Tulsi Vivah 2025 date and time

Tulsi Vivah Date 2025: 2 या 3 नवंबर, कब होगा तुलसी विवाह? यहां जानें पूजा का शुभ मुहूर्त

Tulsi Vivah Kab Hai:  2 या 3 नवंबर में किस दिन मनाया जाएगा तुलसी विवाह, पूजा का शुभ मुहूर्त, तिथि और महत्व। पंडित मनीष शर्मा से जानें तुलसी विवाह की सही तिथि, पूजा विधि और इसके धार्मिक महत्व के बारे में विस्तार से।
Editorial
Updated:- 2025-11-01, 09:29 IST

हिंदू धर्म में साल भर अनेक तीज-त्योहार मनाए जाते हैं, जिनमें हर एक का अपना विशिष्ट धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व होता है। हर महीने कई बड़े और छोटे पर्व आते हैं, और नवंबर का महीना भी उत्सवों से भरा रहता है। इन्हीं प्रमुख पर्वों में से एक है तुलसी विवाह।

यह पर्व हर साल कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि को मनाया जाता है। मान्यता है कि देवउठनी एकादशी के दिन जब भगवान विष्णु चार महीने की योगनिद्रा से जागते हैं, तो उसी दिन से सभी शुभ कार्यों की शुरुआत होती है। इन शुभ कार्यों में सबसे पहला और महत्वपूर्ण पर्व तुलसी विवाह का होता है।

इस बार यह पर्व 2 नवंबर या 3 नवंबर को मनाया जाएगा, इसे लेकर कई लोगों में उत्सुकता है। इस विषय पर जब हमने मध्य प्रदेश के उज्जैन निवासी पंडित एवं ज्योतिषाचार्य मनीष शर्मा से बात की, तो उन्होंने बताया -
“जैसे ही भगवान विष्णु योगनिद्रा से जागते हैं, उसी क्षण से शुभ कार्यों की शुरुआत होती है। इसकी शुरुआत तुलसी विवाह से होती है, जब भगवान श्रीकृष्ण के शालिग्राम स्वरूप का विवाह देवी लक्ष्मी के तुलसी स्वरूप से संपन्न किया जाता है।”

कब है तुलसी विवाह? (Tulsi Vivah 202 Kab Hai)

हिंदी पंचांग के हिसाब से इस वर्ष कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि 2 नवंबर की सुबह 7:31 बजे से शुरू होकर 3 नवंबर सुबह 5:07 तक रहेगी। ऐसे में उदया तिथि 2 नवंबर को मनाई जाएगी। इस दिन आप अपने घर में तुलसी जी के विवाह का आयोजन कर सकती हैं।

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Tulsi Vivah 2 November 2025

तुलसी विवाह पर पूजा का शुभ मुहूर्त (Tulsi Vivah Muhurat 2025) 

वैसे तो तुलसी विवाह वाले पूरे दिन ही आप पूजा कर सकती हैं, मगर तुलसी का विवाह कराने के लिए सबसे अच्छा मुहूर्त अभिजीत मुहूर्त होता है। 2 नवंबर को 11 बजकर 47 मिनट से अभिजीत मुहूर्त शुरू होगा और 12 बजकर 55 मिनट पर खत्म होगा। इस अवधि में आप तुलसी और शालिग्राम का विवाह करा सकती हैं।

तुलसी विवाह का महत्व

तुलसी विवाह का महत्व इसलिए अधिक है क्योंकि इस दिन को विवाह के लिए बहुत ही शुभ माना गया है। आपको पूरे वर्ष विवाह के लिए शुभ दिन और शुभ मुहूर्त की तलाश रही हो, मगर तुलसी विवाह के दिन कोई भी विवाह कर सकता है और पूरे दिन शुभ मुहूर्त रहता है। इस दिन कई लोग कन्‍यादान की विधि भी करते हैं और गरीब कन्याओं का विवाह कराते हैं। वहीं कुछ नवविवाहित जोड़े इस दिन दोबारा अपने साथी से विवाह करते हैं। ऐसा कहा जाता है कि यह त्योहार आपके घर में सुख और समृद्धि के साथ-साथ रिश्तों में सकारात्मक सोच और मजबूती भी लेकर आता है।

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तुलसी विवाह के पावन त्योहार पर आपके घर भी खुशियां आएं, ऐसी हमारी कामना है। यह जानकारी आपको पसंद आई हो तो इसे शेयर और लाइक जरूर करें। इसी तरह के और भी लेख पढ़ने के लिए जुड़ी रहें हरजिंदगी से। 

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FAQ
तुलसी विवाह का धार्मिक महत्व क्या है?
मान्यता है कि देवउठनी एकादशी के दिन भगवान विष्णु योगनिद्रा से जागते हैं और उसी दिन से सभी शुभ कार्यों की शुरुआत होती है। तुलसी विवाह इस शुभ शुरुआत का पहला पर्व माना जाता है।
तुलसी विवाह के दिन पूजा में क्या-क्या करना चाहिए?
इस दिन तुलसी माता का विशेष श्रृंगार किया जाता है। उन्हें पीले या लाल वस्त्र पहनाकर सजाया जाता है। शालिग्राम की स्थापना कर पूजा करें और तुलसी को वस्त्र, भोग व दीपक अर्पित करें।
तुलसी विवाह पर कौन सा भोग चढ़ाया जाता है?
तुलसी माता को फूल, गुड़, पंचामृत और अन्य पारंपरिक भोग अर्पित किए जाते हैं। शालिग्राम को भी फूल, अक्षत और प्रसाद चढ़ाना शुभ माना जाता है।
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