से।
Image Credit - Freepik
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