जानिए क्या है प्रॉपर्टी अटैचमेंट, Ed ने क्यों लिया राज कुंद्रा और शिल्पा शेट्टी की संपत्ति को निशाने पर

ईडी ने एक्ट्रेस शिल्पा शेट्टी के पति राज कुंद्रा की करीब 97.79 करोड़ रुपये की प्रॉपर्टी को अटैच कर दिया है। क्या आप जानते हैं कि जब्त और अटैच में क्या अंतर है।

 
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प्रवर्तन निदेशालय ने बॉलीवुड एक्ट्रेस शिल्पा शेट्टी के पति राज कुंद्रा की करोड़ों की संपत्ति को अटैच कर दिया है। राज कुंद्रा पर यह कार्रवाई प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत की गई है। ईडी ने प्रोविजनल तौर पर जिस प्रॉपर्टी को अटैच किया है उसमें जुहू का एक फ्लैट, पुणे में मौजूद रिहायशी बंगला और इक्विटी शेयर आदि शामिल है। हम सभी अक्सर यह सुनते हैं कि इतने करोड़ या लाखों की प्रॉपर्टी को जब्त किया गया लेकिन क्या आपको पता है कि प्रॉपर्टी अटैच का मतलब क्या होता है। इस लेख में आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि आखिर प्रॉपर्टी अटैच क्या होता है। जब्त और अटैचमेंट क्या अंतर है।

क्या है पूरा मामला

साल 2017 में जिस समय बिटकॉइन बूम थी, उस दौरान अमित भारद्वाज, अजय भारद्वाज और महेंद्र भारद्वाज नाम के शख्स ने बिट कॉइन से जुड़ी वेरिएबल टेक प्राइवेट लिमिटेड नाम की कंपनी तैयार की। जांच एजेंसी के अनुसार कंपनी के प्रमोटर्स ने निवेश करने वाले लोगों से 6600 करोड़ रुपए मूल्य बिटकॉइन जुटा लिए। इसके बाद निवेशकों से वादा किया वह उन्हें 10 प्रतिशत रिटर्न करेंगे। शुरुआत के कुछ दिनों तक सब कुछ सही रहा। इसके बाद रिटर्न देना बंद कर दिया।

साल 2018-19 में कंपनी के खिलाफ धोखाधड़ी का केस दर्ज हुआ। इन शिकायतों की जांच आधार पर ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग का मुकदमा दर्ज किया। जांच के दौरान पता चला कि कंपनी के प्रमोटर्स में से अमित भारद्वाज ने राज कुंद्रा को 285 बिटकॉइन दिए थे।

जानिए क्या है प्रॉपर्टी अटैचमेंट

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प्रवर्तन निदेशालय यानी ईडी जब किसी प्रॉपर्टी को अटैच करती हैं तो वह इसे प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत करती है। आमतौर पर प्रवर्तन निदेशालय मनी लॉन्ड्रिंग और प्रॉपर्टी या इनकम संबंधी गड़बड़ियों को लेकर उस मामले की कार्रवाई करता है। इसके बाद वह संबंधित मामले की जांच करती है। इसके बाद जब यह मामला अदालत में जाता है, जहां इस पर कार्रवाई शुरू होती है। लेकिन जब ईडी किसी प्रॉपर्टी को अटैच करती हैं तो उसका मतलब यह नहीं होता है कि उसका उपयोग नहीं किया जाता है। उस प्रॉपर्टी का कार्मिशियल तौर इस्तेमाल हो सकता है। बस उसे खरीदा या बेचा नहीं जा सकता है।

प्रॉपर्टी जब्त और अटैच में जानें क्या है अंतर

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ईडी के द्वारा आय से अधिक संपत्ति के मामले में प्रॉपर्टी को जब्त कर लिया जाता है। आरोप सिद्ध होते ही सामान को सरकार के माल खाने में दे दी जाती है। वहीं कुछ मामले में कोर्ट का आदेश आने पर जब्त की गई संपत्ति की कुर्की भी की जाती हैं। प्रवर्तन निदेशालय की प्रारंभिक कार्रवाई के दौरान आय से अधिक संपत्ति को अटैच किया जाता है। आरोप सिद्ध न होने पर प्रॉपर्टी पर लगे अटैच को हटा दिया जाता है।

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Image Credit- Freepik,Instagram

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