महिलाओं को लेकर कहा जाता था कि अरे ये तो औरत है, इसे क्या करना है, शादी कर दो घर तो संभाल ही लेगी। बस घर-परिवार और पति-बच्चे को ही तो देखना है। यह समाज का वो समय था जब महिलाओं की दुनिया रसोई से शुरू होकर घर के आंगन में ही खत्म हो जाती थी, लेकिन अब वक्त बदल चुका है और आज महिलाएं सिर्फ घर की चार दिवारों में ही नहीं, बल्कि घर-परिवार के साथ, अपने करियर और प्रोफेशनल लाइफ को भी बखूबी संभाल रही हैं।
महिलाएं आज के दौर में कहीं भी पीछे नहीं हैं। घर-ससुराल में सबका ख्याल रखना हो या फिर ऑफिस गोल को अचीव करना, सारी जिम्मेदारियां निभा रही हैं। मेरा नाम अर्पणा मिश्रा है और मैं सरकारी कार्यलय में बतौर अकाउंटेंट कार्यरत हूं। साथ ही, मैं अपने ससुराल को भी मैनेज करती हूं। मेरे 8 घंटे की शिफ्ट के साथ घर को संभालने के तरीके को आप भी अपनाकर अपने घर और ऑफिस को मैनेज कर सकती हैं।
मैं रोज सुबह उठकर एक प्लानिंग के साथ काम करती हूं, ताकि मेरे समय की बचत हो और मैं समय से ऑफिस भी पहुंच जाऊं। इसके लिए मैं पहले ही सोच लेती हूं कि मुझे आज किस काम को कितना वक्त देना है और किसे जल्दी समाप्त करना है। इस तरीके से मैं सुबह उठकर नाश्ता बनाने के बाद मैं ऑफिस के लिए तैयार होती हूं।
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घर की जिम्मेदारियां मेरे ऊपर है, तो मैं अपने ऑफिस के कामों को भी जल्दी निपटाकर समय से घर पहुंचने की कोशिश करती हूं। हालांकि, मैं काम को लेकर कभी भी बहुत ज्यादा स्ट्रेस नहीं लेती हूं। इससे बचने के लिए मैं अपने काम को टुकड़ों में बांटकर और आराम से करती हूं, ताकि अचानक बहुत ज्यादा बोझ न लगे।
मैं खुद को ज्यादा प्रेशर में नहीं आने देती हूं, क्योंकि घर की जिम्मेदारियां भी मेरे ऊपर है। ऑफिस खत्म करने के बाद शाम को घर आकर सबके साथ बैठकर थोड़ा वक्त बिताती हूं। फिर, ऐसे ही रात का खाना बनाकर परिवार के साथ थोड़ा समय बिताने के बाद नींद लेने का समय हो जाता है। इसी तरह अगले दिन भी उसी जोश के साथ उठना और सारे काम निपटाना मेरी डेली की रुटीन होती है।
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कई बार महिलाओं को लोग क्या कहेंगे का डर सताता है, लेकिन मैं यह सब नहीं सोचती हूं। मेरा मानना है कि दूसरों को खुश रखने के चक्कर में खुद के सपनों को कभी भी टूटने नहीं देना चाहिए। खुद को खुश रखना सबसे जरूरी होता है। अगर मैं खुश न रहूं, तो इसका सीधा असर मेरे मूड, सेहत और काम पर ही पड़ेगा। इसलिए, मैं समाज के तानों को इग्नोर करके अपने काम और ससुराल की जिम्मेदारियों पर फोकस करती हूं। सभी महिलाओं से भी यही कहूंगी कि आप कभी अपनी जिम्मेदारियों से भागे नहीं, बल्कि उनका सामना करें। अपनी समस्याओं को सुलझाएं। समाज की परवाह किए बगैर अपने आप को हमेशा सकारात्मक रखें। इस तरह आप भी जिंदगी की भागदौड़ के बीच खुद को शांत रखकर ससुराल की जिम्मेदारियों को बखूबी निभा सकती हैं।
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Image credit- Arpana Mishra
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