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Sarva Pitru Amavasya 2025: सर्वपितृ अमावस्या पर करें वास्तु के ये 5 सरल उपाय, सभी प्रकार के पितृ दोष होंगे कोसों दूर

सर्वपितृ अमावस्या से पितृपक्ष का समापन हो जाता है। ऐसा माना जाता है कि यदि आप इस दिन कुछ वास्तु उपाय आजमाएंगी तो आपके जीवन का कोई भी पितृ दोष दूर हो सकता है। आइए जानें उन आसान वास्तु उपायों के बारे में यहां विस्तार से।
Editorial
Updated:- 2025-09-09, 19:46 IST

हिंदू धर्म में पितृपक्ष को एक ऐसी अवधि माना जाता है जिसमें पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए विशेष उपाय किए जाते हैं। 16 दिनों का यह पूरा समय अपने पूर्वजों की आत्मा की शांति और मोक्ष की प्राप्ति के लिए समर्पित होता है। इसका समापन सर्वपितृ अमावस्या के साथ होता है। इस साल सर्वपितृ अमावस्या 21 सितंबर को मनाई जाएगी। ज्योतिष में ऐसी मान्यता है कि इस दिन उन लोगों का श्राद्ध भी किया जाता है जिनकी तिथि का सही अनुमान न हो। यदि आप किसी कारणवश श्राद्ध करना भूल भी जाएं तो इस दिन किया गया श्राद्ध पूर्वजों को मोक्ष दिला सकता है। यदि हम वास्तु की मानें तो इस दिन किए गए कुछ आसान उपाय आपके जीवन में खुशहाली ला सकते हैं। वास्तु शास्त्र के अनुसार, यदि इस दिन कुछ विशेष उपाय किए जाएं तो घर में चल रही नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है और पितृ दोष का प्रभाव कम हो सकता है। आइए ज्योतिर्विद पंडित रमेश भोजराज द्विवेदी से जानें उन उपायों के बारे में यहां।

पीपल के पेड़ पर दीपक जलाएं

पीपल के पेड़ पर पितरों और देवताओं का वास माना जाता है। सबसे अच्छे वास्तु उपाय के रूप में आप सर्वपितृ अमावस्या को शाम के समय सूरज ढलने के बाद पीपल के पेड़ के नीचे तिल या सरसों के तेल का दीपक जलाएं। ऐसा करने से पितरों की आत्मा को शांति मिलती है और घर में धन-धान्य की कमी नहीं होती है। यही नहीं ऐसा करने से आपके पितृ दोषों को दूर करने में भी मदद मिलती है। यदि आप प्रत्येक शनिवार को पीपल के पेड़ में जल चढ़ाती हैं तब भी आपको सभी पितृ दोषों से मुक्ति मिल सकती है।  

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deeya in peepal tree

मुख्य द्वार पर चार मुखी दीपक रखें

घर के मुख्य द्वार को हमेशा से ही ऊर्जा के प्रवेश द्वार के रूप में देखा जाता है। यदि आप सर्वपितृ अमावस्या के दिन मुख्य द्वार पर घी का चारमुखी दीपक जलाएंगी तो आपको पितृ दोषों से मुक्ति मिल सकती है। सर्वपितृ अमावस्या पर मुख्य द्वार पर चार मुख वाला दीपक जलाना बहुत शुभ माना जाता है क्योंकि इसे चारों दिशाओं में रोशनी फैलाने वाला दीपक कहा गया है। ऐसा करने से घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है और पितृ दोष दूर होता है।

कौओं और गाय को भोजन खिलाएं

ज्योतिष की मानें तो कौए को पितरों का संदेशवाहक माना जाता है। यदि आप सर्वपितृ अमावस्या के दिन सुबह-सुबह कौओं को भोजन और जल अर्पित करें साथ ही, गाय को गुड़ और रोटी खिलाएं तो इससे आपके घर के सभी वास्तु और पितृ दोष दूर हो सकते हैं। ऐसा माना जाता है कि आपके ऐसा करने से पितर प्रसन्न होकर अपना आशीर्वाद बनाए रखते हैं और परिवार के सभी संकट दूर करते हैं।

deeya in south direction

घर की दक्षिण दिशा में घी का दीपक जलाएं

दक्षिण दिशा को यम और पितरों की दिशा माना जाता है। यदि आप सर्वपितृ अमावस्या को शाम के समय घर की दक्षिण दिशा में घी का दीपक जलाएं और साथ में पूर्वजों की शांति की प्रार्थना करें तो पितृ दोषों से मुक्ति मिल सकती है। यदि आप दीपक के साथ कपूर के कुछ टुकड़े भी जलाएं तो आपको इसके लाभ मिलेंगे। यह उपाय पितरों को प्रसन्न करता है और घर के सभी नकारात्मक प्रभावों को दूर करता है।

घर का ईशान कोण साफ करें

घर के ईशान कोण को ईश्वर का स्थान माना जाता है और सर्वपितृ अमावस्या के ठीक अगले दिन से ही शारदीय नवरात्रि का आरंभ होता है। इसी वजह से यदि आप उस दिन घर के ईशान कोण को यानी उत्तर-पूर्व दिशा को साफ करती हैं तो इससे आपके घर के वास्तु दोष दूर हो सकते हैं। यही नहीं इस उपाय से पूर्वज भी प्रसन्न होते हैं और घर में समृद्धि बनी रहती है।

यदि आप सर्वपितृ अमावस्या के दिन यहां बताए गए वास्तु उपायों को आजमाएं, तो आपके घर के सभी पितृ दोष दूर होते हैं और सकारात्मक ऊर्जा का वास होता है।

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