धार्मिक दृष्टि के अनुसार, आज योगिनी एकादशी है यानी कि भगवान विष्णु की पूजा का दिन। वहीं, ज्योतिष दृष्टि से आज शनिवार है यानी कि शनि ग्रह का दिन। जहां एक ओर आज के दिन भगवान विष्णु की पूजा करने से सुख-समृद्धि मिल सकती है तो वहीं, शनि ग्रह से जुड़े उपाय या शनि देव की आराधना करने से शनि दोष, साढ़े साती और ढैय्या में राहत मिल सकती है। हालांकि, आज के दिन कुछ भी करने से पहले ये जरूर देख लें कि आज कितने शुभ और कितने अशुभ मुहूर्त हैं एवं कब-कब बन रहे हैं ताकि आपको शुभ फल की प्राप्ति हो सके। इसी कड़ी में ज्योतिषाचार्य राधाकांत वत्स से आइये जानते हैं दान-पुण्य और अन्य कार्यों के लिए आज दिन और रात का चौघड़िया मुहूर्त।
आज का चौघड़िया मुहूर्त 21 जून 2025 (सूर्योदय से सूर्यास्त तक)
मुहूर्त का नाम | मुहूर्त का समय |
चर (सामान्य) | सुबह 05:25 बजे से 07:11 बजे तक |
लाभ (शुभ) | सुबह 07:11 बजे से 08:57 बजे तक |
अमृत (सर्वोत्तम) | सुबह 08:57 बजे से 10:43 बजे तक |
काल (अशुभ) | सुबह 10:43 बजे से 12:29 बजे तक |
मुहूर्त के अनुसार क्या करें?
चर (सामान्य): यह मुहूर्त यात्रा और गतिशील कार्यों के लिए शुभ माना जाता है। यदि आपको कोई ऐसा काम करना है जिसमें गति या स्थानांतरण शामिल हो तो यह समय उपयुक्त है। यह एक सामान्य शुभ मुहूर्त है, न बहुत अच्छा न बहुत बुरा।
लाभ (शुभ): यह मुहूर्त नाम से ही स्पष्ट है - 'लाभ' यानी फायदा। यह धन से जुड़े कार्यों, नए व्यापार की शुरुआत, लेन-देन और उन सभी कामों के लिए बहुत शुभ माना जाता है जिनसे आपको आर्थिक या किसी अन्य प्रकार का लाभ मिलने की संभावना हो। इसे काफी अच्छा मुहूर्त माना जाता है।
अमृत (सर्वोत्तम): 'अमृत' का अर्थ है अमरता या सर्वोच्च शुभता। यह दिन के सबसे शुभ मुहूर्तों में से एक है। यह सभी प्रकार के शुभ कार्यों के लिए सर्वोत्तम माना जाता है जैसे गृह प्रवेश, नींव रखना, महत्वपूर्ण समझौता करना, नया व्यवसाय शुरू करना, विवाह संबंधी बातचीत या कोई भी ऐसा कार्य जिसमें स्थायी सफलता और शुभ परिणाम चाहिए हों।
काल (अशुभ): यह मुहूर्त अशुभ माना जाता है। 'काल' मृत्यु या बाधाओं का प्रतीक है। इस समय में कोई भी नया या शुभ कार्य शुरू करने से बचना चाहिए। इस दौरान यात्रा भी वर्जित होती है। यदि कोई बहुत आवश्यक कार्य हो तो उसे टालने का प्रयास करना चाहिए।
21 जून 2025 दिन के अन्य चौघड़िया मुहूर्त
शुभ (उत्तम): दोपहर 12:29 बजे से 02:15 बजे तक। यह मुहूर्त भी शुभ कार्यों के लिए अच्छा माना जाता है, खासकर धार्मिक कार्य, मांगलिक कार्य, पूजा-पाठ, या कोई ऐसा कार्य जिसमें पवित्रता और सकारात्मकता की आवश्यकता हो। यह अमृत के बाद दूसरा सबसे अच्छा मुहूर्त होता है।
रोग (अशुभ): दोपहर 02:15 बजे से 04:01 बजे तक। यह मुहूर्त अशुभ होता है और इसमें किसी भी नए कार्य को शुरू करने से बचना चाहिए। 'रोग' का अर्थ बीमारी या बाधा है। इस समय में यात्रा, वाद-विवाद या ऐसे कार्य जिनसे परेशानी उत्पन्न हो सकती है उनसे दूर रहना चाहिए।
उद्वेग (अशुभ): शाम 04:01 बजे से 05:47 बजे तक। यह भी एक अशुभ मुहूर्त है। 'उद्वेग' का अर्थ है चिंता, घबराहट या परेशानी। इस समय में कोई भी महत्वपूर्ण निर्णय लेने या नया कार्य शुरू करने से बचना चाहिए। यह मानसिक अशांति और तनाव का कारक हो सकता है।
चर (सामान्य): शाम 05:47 बजे से 07:22 बजे तक। यह दिन का अंतिम चौघड़िया है और फिर से 'चर' मुहूर्त है। यह सामान्य शुभता का प्रतीक है और यात्रा या दैनिक कार्यों के लिए उपयोग किया जा सकता है, लेकिन बहुत महत्वपूर्ण शुभ कार्यों के लिए इससे बचना चाहिए।
आज रात का चौघड़िया मुहूर्त 21 जून 2025 (सूर्यास्त से अगले सूर्योदय तक)
मुहूर्त का नाम | मुहूर्त का समय |
उदवेग (अशुभ) | शाम 07:22 बजे से रात 08:51 बजे तक |
शुभ (उत्तम) | रात 08:51 बजे से रात 10:20 बजे तक |
अमृत (सर्वोत्तम) | रात 10:20 बजे से रात 11:49 बजे तक |
चर (सामान्य) | रात 11:49 बजे से अगली सुबह 01:18 बजे तक |
मुहूर्त के अनुसार क्या करें?
उदवेग (अशुभ): 'उद्वेग' का अर्थ है चिंता या परेशानी। यह मुहूर्त सामान्यतः अशुभ माना जाता है। इस अवधि में कोई भी नया या महत्वपूर्ण कार्य शुरू करने से बचना चाहिए क्योंकि यह मानसिक अशांति या बाधाओं का कारण बन सकता है।
शुभ (उत्तम): यह मुहूर्त 'शुभ' है, यानी उत्तम माना जाता है। यह नाम से ही स्पष्ट है कि यह धार्मिक कार्यों, पूजा-पाठ, ध्यान या ऐसे कार्यों के लिए अच्छा है जिनसे सकारात्मकता और पवित्रता जुड़ी हो। यह विवाह संबंधी बातचीत या ऐसे कार्यों के लिए भी शुभ होता है जहां सद्भाव और अच्छे संबंध बनाने हों।
अमृत (सर्वोत्तम): 'अमृत' सबसे शुभ मुहूर्तों में से एक है। यह सभी प्रकार के महत्वपूर्ण और शुभ कार्यों के लिए बहुत अच्छा माना जाता है, खासकर वे कार्य जिनमें स्थायी सफलता या लंबे समय तक चलने वाले अच्छे परिणाम की उम्मीद हो। यदि आप रात में कोई महत्वपूर्ण योजना बनाते हैं, तो यह समय अनुकूल हो सकता है।
चर (सामान्य): यह 'चर' मुहूर्त है, जिसका अर्थ है गतिशील या सामान्य। यह यात्रा या ऐसे कार्यों के लिए शुभ माना जाता है जिनमें स्थानांतरण शामिल हो। यह न तो बहुत अच्छा होता है और न ही बहुत बुरा, एक सामान्य शुभ मुहूर्त है।
21 जून 2025 रात के अन्य चौघड़िया मुहूर्त
काल (अशुभ): अगली सुबह 01:19 बजे से अगली सुबह 02:48 बजे तक। 'काल' मुहूर्त भी अशुभ होता है और इसमें कोई भी शुभ कार्य नहीं करना चाहिए। यह मृत्यु या हानि का प्रतीक माना जाता है। रविवार को 'काल' चौघड़िया विशेष रूप से तीव्र होता है, इसलिए इस दौरान बहुत सावधानी बरतनी चाहिए।
लाभ (शुभ): अगली सुबह 02:48 बजे से अगली सुबह 04:17 बजे तक। यह 'लाभ' मुहूर्त है, जो फायदे और वृद्धि से जुड़ा है। यह धन से संबंधित कार्यों, लेन-देन या उन सभी कामों के लिए अच्छा माना जाता है जिनसे आपको आर्थिक या किसी अन्य प्रकार का लाभ मिलने की संभावना हो।
उदवेग (अशुभ): अगली सुबह 04:17 बजे से अगली सुबह 05:24 बजे तक। 'उद्वेग' का अर्थ है चिंता या परेशानी। यह भी अशुभ माना जाता है। इस दौरान कोई भी महत्वपूर्ण निर्णय लेने या नया कार्य शुरू करने से बचना चाहिए। यह मानसिक अशांति और तनाव का कारक हो सकता है।
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image credit: herzindagi
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