कहते हैं कि दुनिया का सबसे खूबसूरत अहसास है प्यार। जब आपको किसी से प्यार होता है तो पूरी दुनिया ही खूबसूरत नजर आती है। लेकिन अगर वह प्यार सिर्फ एक भ्रम हो तो। जी हां, कई बार ऐसा भी होता है कि आप जिस व्यक्ति से प्यार पर भरोसा करती हैं, वह प्यार ही नकली होता है। लेकिन आप उसे सच समझ बैठती हैं और जब बाद में आपका दिल टूटता है तो बहुत दर्द होता है।
हो सकता है कि आपके साथ भी ऐसा ही हुआ हो या फिर आप अभी-अभी किसी के प्यार में पड़ी हों, तो बेहतर होगा कि आप पहले असली और नकली प्यार में फर्क समझ लें। आजकल का प्यार को सिर्फ अल्फाजों में बंधकर रह गया है। एक बहुत पुराना डायलॉग है....'प्यार किया तो डरना क्या'.....पर आज जिस तरह से प्यार को परिभाषित किया जा रहा है यह कहना गलत नहीं होगा कि हमें प्यार करने वालों से डरना चाहिए।
जो सिर्फ तीन शब्द बोलकर शक करते हैं, मारते हैं, परेशान करते हैं...जिस्म की भूख रखते हैं, लेकिन कहते हैं हम आपसे प्यार करते हैं। चंद दिनों के बाद यह प्यार खत्म भी हो जाता है...क्यों? क्योंकि यह प्यार अल्फाजों से शुरू होता है, जिसका अर्थ कुछ समय बाद बदल जाता है। हमें प्यार को सही तरीके से परिभाषित करना आता ही नहीं है।
प्यार अना नहीं, प्यार ज़िद नहीं, प्यार पाना नहीं, प्यार खोना नहीं.... प्यार पानी हो जाना है, प्यार दरिया बन जाना है.... प्यार की कोई परिभाषा नहीं, प्यार का कोई पैमाना भी नहीं.....प्यार बस प्यार है ..सिर्फ और सिर्फ प्यार....हमें किसी से प्यार हो तो ख़ुदा की नेमत है। प्यार भागना नहीं सिखाता है.... प्यार ठहराव है...प्यार हौसला है ..हिम्मत है। हां, प्यार कायरता नहीं है, प्यार मजबूती है...
कौन होते हैं वो लोग जो तमाम उम्र अपने आप में प्यार को जीते हैं, किसी को कानो-कान भनक तक नहीं लगती और खुद को रेशा-रेशा उधेड़ते हैं। उन्हीं रेशो से बनाते हैं अपने महबूब की तस्वीर। वो महबूब.. जो पास नहीं होता है, लेकिन साथ होता है.. हरदम। यकीन करिए प्यार रूहानी होता है... रूह से हुआ प्यार जिस्म का तलबगार नहीं होता है। मगर प्यार जिस्म तक पहुंचे, तो इबादत है गंदगी नहीं...!
प्यार को तलाशिए मत.. प्यार हम में ही होता है। अपने दिल में, अपनी रूह में झाकिए कहीं मासूम-सा प्यार सासें ले रहा होगा। उसे हासिल, लाहासिल के बीच लाकर फ़ना मत कीजिए, जो चला जाता है प्यार में अक्सर वही ठहरा हुआ होता है।
किसी का चला जाना जिंदगी का चला जाना नहीं होता है। बस इक हिस्से का छिप जाना होता है.... जो दुनिया को नज़र नहीं आता है, लेकिन हमारे साथ होता है... हर लम्हा, प्यार को इबादत बना लीजिए फिर उसका सिला क्या होता है रब ही जाने...प्यार पर अक़ीदा रखिए प्यार आपको सूफी बना जाएगा।
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