What is the meaning of Varuthini Ekadashi

Varuthini Ekadashi 2025: वरूथिनी एकादशी पर कहां दीया जलाना माना जाता है अशुभ?

वरूथिनी एकादशी के दिन दीया जलाना बहुत शुभ माना जाता है लेकिन अक्सर लोग उन स्थान को शुभ समझकर वहां पर दीया जला देते हैं जो अशुभ माने जाते हैं। 
Editorial
Updated:- 2025-04-23, 23:00 IST

वैशाख माह के कृष्ण पक्ष की वरूथिनी एकादशी इस साल 24 मार्च को पड़ रही है। इस दिन भगवान विष्णु के वराह अवतार की पूजा की जाती है। वरूथिनी एकादशी का जितना धार्मिक महत्व है तो उतना ही ज्योतिष में भी विशेष स्थान मौजूद है। ज्योतिषाचार्य राधाकांत वत्स के अनुसार, वरूथिनी एकादशी के दिन दीया जलाना बहुत शुभ माना जाता है लेकिन अक्सर लोग उन स्थान को शुभ समझकर वहां पर दीया जला देते हैं जो अशुभ माने जाते हैं। ऐसे में आइये जानते हैं कि वरूथिनी एकादशी के दिन कहां दीया नहीं जलाना चाहिए।

वरूथिनी एकादशी के दिन न जलाएं तुलसी पर दीपक

Varuthini Ekadashi  ke din kaha diya na jalaye

तुलसी का पौधा बहुत पवित्र माना जाता है और इसे देवी लक्ष्मी का रूप माना जाता है। एकादशी के दिन तुलसी के पौधे के नीचे दीपक जलाने से बचना चाहिए क्योंकि ऐसा माना जाता है कि इस दिन देवी लक्ष्मी भगवान विष्णु के लिए व्रत रखती हैं और दीपक जलाने से उनका ध्यान भंग हो सकता है। यह भी मानना है कि एकादशी के दिन तुलसी के नीचे दीपक जलाने से नकारात्मक ऊर्जा आकर्षित हो सकती है।

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वरूथिनी एकादशी के दिन न जलाएं टॉयलेट में दीपक

शौचालय और अन्य गंदे स्थान नकारात्मक ऊर्जा से भरे होते हैं। यूं तो टॉयलेट या बाथरूम में दीपक जलाने से नकारात्मक ख़त्म होती है लेकिन एकादशी के दिन ऐसे स्थानों पर दीपक जलाना अशुभ माना जाता है। इससे घर पर बुरा प्रभाव पड़ता है, ग्रह दोष बढ़ता है और घर में संकटों का आगमन होता है। सकारात्मकता ख़त्म होने लग जाती है और बुरी शक्तियां घर एवं परिवार पर हावी होने लग जाती हैं।

Varuthini Ekadashi  ke din kaha diya nahi jalana chahiye

वरूथिनी एकादशी के दिन न जलाएं बेडरूम में दीपक

घर के बेडरूम आराम और निद्रा को दर्शाता है। एकादशी का दिन भगवान विष्णु की पूजा और ध्यान के लिए समर्पित है। ऐसे में घर के बेडरूम में एकादशी के दिन दीया जलाने से आध्यात्मिक ऊर्जा में बाधा आ सकती है और ध्यान भंग हो सकता है। साथ ही, ऐसा करने से दांपत्य जीवन में दुख या फिर पारिवारिक क्लेश जन्म ले सकता है। घर के बेडरूम में एकादशी के व्रत को छोड़कर अन्य किसी भी व्रत में दीया जला सकते हैं।

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वरूथिनी एकादशी के दिन न जलाएं दक्षिण दिशा और पीपल में दीपक

Varuthini Ekadashi  ke din kaha diya nahi jalana chahiye

दक्षिण दिशा को पितरों की दिशा माना जाता है। एकादशी के दिन दक्षिण दिशा में दीपक जलाने से बचना चाहिए, जब तक कि यह पितरों की पूजा से संबंधित न हो। नहीं तो इससे पितृ रुष्ट हो जाते हैं। पीपल के पेड़ में कई देवताओं का वास माना जाता है, जिसमें भगवान विष्णु भी शामिल हैं। हालांकि, एकादशी के दिन पीपल के पेड़ के नीचे दीपक जलाने से पितरों को कष्ट हो सकता है।

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वरुथिनी एकादशी पर क्या दान करना चाहिए?
वरूथिनी एकादशी के दिन 7 प्रकार के अन्न का दान करना चाहिए।
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