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जानिए सावन में क्यों नहीं पीना चाहिए दूध और नहीं खाना चाहिए बैंगन

बोल बम, बोल बम... ये नारे आजकल आपको सड़क पर केसरिया रंग के कपड़े पहने लोग लगाते हुए मिल जाएंगे। सावन का महीना शुरू हो जाने के साथ ही सड़क पर बोल बम के नारे लगने शुरू हो जाते हैं। सावन का महीना शुरू होने का मतलब है कि कुछ खाने-पीने की चीजों पर पूरी तरह से पाबंदी लगाना। इसलिए तो सावन के महीने में नॉनवेज का बाजार थोड़ा सा ठप्प पड़ जाता है। नॉन वेज के अलावा ग्रीन वेजीटेबल्स और बैंगन जैसी सब्जियां खाने पर भी पाबंदी लगा दी जाती हैं। यहां तक की दूध पीने के लिए भी मना किया जाता है। लेकिन क्यों? नहीं मालूम ना। चलिए आज इसी पर बात करते हैं और जानते हैं कि क्यों सावन के ही महीने में इन चीजों को खाने के लिए मना किया जाता है। 

Gayatree Verma

Her Zindagi Editorial

Updated:- 08 Aug 2018, 09:08 IST

हेल्दी दूध

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दूध बहुत ही हेल्दी होता है और डॉक्टर इसे रोज पीने की सलाह देते हैं। लेकिन सावन में दूध पीने को कहा जाता है। ऐसा क्यों?

धार्मिक मान्यता- सावन का महीना भगवान शिव का महीना माना जाता है और इस महीने में हर दिन शिव जी को दूध चढ़ाया जाता है, इसी वजह से इस दौरान दूध पीने से मना किया जाता है।

वैज्ञानिक मान्यता- लेकिन साइंटिफिकली भी इस महीने में दूध पीने के लिए मना किया जाता है। क्योंकि इस महीने में बारिश काफी होती है और गाय कीड़े लगे हुए या गली हुई घास-पत्तियां खाती हैं। जिसमें कई सारे कीटाणु होते हैं। ऐसे में दूध उतना हेल्दी नहीं होता जितना सामान्य दिनों में होता है। इसलिए इस महीने में दूध पीने के लिए मना किया जाता है। 

हरी सब्जियां

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सावन में हरी सब्जियां खाने से भी मना किया जाता है। ऐसा बारिश की वजह से है। बारिश में मच्छर-मक्खियां काफी ज्यादा फैलते हैं। इसके अलावा हरी सब्जियों में कीटाणु और जर्म्स भी काफी होते हैं जो खाने के दौरान हमारे पेट के अंदर चले जाते हैं। जिससे पेट और स्किन की बीमारियां हो जाती हैं। इन बीमारियों से बचे रहने के लिए ही सावन के महीने में हरी सब्जियां नहीं खाने को कहा जाता है। 

मांस-मछली

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सावन में मांस-मछली नहीं खाई जाती है। हिंदु धर्म में इसके ना खाने का कट्टरता से पालन किया जाता है और इसके पीछे कई धार्मिक कारण बताए जाते हैं। जबकि साइंटिफिकली मछलियां मानसून के मौसम में इसलिए नहीं खाई जाती है क्योंकि मानसून का समय मछलियों के अंडे देने का समय होता है और ये अंडे मनुष्य के लिए हानिकारक हो सकते हैं। वहीं चिकन और मटन इस मौसम में अच्छी तरह से डाइजेस्ट नहीं होते हैं जिससे पेट खराब हो जाता है। 

इन सभी कारणों से सावन में मांस-मछली ना खाने को कहा जाता है। 

मसालेदार खाना

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सावन में स्पाइसी मसालेदार खाना भी नहीं खाना चाहिए। क्योंकि मसालों को डाइजेस्ट होने में काफी समय लगता है जिसके कारण आंतों को ज्यादा काम करना पड़ता है, ज्यादा उर्जा खर्च होती है और शरीर में स्फूर्ति नहीं बचती। कई बार मसालेदार भोजन करने से पेट खराब हो जाता है। 

बैंगन

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सावन में बैंगन ना खाने की सलाह भी दी जाती है। इसके पीछे की धार्मिक वजह यह है ये शिव जी को चढ़ाया जाता है और वैज्ञानिक वजह यह है कि इस मौसम में बैंगन में कीड़े लगने लगते हैं। इसलिए सावन में बैंगन नहीं खाने चाहिए। 

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