वट पूर्णिमा व्रत में हो न जाए कोई चूक, यहां जानें संपूर्ण पूजा विधि और सामग्री लिस्ट

वट पूर्णिमा के दिन बरगद के पेड़ की पूजा का विधान है। इसके अलावा, वट पूर्णिमा के दिन सत्यवान और सावित्री की पूजा भी की जाती है। ऐसे में आइये जानते हैं वट पूर्णिमा की संपूर्ण पूजा विधि और सामग्री लिस्ट के बारे में विस्तार से। 
vat purnima vrat 2025 puja samagri

वट पूर्णिमा का व्रत हर साल ज्येष्ठ माह की पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है। इस साल वट पूर्णिमा व्रत 10 जून, मंगलवार के दिन रखा जाएगा। वट पूर्णिमा के दिन बरगद के पेड़ की पूजा का विधान है। इसके अलावा, वट पूर्णिमा के दिन सत्यवान और सावित्री की पूजा भी की जाती है। ऐसे में आइये जानते हैं ज्योतिषाचार्य राधाकांत वत्स से वट पूर्णिमा की संपूर्ण पूजा विधि और सामग्री लिस्ट के बारे में विस्तार से।

वट पूर्णिमा पूजा सामग्री

vat purnima vrat puja samagri 2025

  • सत्यवान-सावित्री की तस्वीर या मूर्ति: पूजा के लिए सत्यवान और सावित्री की एक छोटी मूर्ति या तस्वीर रखें।
  • वट वृक्ष: संभव हो, तो किसी बरगद के पेड़ के नीचे पूजा करें। पेड़ तक जाना संभव न हो, तो उसकी एक टहनी घर लाकर पूजा कर सकते हैं।
  • पूजा की चौकी और लाल कपड़ा: जिस जगह पूजा करनी है, वहां एक लकड़ी की चौकी बिछाकर उस पर लाल या पीला कपड़ा बिछा लें।
  • कच्चा सूत (कलावा/मौली): यह बरगद के पेड़ की परिक्रमा के दौरान बांधने के लिए होता है।
  • जल से भरा लोटा: शुद्ध जल से भरा एक लोटा।
  • पूजा का कलश: एक छोटा कलश जिसमें जल भरकर उस पर आम के पत्ते और नारियल रखा जाता है।

यह भी पढ़ें:हर समय रहता है जीवनसाथी से मन-मुटाव तो वट पूर्णिमा के दिन करें ये 3 उपाय, सुख-सौभाग्य से भर जाएगा घर

  • धूप-दीप: धूपबत्ती और घी या तेल का दीपक।
  • रोली, सिंदूर, कुमकुम, अक्षत (चावल): ये सभी पूजा के लिए शुभ माने जाते हैं।
  • फूल और माला: लाल या पीले रंग के फूल और माला।
  • फल: कोई भी मौसमी फल, खासकर बरगद का फल।
  • मिठाई और बताशे: प्रसाद के लिए।
  • भीगे हुए चने: यह वट सावित्री व्रत का खास प्रसाद होता है।
  • बांस का पंखा: एक छोटा हाथ का पंखा।
  • नारियल: पूजा में अर्पित करने के लिए।
  • पान के पत्ते और सुपारी: पूजा के लिए शुभ माने जाते हैं।
  • श्रृंगार सामग्री: सुहाग की चीजें जैसे चूड़ियां, बिंदी, सिंदूर, मेहंदी, लाल चुनरी आदि अपनी सास को भेंट करने के लिए।
  • वट सावित्री व्रत कथा की पुस्तक: कथा पढ़ने या सुनने के लिए।
  • दक्षिणा: ब्राह्मण को देने के लिए।

वट पूर्णिमा व्रत पूजा विधि

vat purnima vrat puja vidhi 2025

वट पूर्णिमा के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और साफ-सुथरे कपड़े पहनें। सोलह श्रृंगार करें क्योंकि यह सुहाग का व्रत है। पूजा की सभी सामग्री को एक थाली या टोकरी में अच्छे से सजा लें। अगर आप वट वृक्ष के पास जा रही हैं, तो वहां पूजा के स्थान को साफ करें। अगर घर पर टहनी लाकर पूजा कर रही हैं, तो चौकी पर सभी सामग्री व्यवस्थित करें।

सबसे पहले सत्यवान और सावित्री की मूर्ति या तस्वीर को श्रद्धापूर्वक स्थापित करें। फिर धूप और दीपक जलाएं। इसके बाद रोली, सिंदूर, कुमकुम, अक्षत, चंदन, फूल और माला सत्यवान-सावित्री और वट वृक्ष को अर्पित करें। फल, मिठाई, भीगे हुए चने, नारियल और बताशे का भोग लगाएं। बांस के पंखे से सत्यवान-सावित्री को हवा करें। कच्चे सूत (कलावा) को अपने हाथ में लें।

यह भी पढ़ें:Vat Purnima 2025: वट पूर्णिमा के दिन करें इन चीजों का दान, कर्ज से मिल सकता है छुटकारा

वट वृक्ष की 7, 11, 21 या 108 बार परिक्रमा करें। हर परिक्रमा पूरी होने पर एक चना वट वृक्ष को अर्पित करते जाएं और सूत को उसके तने पर लपेटते जाएं। यह परिक्रमा अपने पति की लंबी आयु और सुख-समृद्धि की कामना के साथ की जाती है। परिक्रमा पूरी होने के बाद, वट वृक्ष के नीचे बैठकर वट सावित्री व्रत कथा का पाठ करें या किसी से सुनें।

कथा सुनने के बाद, वट वृक्ष और सत्यवान-सावित्री की आरती करें। पूजा पूरी होने के बाद अपनी सास और घर के सभी बड़ों का आशीर्वाद लें। अपनी सास को भीगे हुए चने और श्रृंगार की सामग्री भेंट करें। अपनी सामर्थ्य के अनुसार ब्राह्मणों को दान-दक्षिणा दें। व्रत का पारण पूजा पूरी होने के बाद वट वृक्ष के फल को खाकर किया जाता है। इसके बाद आप भोजन कर सकती हैं।

अगर हमारी स्टोरीज से जुड़े आपके कुछ सवाल हैं, तो वो आप हमें कमेंट बॉक्स में बता सकते हैं और अपना फीडबैक भी शेयर कर सकते हैं। हम आप तक सही जानकारी पहुंचाने का प्रयास करते रहेंगे। अगर आपको ये स्टोरी अच्छी लगी है, तो इसे शेयर जरूर करें। ऐसी ही अन्य स्टोरी पढ़ने के लिए जुड़ी रहें हरजिंदगी से।

image credit: herzindagi

HzLogo

HerZindagi ऐप के साथ पाएं हेल्थ, फिटनेस और ब्यूटी से जुड़ी हर जानकारी, सीधे आपके फोन पर! आज ही डाउनलोड करें और बनाएं अपनी जिंदगी को और बेहतर!

GET APP

FAQ

  • वट पूर्णिमा व्रत के दिन कौन से मंत्र का जाप करना चाहिए? 

    वट पूर्णिमा व्रत के दिन 'अवैधव्यं च सौभाग्यं देहि त्वं मम सुव्रते। पुत्रान्‌ पौत्रांश्च सौख्यं च गृहाणार्घ्यं नमोऽस्तुते।' मंत्र का जाप करना चाहिए।