यह घटना बेंगलुरु के रहने वाले इन 4 दोस्तों के साथ घटी थी, जिन्होंने मजाक-मजाक में अपनी जान को जोखिम में डाल दिया था। राहुल, महेश, रीना और सचिन बिना सोचे समझे ट्रिप पर निकल चुके थे। उनके ग्रुप में केवल एक ही लड़की थी। रीना, राहुल की गर्लफ्रेंड थी। दोस्तों ने मना किया था कि ट्रिप पर लड़की नहीं जायेगी, लेकिन राहुल जबरदस्ती उसे अपने साथ ले आया था। इस बार चारों दोस्त एक गांव में घूमने के लिए निकले थे। इस गांव में केवल 100 लोग रहते थे। गांव की आबादी कम थी और यह एक छोटे से छेत्र में फैला हुआ था। आस पास बस जंगल और पहाड़ थे।
चारों दोस्त जानते थे कि इस ट्रिप में उन्हें रहने-खाने से लेकर सब कुछ खुद ही करना होगा। क्योंकि, गांव में उन्हें होटल भी नहीं मिलने वाला है। सभी ने गाड़ी में कैंपिंग का सामान रखा और निकल गए। बेंगलुरु से लगभग 500 किमी का लम्बा सफर करने के बाद आखिर, वह नागरसांपेद्रगढ़ पहुंच गए। गांव में जैसे ही गाड़ी घुसी, बच्चे गाड़ी के पीछे भागने लगे। शहर से गाड़ी में आए लोगों को देखकर बच्चे खुश थे। रीना भी बच्चों की वीडियो बनाने में बिजी थी। कुछ दूर गांव में गाड़ी से घूमने के बाद, रीना ने कहा चलो- दोस्तों चाय पीते हैं, गांव की चाय बहुत टेस्टी लगती है।
रीना की बात सुनकर दोस्तों ने भी हामी भरी और सभी गाड़ी से उतर गए। राहुल ने टपरी पर कहा, चाचा 4 चाय दे दीजिए, बिस्किट भी दे देना साथ में। चाचा ने मुस्कुराते हुए कहा, अभी लो बेटा , अभी देता हूं। आस पास और भी कुछ आदमी खड़े थे, उन्होंने राहुल से पूछा, क्या भैया घूमने आए हो क्या। राहुल ने कहा, हां जी भैया , लेकिन यहां होटल तो नहीं होगा न। लोगों ने कहा, अरे भैया गांव है , यहां कहां होटल होगा। गांव के बाहर आपको मिल जाएंगे। इस बात को सुनकर महेश ने कहा, इसलिए हम अपने साथ कैंप का समान लेकर आए हैं। यहीं जंगल के किनारे हम अपना कैंप लगाएंगे। दोस्तों की बात सुनकर आदमियों ने एक दूसरे की तरफ हैरानी से देखा और सभी एक साथ बोल पड़ें। अरे जंगल के किनारे, रात आप जंगल के किनारे बिताएंगे। यह बिल्कुल सुरक्षित नहीं हैं।
कल तो नागपंचमी भी है। आप लोग नहीं जानते हैं, क्या नाग पंचमी के दिन इस जंगल के आस पास भी कोई नहीं भटकता। यह बात तो खबरों में भी फैल चुकी है। राहुल ने हंसते हुए कहा, अरे हम यह सब नहीं मानते। हम वहीं कैंप लगाएंगे। वो जगह आप लोगों की भी नहीं है, तो आप लोगों को दिक्कत नहीं होनी चाहिए। ये बोलते ही राहुल।ने कहा, चलो कैंप बांध लेते है। सभी दोस्तों गाड़ी में बैठकर जंगल के किनारे चले गए। तभी पीछे से लोगों की आवाज आई। भैया रात में जंगल के अंदर मत जाना, अंदर एक किला है जो सदियों से बंद है। आप लोग जंगल किनारे रहना चाहते हैं कोई दिक्कत नहीं है, लेकिन जंगल के अंदर मत जाना। ऐसा लग रहा था कि गांव वालों ने जानबूझकर उन्हें उस किले के बारे में बताया था।
ये कहते हुए वो लोग हंस रहे थे। रीना ने यह देखते हुए कहा, इसमें हंसने वाली क्या बात है, ये लोग हमें देखकर हंस क्यों रहे हैं। राहुल बोला, छोड़ो हर जगह ऐसे लोग मिल ही जाते हैं। जाने दो । सभी दोस्तों ने गाड़ी में से समान निकाला और कैंप तैयार करने लगे। तभी जंगल में से उन्होंने एक बूढ़ी महिला को आते देखा। चारों दोस्त उस महिला को देखकर हैरान थे। सचिन ने उन्हें देखकर धीरे से बोला, गांव वाले तो कहते हैं कि जंगल में कोई नहीं जाता, फिर ये बूढ़ी दादी कहां से आ रही हैं। मुझे तो लगता गांव वालो ने जानबूझकर जंगल को बदनाम किया हुआ है। पक्का इस जंगल में कुछ खास बात होगी और वो यहां किसी को जाने नहीं देना चाहते। जभी तो उन्हें हमारा आना पसन्द नहीं आया। वरना टूरिस्ट आना किसको पसंद नहीं आता। सचिन की बात सुनकर राहुल ने इशारे से उसे चुप होने को कहा। चारों दोस्तों में सबसे समझदार राहुल ही था, उसने अपने दोस्तों को कहा, हम यहां इंजॉय करने आए है, तुम आग उसपर फोकस करो, गांव वाले क्या कह रहे हैं।
उनकी बातों को दिल पर लगाने की जरूरत नहीं है। अब डंडा लिए बूढ़ी दादी उनके करीब आ चुकी थी। बूढी दादी ने दोस्तों को देखकर कहा- आ गए तुम लोग, बूढ़ी दादी को यह बोलना देख चारों दोस्त हैरान थे। उन्हें समझ में नहीं आ रहा था कि आखिर बूढी दादी को उनके आने के बारे में कैसे पता है। बूढी दादी अपनी बात कहकर आगे की तरफ बढ़ गई। बूढी दादी का हल्का सा मुस्कुराता हुआ चेहरा चारों दोस्तों को अच्छा नहीं लग रहा था। रीना को बूढी दादी का रवैया ठीक नहीं लगा उसने राहुल का हाथ पकड़ते हुए कहा मुझे यहां कुछ ठीक नहीं लग रहा है आखिर बूढी दादी कैसे हमें जानती है ना हमसे कुछ बात की और ना ही इसके सिवा कुछ कहा उनकी तो हंसी भी मुझे डरावनी लग रही थी।
राहुल ने कहा अरे तुम घबराओ मत मुझे तो वह पागल ही लगी, क्या पता उसने ऐसे ही बोल दिया हो। तुमने उनकी उम्र देखी है ठीक से चल भी नहीं पा रही है, बिना डंडे के तो वह खड़ी भी नहीं हो सकती, उनके बारे में तुम्हें इतना सोचने की जरूरत नहीं है। चलो दोस्तों अब कैंप लग चुका है, तो हम लोग खाना बना लेते हैं, मुझे तो बहुत तेज भूख लगी है। सभी ने हंसते हुए कहा हां यार बहुत तेज भूख लगी है, चलो कुछ टेस्टी बनाते हैं। धीरे-धीरे यह अंधेरा होने लगा था और शाम के साथ बच चुके थे जंगल के किनारे होने की वजह से उन्हें जंगल में से अजीबो गरीब जानवरों की और कीड़े मकोड़े की आवाज आ रही थी। लेकिन अब कैंपिंग कर रहे हैं, तो यह सब तो उन्हें झेल ही पड़ेगा। यह उनके लिए किसी एडवेंचर से कम नहीं था, हंसी मजाक करते हुए खाना, अब तैयार हो चुका था।
खाना तैयार होते ही सभी दोस्त ऐसे खाने पर टूट पड़े, जैसे आज से पहले उन्हें कभी खाना नहीं मिला था। खूब बातें, खूब हंसी मजाक और खूब नाच गाना, जंगल के किनारे तो जैसे पार्टी हो रही थी। वहीं दूर खड़े गांव वाले बस उन्हें देख रहे थे। ऐसा लग रहा था जैसे यह नजारा आज से पहले उन्होंने कभी नहीं देखा है। जैसे ही रात के 8:00 बजे सभी अपने घरों की तरफ चले गए। धीरे-धीरे रात के 9:00 बजे तक पूरे गांव की लाइट बंद हो गई, अब बस गांव की सड़कों पर लगी लाइट ही चमक रही थी। गांव में ऐसे सन्नाटा था जैसे कोई रहता ही नहीं। गांव का ऐसा सन्नाटा देखते हुए चारों दोस्तों को भी लगा कि उन्हें भी सो जाना चाहिए। गांव में जब सभी लोग सो चुके हैं, तो गानों की आवाज से उन्हें परेशान करना ठीक नहीं लगता।
चारों दोस्तों ने भी दो कैंप में अपनी अपनी जगह बनाई और जाकर सो कर तभी रात के 11:00 बजे सचिन अपने कैंप से बाहर निकाल कर आए और राहुल के कैंप में नॉक नॉक किया। उसने राहुल से कहा- अरे सुन राहुल , राहुल के अंदर से आवाज आई , क्या हो गया सचिन , सो जा रात की 11:00 बज गए हैं, मुझे बहुत तेज नींद आ रही है, सचिन ने कहा- अरे यार तुम लोग यहां पर सोने आए हो क्या, कैंपिंग में कुछ एडवेंचर तो होना चाहिए ना, यहां पर सोकर चले जाएंगे तो घर ही रह लेते। अब यहां आए हैं ,तो जंगल के नजार तो देख कर आए, आखिर इस जंगल में ऐसा क्या है।
राहुल आंख मारते हुए कैंप से बाहर आया उसके पीछे-पीछे रीना भी आई, दोनों ने कहा अरे यार सचिन कल चलेंगे ना आज रहने दे। सचिन ने कहा ,अरे आज मुझे ही जाना है, तुम लोग नहीं चल रहे हो तो मैं अकेले चला जाऊंगा। मैं यहां सोने नहीं आया, तभी उसके कैंप में से महेश भी बाहर आया। यार राहुल चल चलते हैं, यह मानने नहीं वाला है। रीना और राहुल ने भी थक हार के उसके साथ जाने का फैसला कर लिया। उन्होंने अपना जरूरी सामान उठाया और पैदल ही जंगल की तरफ चलने लगे। हाथ में टॉर्च लिए रीना सबसे आगे चल रही थी और उनके पीछे तीनों दोस्त। रीना ने कहा आसपास देखते रहना कोई जानवर भी हो सकता है। राहुल ने कहा- अरे तुम डरती क्यों हो , हम तुम्हारे पीछे ही हैं। रीना ने गुस्से में कहा, मुझे डर नहीं लग रहा है, मैं बस तुम्हें कह रही हूं अलर्ट रहो।
रीना की बात सुनकर सब लोग हंसने लगे, इसे ही डरना कहते हैं। तभी उन्हें दूर से वही बूढी महिला नजर आई, वह जंगल में अकेले चली जा रही थी, उसने तो हाथों में टॉर्च भी नहीं लिया था। लेकिन आखिर वह अकेले इस जंगल की तरफ क्यों जा रही थी। रीना ने कहा मुझे इस बुड़िया दादी पर बिल्कुल भी भरोसा नहीं हो रहा है , मैं कह रही थी ना इस बुढ़िया में कुछ तो गड़बड़ है। दोस्तों अभी भी मौका है, हम वापस चलते हैं कैंप की तरफ। सचिन ने कहा ,देखा तू डर रही है ना, तुझे कहा ना हम लोग तेरे पीछे हैं। तुझे इतना डरने की जरूरत नहीं है। उसे बुड़िया दादी को छोड़, सीधा चलती जा । राहुल ने कहा आखिर यह बुड़िया जा कहां रही है, एक बार हमें देखना तो चाहिए। जब जंगल में किसी को जाने से मना किया है, तो यह अकेले कैसे जा सकती है और इस बुड़िया को तो डर भी नहीं लग रहा । सचिन ने कहा- हां यार चलो इसी के पीछे चलते हैं, कहीं तो यह लेकर ही जाएगी, चारों दोस्त पीछे-पीछे एक दूसरे के साथ चलने लगे थी।
आधे रास्ते में बुढ़िया ने मुड़कर देखा तभी चारों दोस्त पेड़ के पीछे छुप गए। ऐसा लग रहा था जैसे कोई क्रीम कर दिया है और वह उसे छिप रहे हैं ,बुढ़िया कुछ सेकंड रुकी पीछे मुड़ी और फिर वह वापस आगे चलने लगी। चार दोस्त भी पेड़ के पीछे से बाहर आए और खुश हो जाते हुए कहा, आज तो हम मरते मरते बचे हैं। चारों ने फिर से एक दूसरे का हाथ पकड़ा और धीरे-धीरे पैर दबाते हुए उसके पीछे-पीछे चलने लगे। जैसे ही वह आगे बढ़े उन्होंने देखा एक बड़ी सी हवेली थी , हवेली काले रंग की थी और उसकी आसपास पेड़ लटके हुए थे ।दीवारों से भी पेड़ बाहर आ रहे थे यह बहुत ही डरावनी हवेली लग रही थी। हवेली में लाइट भी नहीं चल रही थी, लेकिन बुढ़िया इस हवेली की तरफ बढ़े जा रही थी। चारों दोस्तों ने कहा पहले इसे जाने देते हैं वरना यह हमें देख लेगी, हम इसके पीछे से जाएंगे, बुड़िया फिर मुड़कर पीछे देखने लगी , ऐसा लग रहा था जैसे उसे लग रहा था जैसे उसे पता है कि कोई उसका पीछा कर रहा है जैसे ही वह पीछे मुड़ी चारों दोस्त अलग-अलग पेड़ के पीछे छुप गए।
कुछ सेकंड रुकने के बाद वह वापस हवेली की तरफ बड़ी और अंदर चली गई चार दोस्तों ने उसे अंदर जाते हुए देखा गुड़िया के जाने के बाद उन्होंने कहा मुझे तो लगता है ऐसे ही इस गांव को डरावना बताया गया है यहां ऐसा कुछ है नहीं आज ही तो नाग पंचमी है हमें तो यहां एक सांप तक नजर नहीं आया ऐसे ही इन लोगों ने अफवाह उड़ाई हुई है अब इस बुढ़िया को ही देख लो बिना डरे अंदर चली गई वह भी अकेले। इसके बाद चारों दोस्त भी एक दूसरे का हाथ पकड़े अंदर गेट की तरफ जाने लगे। धीरे-धीरे जैसे ही वह गेट के अंदर घुसे उन्हें कुछ अजीब सी आवाज सुनाई दी। ऐसा लगा जैसे एक साथ बहुत सारे कीड़े- मकोड़े बोल रहे हैं। यह बहुत अजीब था उन्हें लगा हवेली बहुत दिनों से बंद है इसलिए ऐसी आवाज में से आ रही है।
चारों दोस्त थोड़ा और अंदर आगे बढ़े जैसे ही वह अंदर बढ़े और ऊपर की तरफ चढ़ने लगे अचानक से पीछे हवेली का दरवाजा बंद हो गया। रीना बहुत डर गई और तुरंत राहुल के पीछे खड़ी हो गई। सचिन और महेश ने हंसते हुए कहा- अरे हवा बहुत तेज चल रही है, राहुल मैंने कहा था ना इसे साथ नहीं लेकर आना था। जैसे ही पूरे रास्ते में डरती रहेगी राहुल ने कहा रीना हवा से दरवाजा बंद हुआ है तुम्हें घबराने की जरूरत नहीं है। चारों धीरे धीरे अंदर की तरफ चलने लगे उन्हें ऊपर के फ्लोर पर बुधिया नजर आई इस बार उन्होंने सोचा कि वह अब बुढ़िया को रंगे हाथों पकड़ के रहेंगे और उससे पूछेंगे कि वह अकेले इस हवेली में क्या कर रही है जंगल में तो आना माना है और हवेली में भी तो वह बिना डरे कैसे हवेली में घूम रही है, आखिर इस गांव की सच्चाई क्या है , क्यों इसे ऐसे बदनाम किया गया है। जैसे ही चारों दोस्त ऊपर की तरफ बढ़े अचानक से ढेर सारे सांप यहां वहां भागने लगे यह नजारा देखकर चारों दोस्तों के तो जैसे पर जमीन से खिसक गए थे एक साथ इतने सारे सांप कैसे नजर आ सकते हैं। ऐसे लग रहा था जैसे पूरे जंगल के सांप इस किले में घूम रहे हैं यह नजारा आप बहुत ही ज्यादा डरावना था।
सांपों का इतना झुंड देखते ही चारों दोस्त ऊपर की फ्लोर से नीचे की तरफ भागने लगे। उन्हें बस जैसे भी करके हवेली के बाहर आना था। लेकिन उन्हें समझ में नहीं आ रहा था कि क्या वह इन सांपों से बचकर भाग पाएंगे जल्दी-जल्दी चारों दोस्तों ने सीढ़ियों से उतरना शुरू किया। चारों दोस्त दरवाजे तक तो पहुंच गए लेकिन अब दरवाजा नहीं खुल रहा था वह बार-बार किले का दरवाजा खोलने की कोशिश कर रहे थें और उनकी तरफ सांपों का झुंड भागते हुए आ रहा था। आज तो उन्हें बड़ा भरोसा हो गया था कि वह इन सांपों से बचना नहीं वाले हैं वह हाथ जोड़कर बस नाग देवता से बचने की दुआ करने लगे धीरे-धीरे से दे रीना चिल्लाने लगी है, नाग देवता हमें माफ कर दीजिए हमसे भूल हो गई है हम दोबारा कभी इस्केले में नहीं आएंगे प्लीज हमें जाने दीजिए।
तभी ऊपर से आवाज आई अरे बच्चों तुम लोग आ गए मुझे पता था कब से तुम लोग मेरे पीछे आ रहे हो इतना देर लगा दिया तुम लोगों ने चारों दोस्त घबरा गए बुढ़िया फोन के आने के बारे में पता था गुड़िया ने हंसते हुए कहा और सचिन तुमने तो बहुत अच्छा काम किया है आखिर तुम अपने दोस्तों को यहां लेकर ही आ गए। बुढ़िया की बात सुनकर राहुल रीना और महेश सचिन को चिल्लाने लगे सब तेरी वजह से हुआ है अब बात यहां से कैसे बच कर बाहर जाएंगे। राहुल ने कहा कुछ ना कुछ बचने का उपाय जरूर होगा। कोई खिड़की खोजो कुछ तो दरवाजा कोई तो दरवाजा होगा जो खुला होगा।
बुढ़िया ने ऊपर से कहा- यहां से बचकर जाने का कोई रास्ता नहीं है, तभी राहुल ने कहा हमने तुम्हारा क्या बिगाड़ा है, तुमने हमें क्यों फसाया। बुढ़िया ने कहा- मैंने तो तुम्हें नहीं बुलाया तुम लोग खुद यहां पर आए हो अब आए हो तो भुगतना तो तुम्हें पड़ेगा ही। राहुल ने कहा मैं यहां से बच कर दिखाऊंगा और मेरे दोस्त भी यहां से बचकर दिखाएंगे तुम देख लेना। राहुल ने देखा उसे ऊपर की फ्लोर पर खिड़की नजर आ रही थी राहुल ने सचिन को इशारा किया सचिन ने भी उसे लड़की की तरफ देखा। उनके उनके बैग में स्प्रे था। उन्होंने तुरंत अपने बैग से स्प्रे निकाला और सांप की तरफ मारा सारे सांप ही हवा भागने लगे बीच में रास्ता बन गया और वह ऊपर की फ्लोर फ्लोर की तरफ भागे।
लेकिन जैसे ही मैं ऊपर गए सांप उनके पीछे फिर से आने लगे। बुढ़िया उन्हें देखकर जोर-जोर से हंसे जा रही थी तभी राहुल को याद आया इस वीडियो में उन्होंने देखा था इसके लिए मैं एक ऐसा कैमरा है। जहां नाग देवता विराजमान है अगर वह इन सांपों से बचकर उसे कमरे में पहुंच गए तो यह सांप उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाएंगे राहुल ने ऊपर जाकर सबको यह बात बताएं। अब सभी को वह कमरा ढूंढना था, उन लोगों ने पहले ऊपर के फ्लोर पर कुछ लकड़िया खोजी और उसमें आग लगाने की कोशिश की उनके बैग में जरूरी सामान था जिससे वह आग लगा सकते थे अलग-अलग कमरे की तरह भागने लगे हर कमरे में जाकर चेक कर रहे थे कि वह कमरा कहां मिलेगा जहां पर नाग देवता विराजमान है पूरे किले में खोजने के बाद आखिर एक कमरा उन्हें बेसमेंट की तरफ नजर आया राहुल समझ गया यह वही कमरा है।
राहुल तेज चिल्लाते हुए कहा- दोस्तों मुझे कमरा मिल गया सब लोग तेजी से कमरे की तरफ भागने लगे साबुन के पीछे आ रहे थे तभी रीना के पैर पर एक सांप ने काट लिया रीना को सिर्फ सांप ने काटा ही नहीं बल्कि ढेर सारे सांपों में उसे पूरी तरह से कर कर दिया। रीना का पूरा शरीर सांप से ढक चुका था। राहुल उसे बचाने के लिए वापस नीचे आ रहा था लेकिन अब कुछ नहीं हो सकता था तो वहीं बैठकर रो रहा था और रीना रीना चिल्ला रहा था सचिन और महेश ने कहा हमें नाग देवता की तरफ जाना है चलो जल्दी चलो राहुल अब कुछ नहीं हो सकता दोनों दोस्तों ने राहुल का हाथ पकड़ा और उसे सहारा देते हुए कैमरे की तरह भागते हुए लेकर गए बड़ी में में मशकत के बाद आखिर नाग देवता का कैमरा खुल गया देखा कि कमरे में एक भी सांप नहीं था और वह बुढ़िया दादी भी हम नजर नहीं आ रही थी राहुल कमरे में जाते ही नाग देवता के आगे हाथ फैला कर बैठ गया और तेज तेज कर रोने लगा।
..हे नाग देवता प्लीज मेरी रीना को वापस कर दो, उसने किसी का कुछ नहीं बिगड़ा। हमने किसी भी सांप को नुकसान नहीं पहुंचाया। हम बस अपनी जान बचा रहे थे हमने मारा नहीं है। प्लीज मेरी रीना को वापस कर दो, तभी नाग देवता के पीछे से बड़ी सी रोशनी निकाल कर आई, यह रोशनी इतनी बड़ी थी कि पूरे कमरे में उजाला हो गया था। लेकिन इस रोशनी में उन्हें कुछ दिखाई नहीं दे रहा था। तभी उन्हें दरवाजा खुलने की आवाज आई यह किले का में गेट था जो अचानक से अपने आप खुल गया महेश्वरी सचिन कमरे के बाहर की तरफ भागे। राहुल अभी भी नाग देवता के सामने हाथ जोड़े बैठा था। तभी नीचे से आवाज आई राहुल कहां हो तुम अरे सचिन महेश तुम लोग कहां चले गए। रीना की आवाज सुनकर जैसे राहुल का खुशी का ठिकाना नहीं था वह भागते हुए नीचे की तरफ दौड़ा और तुरंत रीना को जाकर गले लगा लिया। रीनाने कहा, अरे अचानक से सभी सांप मुझे छोड़कर भाग गए पूरा कला खाली हो गया सांप से सारे सांप बाहर की तरफ भाग गए और जहां पर मुझे सांप ने काटा था वहां भी मुझे कुछ फील नहीं हो रहा देखो निशान भी गायब है। चार दोस्त समझ गए कि यह नाग देवता का चमत्कार है, वह ऊपर गए और उन्होंने नाग देवता के सामने हाथ जोड़ा और उन्हें उनकी जान बचाने के लिए धन्यवाद किया इसके बाद उन्होंने नाग देवता से यह भी कहा कि वह आगे से ऐसा कोई भी काम नहीं करेंगे जिस किसी को तकलीफ हो।
सुबह हो गई थी और सूरज निकल आया था। बूढी दादी भी उन्हें दोबारा नजर नहीं आई। चारों दोस्त जंगल से बाहर आए, और सारा सामान पैक करके वापस गाड़ी में भरने लगे। तभी गांव के वही आदमी वापस आए और चारों दोस्तों से पूछने लगे। अरे तुम लोग यहां, कैसा रही कैंपिंग वाली रात। चारों दोस्तों ने कहा, हां सब अच्छा था। चारों दोस्तों ने रात की बात किसी से कभी शेयर नहीं की और सामान पैक करके वापस अपने शहर चले गए।
यह कहानी पूरी तरह से कल्पना पर आधारित है और इसका वास्तविक जीवन से कोई संबंध नहीं है। यह केवल कहानी के उद्देश्य से लिखी गई है। हमारा उद्देश्य किसी की भावनाओं को ठेस पहुंचाना नहीं है। ऐसी ही कहानी को पढ़ने के लिए जुड़े रहें हर जिंदगी के साथ।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों