मां लक्ष्मी को धन, समृद्धि और सौभाग्य की देवी कहा जाता है। उनकी कृपा से जीवन में सुख-शांति और ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है। अगर आप भी मा लक्ष्मी का व्रत शुरू करने की सोच रही हैं, तो यह बहुत ही शुभ विचार है। लेकिन किसी भी व्रत को शुरू करने से पहले उससे जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी होना बेहद जरूरी है, ताकि आप पूरी श्रद्धा और सही विधि से व्रत कर सकें। आइए इस लेख में ज्योतिषाचार्य पंडित अरविंद त्रिपाठी से विस्तार से जानते हैं मां लक्ष्मी के व्रत कब से शुरू करें और शुभ पक्ष क्या है। साथ ही इस दौरान किन मंत्रों का जाप करना चाहिए।
कब से करें मां लक्ष्मी का व्रत शुरू?
हिंदू धर्म में मां लक्ष्मी को धन, वैभव, सुख और समृद्धि की देवी माना जाता है। उनकी कृपा प्राप्त करने के लिए भक्त विभिन्न प्रकार से पूजा-अर्चना और व्रत करते हैं। ऐसे में अक्सर यह सवाल उठता है कि मां लक्ष्मी का व्रत कब से शुरू करना सबसे शुभ होता है। मुख्य रूप से मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए शुक्रवार का दिन समर्पित है। मान्यता है कि शुक्रवार को विधि-विधान से मां लक्ष्मी का व्रत रखने और पूजा करने से वे शीघ्र प्रसन्न होती हैं और भक्तों की मनोकामनाएं पूरी करती हैं। इसलिए, यदि आप मां लक्ष्मी का व्रत शुरू करने की सोच रहे हैं, तो शुक्रवार का दिन सबसे उत्तम माना जाता है।
किस पक्ष में मां लक्ष्मी का व्रत शुरू करना चाहिए?
कई लोग प्रत्येक माह की अंतिम पूर्णिमा से लक्ष्मी व्रत का प्रारंभ करते हैं, क्योंकि पूर्णिमा का दिन देवी-देवताओं की पूजा के लिए पवित्र माना जाता है। आपको बता दें, शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि से भी लक्ष्मी व्रत का आरंभ किया जा सकता है। इसलिए आप हिसाब से आरंभ कर सकती हैं।
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मां लक्ष्मी की पूजा का शुभ मुहूर्त क्या है?
शुक्रवार का दिन मां लक्ष्मी को समर्पित है। इस दिन सुबह और शाम दोनों समय मां लक्ष्मी की पूजाकी जा सकती है। शुभ मुहूर्त का निर्धारण पंचांग के अनुसार किया जाता है, जिसमें तिथि, वार, नक्षत्र, योग और करण का ध्यान रखा जाता है।
- सुबह का शुभ मुहूर्त- सूर्योदय के बाद और दोपहर से पहले।
- शाम का शुभ मुहूर्त - प्रदोष काल के दौरान सूर्यास्त के बाद का समय
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मां लक्ष्मी की पूजा करने के दौरान किन मंत्रों का जाप करें?
- ॐ ह्रीं श्रीं क्लीं ऐं सौं ॐ ह्रीं क ए ई ल ह्रीं ह स क ह ल ह्रीं सकल ह्रीं सौं ऐं क्लीं श्रीं ह्रीं ॐ
- ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद श्रीं ह्रीं श्रीं ॐ महालक्ष्म्यै नमः॥
- ॐ यक्षाय कुबेराय वैश्रवणाय धनधान्याधिपतये समृद्धिम देहि देहि दापय दापय स्वाहा॥
- ॐ हिरण्यवर्णां हरिणीं सुवर्णरजतस्रजाम्।
- चन्द्रां हिरण्मयीं लक्ष्मीं जातवेदो म आवह॥
मां लक्ष्मी की पूजा का महत्व क्या है?
केवल धन ही नहीं, मां लक्ष्मी हमें सौभाग्य और ऐश्वर्य भी प्रदान करती हैं। इसका अर्थ है कि जीवन में हर प्रकार की सुख-सुविधाएं, मान-सम्मान और भाग्योदय हो सकता है। मां लक्ष्मी की उपस्थिति नकारात्मक ऊर्जाओं और बाधाओं को दूर करती है। उनकी पूजा से घर में सकारात्मकता का वास होता है, जिससे मानसिक तनाव कम होता है और जीवन में स्पष्टता आती है। मां लक्ष्मी भगवान विष्णु की पत्नी हैं और जहां विष्णु जी होते हैं, वहां ज्ञान और बुद्धि का भी वास होता है। इसलिए, मां लक्ष्मी की पूजा विशेष रूप से करें।
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Image Credit- HerZindagi
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