Aaj Ka Panchang 06 July 2025: देवशयनी एकादशी की पूजा से लेकर भगवान को शयन करने तक की मुहूर्त के लिए देखें आज का पंचांग, चमक सकता है भाग्य

आइए इस लेख में आज यानी कि 06 जुलाई रविवार के दिन सूर्यदेव की पूजा-अर्चना करने का विधान है। साथ ही आज से भगवान विष्णु चार मास के लिए योग निद्रा में चले जाएंगे। जिससे सभी शुभ कार्यों को करने में रोक लगा दी जाएगी। अब ऐसे में इस दिन भगवान विष्णु की पूजा से लेकर शयन करने की विधि और मुहूर्त के बारे में विस्तार से जान लें। 
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हिंदू पंचांग के अनुसार आज आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि है। साथ ही साध्य योग बन रहा है और विशाखा नक्षत्र है। ज्योतिष गणना के हिसाब से इस दिन चंद्रमा वृश्चिक राशि में संचार करेंगे। आज रविवार का दिन भी है जो सूर्यदेव की पूजा के लिए समर्पित है। वहीं आज एकादशी तिथि भी है। जिसे देवशयनी एकादशी के नाम से जाना जाता है। इसी दिन से भगवान विष्णु की योग निद्रा में चले जाएंगे औक देवउठनी एकादशी के बाद उठेंगे। इसलिए अगर आप भगवान विष्णु की पूजा करने जा रहे हैं तो उनकी पूजा मुहूर्त से लेकर शयन करने तक के बारे में विस्तार से इस लेख में ज्योतिषाचार्य पंडित अरविंद त्रिपाठी से विस्तार से जानते हैं।

आज का पंचांग 06 जुलाई 2025

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तिथि नक्षत्र दिन/वार योग करण
शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि विशाखा नक्षत्र रविवार साध्य योग बव और वणिज

आज सूर्य और चंद्रमा का समय 06 जुलाई 2025

सूर्योदय सुबह 5 बजकर 51 मिनट से लेकर
सूर्यास्त शाम 7 बजकर 14 मिनट तक
चंद्रोदय प्रात: 01 बजकर 46 मिनट से लेकर
चंद्रास्त सुबह 01 बजकर 15 मिनट तक

आज का शुभ मुहूर्त और योग 06 जुलाई 2025

ब्रह्म मुहूर्त सुबह 04 बजकर 14 मिनट से लेकर सुबह 05 बजकर 02 मिनट तक
अमृत काल दोपहर बजकर 50 मिनट से लेकर दोपहर 02 बजकर 37 मिनट तक
अभिजीत मुहूर्त दोपहर 12 बजकर 04 मिनट से लेकर दोपहर 12 बजकर 58 मिनट तक
विजय मुहूर्त दोपहर 02 बजकर 50 मिनट से लेकर दोपहर 03 बजकर 15 मिनट तक
गोधूलि मुहूर्त शाम 07 बजकर 22 मिनट से शाम 07 बजकर 42 मिनट तक
निशिता मुहूर्त रात 12 बजकर 05 मिनट से लेकर रात 12 बजकर 46 मिनट तक
संध्या मुहूर्त शाम 7 बजकर 30 मिनट से लेकर शाम 9 बजकर 21 मिनट तक
रवि योग सुबह 05 बजकर 56 मिनट से लेकर रात 10 बजकर 42 मिनट तक
त्रिपुष्कर योग रात 09 बजकर 14 मिनट से लेकर रात 10 बजकर 42 मिनट तक

आज का अशुभ मुहूर्त 06 जुलाई 2025

राहु काल शाम 05 बजकर 32 मिनट से लेकर शाम 07 बजकर 12 मिनट तक
गुलिक काल दोपहर 03 बजकर 52 मिनट से लेकर शाम 05 बजकर 32 मिनट तक
यमगंड दोपहर 12 बजकर 31 मिनट से लेकर दोपहर 02 बजकर 11 मिनट तक
दिशाशूल दक्षिण दिशा, यात्रा करने से पहले दही-चीनी जरूर खाकर निकलें।
दुर्मुहूर्त

शाम 05 बजकर 25 मिनट से लेकर शाम 06 बजकर 12 मिनट तक

देवशयनी एकादशी पूजा मुहूर्त 2025

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  • एकादशी तिथि प्रारंभ- 5 जुलाई 2025, शाम 06:58 बजे
  • एकादशी तिथि समाप्त-6 जुलाई 2025, रात 09:14 बजे
  • उदया तिथि के अनुसार व्रत- 6 जुलाई 2025, रविवार
  • देवशयनी एकादशी व्रत का पारण- 7 जुलाई 2025 को सुबह 05:29 बजे से सुबह 08:16 बजे तक।

आज पर्व और त्योहार 06 जुलाई 2025

पंचांग के हिसाब से आज आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि है। इस दिन विशेष रूप से विशेष रूप से विष्णु जी का ध्यान करें और उनकी पूजा-अर्चना करें। इससे व्यक्ति को मोक्ष की प्राप्ति हो सकती है।

आज रविवार के उपाय 06 जुलाई 2025

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  • सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र पहनें। तांबे के लोटे में जल भरकर उसमें थोड़ा गुड़, लाल चंदन और लाल फूल डालकर सूर्य देव को अर्घ्य दें। अर्घ्य देते समय "ॐ सूर्याय नमः" या "ॐ घृणि सूर्याय नमः" मंत्र का जाप करें। यह मान-सम्मान और अच्छे स्वास्थ्य के लिए बहुत शुभ माना जाता है।
  • देवशयनी एकादशी पर तुलसी को भगवान विष्णु का प्रिय माना जाता है। संध्या के समय तुलसी के पौधे के पास गाय के घी का दीपक जलाएं और तीन या सात बार परिक्रमा करें। इससे भगवान विष्णु के साथ माता लक्ष्मी की भी विशेष कृपा मिलती है।
  • रविवार के दिन आदित्य हृदय स्तोत्र का पाठ करना अत्यंत लाभकारी होता है। इससे सूर्य देव प्रसन्न होते हैं और जीवन में सुख-समृद्धि आती है।
  • देवशयनी एकादशी भगवान विष्णु को समर्पित है, इसलिए इस दिन पीले रंग के वस्त्र पहनना शुभ माना जाता है। रविवार को नारंगी, सुनहरा, गुलाबी और लाल रंग के कपड़े भी पहन सकते हैं। नीले, भूरे और काले रंग के कपड़े पहनने से बचें।
  • रविवार के दिन गुड़ और तांबे का दान करना विशेष महत्व रखता है।

आज रविवार के खास मंत्र 06 जुलाई 2025

  • ॐ ह्रां ह्रीं ह्रौं सः सूर्याय नमः
  • ॐ भास्कराय विद्महे महाद्युतिकराय धीमहि तन्नो सूर्यः प्रचोदयात्
  • ॐ घृणि सूर्याय नमः
  • ॐ भानवे नमः, ॐ पूष्णे नमः

06 जुलाई 2025 आज के पंचांग का महत्व

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आज आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि है। इस दिन सूर्यदेव के साथ-साथ विष्णु जी की पूजा करने का विधान है। इस दिन विशेष उपायों और मंत्रों का जाप करने से व्यक्ति के सभी कष्ट दूर हो सकते हैं और व्यक्ति की सभी मनोकामनाएं पूरी हो सकती है।

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Image Credit- HerZindagi

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FAQ

  • देवशयनी एकादशी का दूसरा नाम क्या है?

    देवशयनी एकादशी के अन्य नाम भी है जैसे पद्मा एकादशी, आषाढ़ी एकादशी और हरिशयनी एकादशी.
  • एकादशी पर भगवान विष्णु को क्या चढ़ाएं?

    ऐसा माना जाता है कि एकादशी के दिन भगवान विष्णु को पंचामृत (दूध, दही, शहद, घी और चीनी का मिश्रण) चढ़ाने से धन और समृद्धि आती है। भक्तों का मानना ​​है कि पंचामृत चढ़ाने से भगवान विष्णु घर में आर्थिक समृद्धि का आशीर्वाद देते हैं।