यात्रा करना हम सभी को पसंद होता है, लेकिन कई बार यात्रा करते समय हमें कई सारी परेशानियां होती हैं। ऐसे में आप पंचांग में बताए गए तिथि और समय का खास ध्यान रखें। इससे आपके द्वारा की गई यात्रा सफल होगी। साथ ही आप जिस काम के लिए बाहर निकले हैं वो भी आसानी से हो जाएंगे। इसके लिए आप पंडित सौरभ त्रिपाठी जी, छिंदवाड़ा, एमपी जी पंचांग पर ध्यान दें। आर्टिकल में उन्होंने सभी जरूरी जानकारी को शेयर किया है। इससे आपकी यात्रा अच्छे से पूरी हो जाएगी।
तिथि | नक्षत्र | दिन/वार | योग | करण |
षष्ठी -सुबह 07:25 तक | कृत्तिका, सुबह 10:12 तक | शनिवार | हर्षण, सुबह 10:32 तक | वणिज सुबह 07:25 तक विष्टि – उसके बाद |
प्रहर | समय |
सूर्योदय | सुबह 05:55 बजे |
सूर्यास्त | शाम 06:16 बजे |
चंद्रोदय | रात 10:23 बजे |
चंद्रास्त | रात 11:35 बजे |
मुहूर्त नाम | मुहूर्त समय |
ब्रह्म मुहूर्त | सुबह 04:35 बजे से सुबह 05:23 बजे तक |
अभिजीत मुहूर्त | दोपहर 11:41 बजे से 12:30 बजे तक |
अमृत काल | सुबह 11:29 बजे से दोपहर 01:14 बजे तक |
मुहूर्त नाम | मुहूर्त समय |
राहु काल | सुबह 09:00 बजे से 10:33 बजे तक |
गुलिक काल | सुबह 05:55 बजे से 07:28 बजे तक |
यमगंड | दोपहर 01:38 बजे से 03:11 बजे तक |
दुर्मुहूर्त | सुबह 05:55 बजे से 06:45 बजे तक |
सुबह 05:55 बजे से 07:28 बजे तक
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