अक्षय तृतीया इस साल 30 अप्रैल, बुधवार के दिन पड़ रही है। इस दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी के लक्ष्मी नारायण स्वरूप की पूजा का विधान है। अक्षय तृतीया को अबूझ मुहूर्त माना जाता है और इसी कारण से इस दिन कुछ कामों को करना बहुत ही ज्यादा शुभ और लाभकारी सिद्ध हो सकता है। इन्हीं कार्यों में से एक है दीपक जलाना। अक्षय तृतीया के दिन दीपक जलाने का बहुत महत्व माना जाता है। ज्योतिषाचार्य राधाकांत वत्स ने हमें बताया कि अक्षय तृतीया के दिन दीपक जलाने से घर में सुख-समृद्धि का वास स्थापित होता है और शुभता का आगमन होता है। ऐसे में आइये जानते हैं अक्षय तृतीया के दिन क्या है दीपक जलाने का शुभ मुहूर्त, कहां-कहां इस दिन दीपक जलाना चाहिए और क्या है दीपक जलाने का महत्व।
अक्षय तृतीया के दिन दीपक जलाने का सबसे शुभ समय है गोधुली मुहूर्त। यूं तो अक्षय तृतीया के दिन आप सुबह पूजा के बाद दीपक जलाएंगे ही, लेकिन अक्षय तृतीया के दिन विशेष रूप से गोधुली मुहूर्त में दीप प्रज्वलित अवश्य करें। गोधुली मुहूर्त 30 अप्रैल को शाम 6 बजकर 55 मिनट से शूरू होगा और रात 7 बजकर 16 मिनट पर इसका समापन हो जाएगा।
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अक्षय तृतीया के दिन घर के 5 स्थानों पर दीपक जरूर जलाना चाहिए। अक्षय तृतीया के दिन सबसे पहले दीपक घर के मंदिर में जलाना चाहिए। इससे घर में दिव्य ऊर्जा का संचार होता हिया उर सकारात्मकता आती है। अक्षय तृतीया के दिन दूसरा दीपक तुलसी के पौधे के पास जलाएं। इससे घर में मां लक्ष्मी का वास स्थापित होता है और आर्थिक स्थिति सुधरती है।
अक्षय तृतीया के दिन तीसरा दीपक घर के मुख्य द्वार पर जलाना चाहिए। इससे घर के भीतर प्रवेश करने वाली नकारात्मक ऊर्जा बाधित होती है और पितरों का आशीर्वाद भी बना रहता है। अक्षय तृतीया के दिन चौथा स्थान दीपक जलाने के लिए है घर की रसोई। इस स्थान पर मां अन्नपूर्णा का वास होता है। ऐसे में घर की बरकत बनाये रखने के लिए रसोई में दीया जलाएं।
अक्षय तृतीया के दिन अंतिम दीया यानी कि पांचवा दीया पीपल के पेड़ के नीचे जलाना चाहिए। पीपल के पेड़ में साक्षात देवी-देवता विराजित होते हैं। इसके अलावा, पीपल के पेड़ में ग्रह भी विराजित हैं और पितरों का स्थान भी पीपल ही है। ऐसे में अक्षय तृतीया के दिन पीपल के पेड़ के पास दीया जलाने से देवी-देवता कृपा बरसाते हैं एवं ग्रह और पितृ शांत होते हैं।
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दीया अग्नि का प्रतिनिधित्व करता है, जिसे हिंदू धर्म में एक पवित्र तत्व माना गया है। यह माना जाता है कि अग्नि देवताओं तक हमारी प्रार्थनाओं और श्रद्धा को पहुंचाती है। ऐसे में अक्षय तृतीया के दिन दीया जलाने से देवी-देवताओं तक न सिर्फ हमारी प्रार्थना पहुंचती है बल्कि मनोकामनाओं की भी पूर्ति होती है। इस दिन दीया जलाने से पारिवारिक सुख प्राप्त होते हैं।
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