
अंक ज्योतिष के अनुसार, मूलांक व्यक्ति की जन्मतिथि को जोड़कर बनता है जो उसके स्वभाव, भाग्य और जीवन की दिशा को प्रभावित करता है। हर मूलांक का संबंध एक विशेष ग्रह से होता है। जिस ग्रह का मूलांक होता है उस ग्रह का प्रभाव सबसे ज्यादा उस मूलांक पर पड़ता है और यह प्रभाव शुभ एवं अशुभ दोनों रूप में नजर आ सकता है। ठीक ऐसे ही राहु का भी संबंध एक मूलांक से है जिसके लिए राहु अक्सर नकारात्मक प्रभाव ही लेकर आता है।
राहु को वैदिक ज्योतिष में एक छाया ग्रह माना जाता है जो भ्रम, अचानक बदलाव, अनिश्चितता और अप्रत्याशित समस्याओं का कारक है। जब किसी मूलांक पर राहु का गहरा असर पड़ता है तो उस मूलांक से जुड़े लोगों के बने-बनाए काम में बार-बार रुकावटें आती हैं, वे सही निर्णय नहीं ले पाते और उन्हें जीवन में अस्थिरता का सामना करना पड़ता है। ऐसे में वृंदावन के ज्योतिषाचार्य राधाकांत वत्स से आइये जानते हैं कि किस मूलांक पर राहु का सबसे ज्यादा असर रहता है और क्या हैं इससे जुड़े उपाय।
अंक ज्योतिष में मूलांक 4 का स्वामी ग्रह राहु को ही माना जाता है। इस कारण, मूलांक 4 के जातकों पर राहु की ऊर्जा सीधे और बहुत शक्तिशाली रूप से काम करती है। राहु भ्रम पैदा करता है। मूलांक 4 के लोग अक्सर सही और गलत में अंतर नहीं कर पाते जिसके कारण वे जल्दबाजी में गलत निर्णय ले लेते हैं और उनका बना बनाया काम अंत समय में बिगड़ जाता है।

राहु अप्रत्याशित घटनाओं और अचानक आई बाधाओं का ग्रह है। इन लोगों के जीवन में अंतिम क्षण में ऐसी रुकावटें आती हैं जिनकी उन्होंने कभी कल्पना भी नहीं की होती। राहु की ऊर्जा इन लोगों को बेचैन और अस्थिर बनाए रखती है। वे एक काम पर टिक नहीं पाते, लगातार बदलाव करते रहते हैं जिससे कोई भी काम पूरा नहीं हो पाता।
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राहु गुप्त शत्रुओं, षड्यंत्रों और कानूनी उलझनों का भी कारक है जो इनके काम को बिगाड़ने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। राहु के नकारात्मक प्रभाव को कम करने और बने-बनाए काम को सफल बनाने के लिए मूलांक 4 के जातकों को कुछ उपाय करने चाहिए। इससे राहु के शुभ प्रभावों को पाने में सहायता प्राप्त होगी।
राहु के दिन यानी शनिवार को किसी भी गरीब या जरूरतमंद व्यक्ति को भोजन कराएं। सफाई कर्मचारियों और समाज के निचले तबके के लोगों का सम्मान करें और समय-समय पर उन्हें कुछ दान दें। राहु को निम्न वर्ग का प्रतिनिधित्व करने वाला माना जाता है इसलिए उनकी सेवा से राहु शांत होते हैं।

भगवान काल भैरव की पूजा करना राहु के नकारात्मक प्रभावों को शांत करने का सबसे प्रभावी तरीका है। प्रतिदिन या शनिवार को भैरव चालीसा का पाठ करें।मूलांक 4 वालों के लिए समय का पाबंद होना और अनुशासन बनाए रखना बहुत जरूरी है। राहु की नकारात्मकता को नियंत्रित करने के लिए जीवन में नियम और संयम लाएं।
राहु के प्रभाव को कम करने के लिए नीले और भूरे जैसे गहरे रंगों का प्रयोग कम करें। इसके बजाय, हल्के और सकारात्मक रंगों, विशेषकर पीले, सफेद या क्रीम रंगों का अधिक प्रयोग करें। चांदी धारण करना राहु के भ्रम को कम करने में मदद करता है और मन को शांति प्रदान करता है। गले में चाँदी की चेन या हाथ में कड़ा पहन सकते हैं।
राहु के मंत्र 'ॐ भ्रां भ्रीं भ्रौं स: राहवे नम:' का प्रतिदिन कम से कम 108 बार राहु के बीज मंत्र का जप करें। साथ ही, गायत्री मंत्र का जाप मन को केंद्रित करता है और राहु द्वारा उत्पन्न भ्रम को दूर करने में सहायक होता है।
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