Karwa Chauth Sargi: करवा चौथ का व्रत सुहागिन महिलाओं के लिए खास होता है। इस साल करवा चौथ 1 नवंबर, दिन बुधवार को पड़ने जा रहा है। इस दिन चांद की पूजा करने और व्रत रखने से अखंड सौभग्य मिलता है। मान्यता है कि सुहागिन महिलाएं अगर निर्जल इस व्रत को पूर्ण कर लेती हैं तो उनके वैवाहिक जीवन के सभी कष्ट और तनाव हमेशा के लिए दूर हो जाते हैं। वैवाहिक जीवन मधुर होता है।
माना यह भी जाता है कि करवा चौथ के दिन सुहागिन महिलाओं को माता पार्वती का दिव्य आशीर्वाद प्राप्त होता है क्योंकि वह अपने सतीत्व को निभाने में सफल हो जाती हैं। करवा चौथ के नियम के अनुसार, इस व्रत का शुभारंभ सुबह सरगी खाकर किया जाता है। सुहागिनें ब्रह्म मुहूर्त में उठकर सरगी खाती हैं। अब सवाल यह कि ब्रहमुहूर्त में ही क्यों इसे खाते हैं। तो चलिए ज्योतिषाचार्य राधाकांत वत्स से जानते हैं।
करवा चौथ के दिन किस समय खानी चाहिए सरगी?
करवा चौथ के दिन सूर्योदय से पहले यानी कि ब्रह्ममुहूर्त में सरगी खाई जाती है। वहीं, इस साल यानी कि 2023 में करवा चौथ के दिन ब्रह्म मुहूर्त सुबह 4 बजे से लेकर 4 बजकर 46 मिनट तक रहेगा। ऐसे में सरगी खाने का सही समय है सुबह 4 बजे से 4 बजकर 30 मिनट के बीच का है। ऐसा माना जाता है कि ब्रह्म मुहूर्त के बाद सरगी खाने से व्रत भंग हो जाता है। साथ ही, पूजा का फल भी सुहागिन महिला को प्राप्त नहीं होता है।
क्यों खाई जाती है करवा चौथ के दिन ब्रह्म मुहूर्त में सरगी?
ऐसा माना जाता है कि ब्रह्ममुहूर्त का समय बहुत विशेष होता है। ब्रह्ममुहूर्त (ब्रह्ममुहूर्त के उपाय) में ब्रह्मा जी की शक्तियां पूरे संसार में भ्रमण करती हैं। ब्रहमुहूर्त में सकारात्मक ऊर्जाएं अपनी दिव्यता धारण किये सृष्टि के हर घर में प्रवेश करती हैं। ब्रह्ममुहूर्त में ही मां सरस्वती व्यक्ति की जीभ पर आकर बैठती हैं।
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ब्रह्ममुहूर्त में ही ग्रह शांत होते हैं और शुभता का संचार करते हैं, इसी समय में सभी दिशाएं (वास्तु में दिशाओं का महत्व) सौभग्य और समृद्धि से संपन्न रहती हैं। ब्रह्ममुहूर्त में ही पितरों का क्रोध शांत रहता है वह आशीर्वाद देते हैं। यहां तक कि ब्रह्म मुहूर्त में ही शरीर की आतंरिक शक्तियां और इंद्रियां जागृत होती हैं।
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ब्रह्ममुहूर्त में सरगी खाकर व्रत की शुरुआत करने से उस खाई गई चीज की ऊर्जा व्रत को निर्दोष पूरा कराने में सहायता करती है। इसके अलावा, ऐसा भी माना जाता है कि खुद भगवान भी व्रती का व्रत पूर्ण कराने में उसकी मदद करते हैं और व्रत का दोगुना फल भी मिलता है।
करवा चौथ की सरगी में क्या नमक मिलाकर खा सकता हैं?
शास्त्रों में बताये गए नियमों के अनुसार, करवा चौथ की सरगी में सात्विक आहार जैसे कि फल, मेवा, मीठे में खीर आदि चीजें होनी चाहिए। तेल, मसाले या नमक का प्रयोग नहीं करना चाहिए। इससे व्रत शुरू होने से पहले ही खंडित हो जाता है और पूजा भी पूर्ण नहीं मानी जाती है। मान्यता है कि सरगी में तेल, मसाले या नमक का इस्तेमाल करने के बाद आप कितना भी व्रत रख लें लेकिन वह व्रत दोषमयी माना जाता है।
अगर आप भी करवा चौथ का व्रत रखती हैं और इस साल भी रखने वाली हैं तो निश्चित ही सरगी का सेवन अवश्य ही करेंगी। नियम के मुताबिक सरगी सुबह खाई जाती है। ऐसे में इस लेख में दी गई जानकारी के माध्यम से आप भी जान लें कि क्या है ब्रह्म मुहूर्त में सरगी खाने का महत्व। अगर हमारी स्टोरीज से जुड़े आपके कुछ सवाल हैं, तो वो आप हमें आर्टिकल के नीचे दिए कमेंट बॉक्स में बताएं। हम आप तक सही जानकारी पहुंचाने का प्रयास करते रहेंगे। अगर आपको ये स्टोरी अच्छी लगी है, तो इसे शेयर जरूर करें। ऐसी ही अन्य स्टोरी पढ़ने के लिए जुड़ी रहें हरजिंदगी से।
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