image

    महाकुंभ में एक रहस्यमयी नाग साधु के पास था जादूई त्रिशूल, वह महाशिवरात्रि पर इसे छिपाकर घाट की तरफ लेकर जा रहा था, तभी..

    Priya Singh

    महाकुंभ में स्नान की भीड़ अपने चरम पर थी। महाशिवरात्रि के मौके पर स्नान न कर पाने की चिंता लोगों को परेशान कर रही थी। इसलिए किसी भी तरह लोग घाट तक पहुंचना चाहते थे। संगम तट तक जाने का रास्ता खचाखच भरा था, लेकिन दूर से यह नजारा देखने वाला एक साधु चिंतित दिख रहा था। लंबे, घने बाल और लंबी दाढ़ी वाला वह साधु रहस्यमयी प्रतीत हो रहा था। कुछ पल भीड़ को देखने के बाद, उसने अपने हाथ में थामे प्राचीन त्रिशूल को सतरंगी कपड़े से ढक लिया और गंभीर भाव से भीड़ में प्रवेश करने लगा।

    maha kumbh mysterious naga sadhu magical trishul story in hindi for maha shivratri 2025

    जैसे ही वह आगे बढ़ा, उसने त्रिशूल को कसकर पकड़ लिया, ताकि भीड़ में उसके हाथों से यह छूट न जाए। लेकिन भीड़ में प्रवेश करते ही त्रिशूल से दिव्य आभा निकलने लगी। मानो उसमें से कोई रोशनी निकल रही है जो कपड़े के ऊपर चमक रही है।तभी एक छोटे बच्चे की नजर भी में उस त्रिशूल पर पड़ गई। वह त्रिशूल को छूना चाहता था, लेकिन भीड़ की वजह से बार बार वह दूर हो जा रहा था। उसने अपने पिता से कहा, "पापा, देखो! उस बाबा के हाथ में क्या है? उसमें से रोशनी निकल रही है!" पिता ने साधु की ओर देखा। लंबे बाल, लंबी दाढ़ी और बड़े नाखूनों वाले उस साधु के शरीर पर कई गहरे निशान थे, मानो किसी ने उसे बुरी तरह घायल किया हो। ऐसा लग था, जैसे उसे किसी ने बहुत बुरी तरह कौड़ियां से मारा है। पिता ने बच्चे को गोद में उठा लिया। भीड़ आगे बढ़ रही थी। लेकिन पिता की नजर जैसे ही साधु पर पड़ी, साधु वहीं रुक गया। ऐसा लग रहा था जैसे साधु को पीछे से भी पता चल गया था कि किसी की नजर उसपर पड़ी है।

    maha kumbh mysterious naga sadhu magical trishul story in hindi for maha shivratri

    बच्चे के पिता ने फौरन नजरे चुराई और भीड़ में दूसरी तरफ चलने लगा। उनके जाते ही साधु और तेज तेज भीड़ में चलने लगा। उसके त्रिशूल को रोशनी अब बढ़ती जा रही थी, ऐसा लग था मानों साधु नहीं चाहता कि कोई उसे देखे। वहीं दूसरी तरफ बच्चे के पिता के मन में यही बात घूम रही थी कि आखिर ऐसा साधु उसने आज से पहले कभी नहीं देखा। साधु के हाथ में कोई चीज थी जो चमक रही थी, लेकिन वो चीज क्या थी, उसे पता लगाना था। बच्चे के पिता, नरेंद्र, जो पेशे से पत्रकार थे, को उस साधु का व्यवहार संदिग्ध लगा। उन्होंने अपनी पत्नी को बच्चे का ध्यान रखने के लिए कहा और खुद साधु का पीछा करने लगे।

    maha kumbh mysterious naga sadhu magical trishul story in hindi for1  maha shivratri 2025

    नरेंद्र को उस साधु का बर्ताव कुछ ठीक नहीं लग रहा था। इसलिए उसने बच्चे को अपनी पत्नी को पकड़ाया और साधु को भीड़ में ढूंढने निकल पड़ा। उसने पत्नी से कहा कि वह उसे थोड़े देर में फोन करेगा, घाट पर पहुंचे कर। पत्नी को समझ नहीं आ रहा था कि उसे अचानक क्या हो गया, लेकिन भीड़ बहुत ज्यादा थी, इसलिए उसने ज्यादा सवाल जवाब करने की बजाय जाने दिया। भीड़ में नरेंद्र साधु को खोज रहा था, उसे बस जानना था को वह हाथ में क्या लेकर आया था। उधर, साधु तेजी से घाट की ओर बढ़ रहा था। जैसे-जैसे वह आगे बढ़ता, उसके त्रिशूल की रोशनी और तेज होती गई। तभी अचानक मौसम ने करवट बदली, काले बादल छा गए और तेज हवाएं चलने लगीं। संगम का पानी भी उफान पर था।

    तेज धूप के बाद अचानक ऐसा मौसम होना , हर किसी को हैरान और परेशान कर रहा था। वहीं दूसरी तरह नरेंद्र जो साधु को ढूंढ रहा था, उसे अभी तक साधु कहीं नजर नहीं आए थे। मौसम खराब होता देख नरेंद्र को अपने परिवार वालों की फ़िक्रा होने लगी थी, लेकिन मन ही मन उसके यह चल रहा था कि अचानक मौसम खराब कैसे हो गया। कहीं ये उस रहस्यमई बाबा की वजह से तो नहीं। तभी उसने सिर पर हाथ रखते हुए कहा, मैं इतना अंधविश्वासी नहीं हूं, किसी बाबा का मौसम से क्या लेना देना। मौसम है कभी भी खराब हो सकता है। लेकिन उसके हाथ में क्या था, ये तो मैं जानकर रहूंगा।

    तेज हवाएं बहने लगी थी, संगम का पानी भी तेज होने लगा था। जो लोग पानी में स्नान कर रहे थे, डर के कारण वह भी बाहर आ गए थे। भीड़ भी मानों सहम गई थी। तेज हवा लोगों को पीछे की तरफ धकेल रही थी। लेकिन लोग फिर भी हवा को चीरते हुए आगे बढ़ रहे थे। उधर साधु की त्रिशूल से निकल रही रोशनी अब तेज होने लगी थी। साधु लगातार तेज हवा को चीरते हुए आगे बढ़ रहा था। तभी नरेंद्र को साधु नजर आया।

    maha kumbh mysterious naga sadhu magical trishul story in hindi fiction for maha shivratri 2025

    साधु को देखते ही नरेंद्र उसके पीछे चलने लगा। कभी भीड़ में साधु उसकी नजर से गायब हो जाता, तो कभी दिखाई पड़ता। नरेंद्र को नजर आया कि साधु के हाथ में कुछ छड़ी जैसा है जिसकी रोशनी अब और ज्यादा तेज हो गई है। मौसम में अंधेरा और तेज हवा और बढ़ने लगी थी, हवा तेज होने के वजह से लोग ठहर जा रहे थे, लेकिन साधु नहीं रुका। उसके पैर लगातार घाट की तरफ बढ़ रहे थे।

    हवा साधु को पीछे की तरफ धकेल रही थी, लेकिन वह रुका नहीं। अब साधु और नरेंद्र दोनों घाट पर पहुंच गए थे। जैसे ही साधु ने घाट के पानी में कदम रखा, पानी का बहाव तेज होने लगा। किसी की भी नजर साधु पर नहीं थी, क्योंकि लोग अपने में मगन थे, लेकिन नरेंद्र लगातार उस पर नजर बनाए हुए था। जैसे ही पानी का बहाव तेज हुआ, लोग पानी से बाहर की तरफ भागने लगे। नरेंद्र ने देखा कि पानी का बहाव साधु के पैर रखने से अचानक बदला था। वो समझ गया कि ये साधु कोई आम साधु नहीं है।

    अचानक सभी लोग बाहर को तरफ भागने लगे। लेकिन साधु लगातार पानी में अंदर की तरफ बढ़ता जा रहा था। तभी बारिश भी शुरू हो गई। साधु पानी में इतना अंदर जा चुका था कि उसके कमर तक पानी पहुंच गया था। ये सब नजारा नरेंद्र अपनी आंखों से देख रहा था। लेकिन कोई और उस साधु की तरफ क्यों नहीं देख रहा था। नरेंद्र को ये बात समझ नहीं आ रही थी। तभी उसकी पति और बच्चे भी वहां आ गए। बच्चे की नजर पानी में उस साधु की तरफ पड़ी। उसने तेज चिल्लाते हुए कहा। देखो बाबा वहां है पापा, ये वही बाबा है ना।

    maha kumbh mysterious naga sadhu magical trishul story in hindi

    अपने बेटे के बोलते ही उसने उससे पूछा। तुम्हे बाबा दिख रहे हैं। बच्चे ने कहा हां, वो तो रहे पानी में। लेकिन वो पानी में अंदर इतना क्यों जा रहे हैं। नरेंद्र की पत्नी परेशान थी, उसने अपने पति से कहा, आप दोनों किस बाबा के बारे में बात कर रहे है, कहां है बाबा। नरेंद्र ने कहा, देखो वहां अन्दर पानी में जा रहे है। बच्चे ने इशारा भी किया, लेकिन पत्नी को कहीं कोई बाबा नजर नहीं आ रहा था। नरेंद्र ने पूछा, तुम्हे साधु नहीं दिख रहा क्या। पत्नी ने बोला, नहीं, वहां तो कोई पानी में नहीं जा रहा।

    नरेंद्र हैरान हो गया, आखिर बच्चे को और उसे ही बाबा क्यों दिख रहे हैं। उसे लगा कि शायद पुरुषों की बाबा नजर आ रहे हैं।।उसने अपने साइड में खड़े शख्स से भी वही सवाल किया।। लेकिन व्यक्ति ने भी मना कर दिया। नरेंद्र को भरोसा हो गया था कि उसके और बच्चे के सिवा साधु किसी को नजर नहीं आ रहा था। तभी तेज बिजली कड़कने लगी, लोग घबराने लगे कि कहीं बिजली उनके ऊपर ना गिर जाए। भीड़ बेकाबू हो गई और भागने लगी। लेकिन नरेंद्र अपने परिवार के साथ वहीं खड़ा साधु को देख रहा था। नरेंद्र की पत्नी उसे भी चलने को कह रही थी, लेकिन उसने जाने से मना कर दिया।

    maha kumbh mysterious naga sadhu magical trishul story in hindi 1


    तभी साधु के चेहरे से कपड़ा हट गया और उड़ कर पानी में गिर गया। साधु के बाल खुल चुके थे और पानी में लहरा रहे थे। साधु की लंबी दाढ़ी भी पानी में तैर रही थी। तभी उसने अपना हाथ ऊपर उठाया। ये एक त्रिशूल था।।जिसमें से एक अजीब सी रोशनी निकल रही थी। रोशनी बहुत तेज थी, नरेंद्र और उसके बच्चे को आंखे चमक की वजह से बंद हो जा रही थी। बच्चे ने चिल्लाया , त्रिशूल त्रिशूल, बाबा के पास जादुई त्रिशूल है नरेंद्र ने बच्चे का मुंह फौरन बंद कर दिया। लेकिन साधु तक आवाज पहुंच गई थी। उसने उनकी तरफ गुस्से में देखा। साधु की आंखे गहरी लाल थी l नरेंद्र ने तुरंत अपना फोन निकाला और साधु को फोन में रिकॉर्ड करने की कोशिश की। लेकिन तभी साधु की आंखों से लाल रंग का पानी गिरने लगा। ऐसा लग रहा था जैसे साधु खून के आंखों से खून के आंसू बह रहे हैं।।जैसे ही साधु के आंखों से एक बूंद पानी , संगम में गिरा, नरेंद्र का फोन भी अचानक हाथ से छूटकर पानी में गिर गया।

    नरेंद्र फौरन , फोन पानी में उठने लगा, लेकिन ये पूरी तरह से डूबकर खराब हो गया था। तभी साधु ने त्रिशूल आसमान की तरफ उठाया और तेज- तेज महादेव को पुकारने लगा। चमकदार त्रिशूल को ऊपर उठाते ही, आसमान से कोई रोशनी त्रिशूल पर पड़ी। दोनों रोशनी आपस में मिल रही थी।। घाट पर हवाएं और बारिश भी तेज होने लगी थी। लोग यहां वहां भाग रहे थे, लेकिन नरेंद्र और उसका बच्चा बस यही सब देख रहा था।

    त्रिशूल से निकलती रोशनी आकाश से टकराने लगी। अचानक, त्रिशूल हवा में उड़ने लगा और बादलों में समा गया। त्रिशूल के गायब होते है, मौसम शांत हो गया। साधु के चेहरे पर शांति का भाव था। पानी का बहाव शांत हो गया। नरेंद्र साधु की तरफ पानी में बढ़ने लगा।। लेकिन देखते ही देखते साधु पानी में अंदर डुबकी लगाने लगा। डुबकी लगाते लगाते , 10 से 12 के बाद साधु पानी से बाहर नहीं आया। नरेंद्र ने पानी में साधु को ढूंढने लगा। नरेंद्र साधु से मिलना चाहता था ,उसके मन में कई तरह के सवाल चल रहे थे। लेकिन इसके पहले वह पूछ पाता साधु पानी में ही गायब हो गया। लेकिन नरेंद्र को पानी में साधु का कपड़ा मिला, जो उसके सिर से उड़कर गिर गया था। उसने कपड़ा उठाया, तो उसपर महादेव का नाम।लिखा था।

    maha kumbh mysterious naga sadhu magical trishul story in hind maha shivratri 2025


    नरेंद्र समझ गया कि यह कोई चमत्कारी साधु था, जो महाकुंभ में आए करोड़ों लोगों की जान बचाने आया था। जरूर वह त्रिशूल महादेव से जुड़ा था, इसलिए उसके आसमान की तरफ करते ही, आंधी तूफान वाला मौसम ठीक हो गया। वह मुस्कुराते हुए परिवार के पास गया। उसने अपने बच्चे के गले में वह कपड़ा डाला और महादेव का जयकारा करते हुए , महाकुंभ में स्नान किया। इसके बाद खुशी खुशी घर वापस लौट गया।

    लेकिन क्या सच में साधु गायब हो गया था? नहीं …साधु दूर से खड़े होकर उन्हें देख रहा था। ऐसा लग रहा था कि साधु इस बात से खुश था कि जिसे कोई नहीं देख पा रहा था, उसे केवल उन दो लोगों ने देखा। वह मुस्कुराते हुए उन्हें देखता रहा फिर वहां से वापस कहां चला गया ,किसी को नहीं पता।

    maha kumbh mysterious naga sadhu magical trishul story in hindi mahashivratri 2025

    यह कहानी पूरी तरह से कल्पना पर आधारित है और इसका वास्तविक जीवन से कोई संबंध नहीं है। यह केवल कहानी के उद्देश्य से लिखी गई है। हमारा उद्देश्य किसी की भावनाओं को ठेस पहुंचाना नहीं है। ऐसी ही कहानी को पढ़ने के लिए जुड़े रहें हर जिंदगी के साथ।

    इसे भी पढ़ें-महाकुंभ में खोते रिश्ते, कांपते हुए होंठों से बुजुर्ग मां-बाप की भीख- बेटा मुझे छोड़कर मत जाओ, फिर हुआ कुछ ऐसा..

    इसे भी पढ़ें-महाकुंभ मेले में 5 साल के बच्चे को 20 दिनों से खोज रही थी मां, लेकिन फिर उसे..