हिंदू पंचांग के अनुसार आज श्रावण माह के शुक्ल पक्ष नवमी तिथि है और शनिवार का दिन है। इस दिन शनिदेव की विधिवत रूप से पूजा-पाठ करने से व्यक्ति की सभी समस्याएं दूर हो सकती है और भाग्योदय हो सकता है। साथ ही अगर किसी जातक की कुंडली में शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या चल रही है तो इसके अशुभ प्रभाव से छुटकारा मिल सकता है। वहीं आज शुक्ल योग बन रहा है और विशाखा नक्षत्र है। ज्योतिष गणना के हिसाब से इस दिन चंद्रमा वृश्चिक राशि में ही मौजूद हैं। अब ऐसे में आज किस मुहूर्त में शनिदेव की पूजा करना है और किस मुहूर्त में क्या करने से बचना चाहिए। इसके बारे में जानना बेहद जरूरी है। आइए इस लेख में ज्योतितिषाचार्य पंडित अरविंद त्रिपाठी से विस्तार से जानते हैं।
तिथि | नक्षत्र | दिन/वार | योग | करण |
श्रावण कृष्ण पक्ष नवमी तिथि | विशाखा नक्षत्र | शनिवार | शुक्ल योग | बालव और बव |
सूर्योदय | सुबह 6 बजकर 01 मिनट से लेकर |
सूर्यास्त | शाम 7 बजकर 04 मिनट तक |
चंद्रोदय | देर रात 12 बजकर 29 मिनट से लेकर |
चंद्रास्त | सुबह 11 बजकर 43 मिनट तक |
ब्रह्म मुहूर्त | सुबह 04 बजकर 21 मिनट से लेकर सुबह 05 बजकर 09 मिनट तक |
अमृत काल | शाम 08 बजकर 42 मिनट से लेकर रात 10 बजकर 30 मिनट तक |
अभिजीत मुहूर्त | दोपहर 12 बजकर 06 मिनट से लेकर दोपहर 12 बजकर 56 मिनट तक |
विजय मुहूर्त | दोपहर 02 बजकर 50 मिनट से लेकर दोपहर 03 बजकर 15 मिनट तक |
गोधूलि मुहूर्त | शाम 07 बजकर 22 मिनट से शाम 07 बजकर 42 मिनट तक |
निशिता मुहूर्त | रात 12 बजकर 05 मिनट से लेकर रात 12 बजकर 46 मिनट तक |
संध्या मुहूर्त | शाम 7 बजकर 30 मिनट से लेकर शाम 9 बजकर 21 मिनट तक |
राहु काल | सुबह 09 बजकर 17 मिनट से लेकर सुबह 10 बजकर 55 मिनट तक |
गुलिक काल | सुबह 06 बजकर 02 मिनट से लेकर सुबह 07 बजकर 39 मिनट तक |
यमगंड | दोपहर 02 बजकर 10 मिनट से लेकर दोपहर 03 बजकर 48 मिनट तक |
दिशाशूल | पूर्व दिशा, यात्रा करने से पहले दही-चीनी जरूर खाकर निकलें। |
दुर्मुहूर्त | सुबह 07 बजकर 46 मिनट से लेकर सुबह 08 बजकर 38 मिनट तक |
आज श्रावण माह के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि है। साथ ही आज शनिवार का दिन भी है। इस दिन इस दिन शनिदेव की पूजा विधिवत रूप से करने से साढ़ेसाती के अशुभ प्रभावों से छुटकारा मिल सकता है और उत्तम परिणाम मिल सकते हैं। साथ ही व्यक्ति के जीवन में आ रही सभी समस्याएं दूर हो सकती है।
हर शनिवार को शनि मंदिर जाकर शनि देव को सरसों का तेल अर्पित करें। इससे शनि देव प्रसन्न होते हैं और उनकी अशुभ दशा का प्रभाव कम होता है।
शनिवार को काले तिल का दान करना बहुत शुभ माना जाता है। आप इसे किसी गरीब व्यक्ति को दान कर सकते हैं या शनि मंदिर में भी अर्पित कर सकते हैं।
शनिवार की शाम को पीपल के पेड़ के नीचे सरसों के तेल का दीपक जलाएं। साथ ही, "ॐ शं शनैश्चराय नमः" मंत्र का जाप करें। इससे शनि देव की कृपा बनी रहती है।
शनि देव हनुमान जी के भक्तों को कभी परेशान नहीं करते। इसलिए शनिवार को हनुमान चालीसा का पाठ करें या हनुमान मंदिर जाकर दर्शन करें।
ॐ प्रां प्रीं प्रौं सः शनैश्चराय नमः" या "ॐ शं शनैश्चराय नमः" मंत्र का प्रतिदिन 108 बार जाप करें। इससे शनि देव के नकारात्मक प्रभाव कम होते हैं।
शनिवार के दिन काले रंग के वस्त्र पहनना शुभ माना जाता है। यदि संभव हो तो इस दिन काले कपड़े या कंबल किसी गरीब को दान करें।
ॐ प्रां प्रीं प्रौं सः शनैश्चराय नमः
ॐ शं नो देवीरभिष्टय आपो भवन्तु पीतये। शं योरभिस्रवन्तु नः
नीलांजन समाभासं रविपुत्रं यमाग्रजम्।
छाया मार्तण्ड संभूतं तं नमामि शनैश्चरम्।।
ॐ भगभवाय विद्महे मृत्युरूपाय धीमहि तन्नो शनिः प्रचोदयात्
ॐ शनैश्चराय शांतये नमः
ॐ भीमाय नमः
आज शनिवार का दिन है और शनिदेव की पूजा-अर्चना करने का भी विधान है। ऐसा कहा जाता है कि अगर किसी जातक की कुंडली में साढे़साती के अशुभ प्रभाव है तो उससे छुटकारा पाने के लिए इस दिन पीपल के पेड़ की पूजा करें और शनिदेव को तेल चढ़ाएं। इससे उत्तम फलों की प्राप्ति हो सकती है।
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Image Credit- HerZindagi
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