सनातन धर्म में वरुथिनी एकादशी का व्रत वैशाख माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि का व्रत रखा जाएगा। वहीं इस साल वरुथिनी एकादशी का व्रत 24 अप्रैल को रखा जाएगा। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा विधिवत रूप से करने का विधान है। ऐसी मान्यता है कि अगर आपको किसी तरह की कोई समस्या का सामना का सामना करना पड़ रहा है तो वरुथिनी एकादशी के दिन पूजा-पाठ करने से और व्रत रखने से व्यक्ति की सभी मनोकामनाएं पूरी हो सकती है। अब ऐसे में अगर आप वरुथिनी एकादशी के दिन भगवना शालीग्राम की पूजा किस विधि से करने से लाभ हो सकता है। नियम क्या है और पूजा का महत्व क्या है। इसके बारे में इस लेख में ज्योतिषाचार्य पंडित अरविंद त्रिपाठी से विस्तार से जानते हैं।
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वरुथिनी एकादशी के दिन शालिग्राम की पूजा का विशेष महत्व है। शालिग्राम भगवान विष्णु का ही एक रूप माने जाते हैं और एकादशी का दिन भगवान विष्णु को समर्पित होता है। इसलिए, इस दिन शालिग्राम की पूजा करने से भगवान विष्णु की विशेष कृपा प्राप्त होती है। ऐसा माना जाता है कि वरुथिनी एकादशी के दिन शालिग्राम की पूजा करने से व्यक्ति को अपने पिछले जन्मों के पापों से मुक्ति मिलती है। इस दिन की पूजा से सौभाग्य और समृद्धि में वृद्धि होती है।
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