क्या आप कभी किसी ऐसे व्यक्ति से मिले हैं जो बहुत धीमे और मीठा बोलता है? वो हमेशा अपनी बात आपके सामने हंसते हुए ही रखता है। वास्तव में ये वो लोग होते हैं जिन्हें अपना आत्मविश्वास दिखाने के लिए चिल्लाने की जरूरत नहीं होती है। कई बार ऐसा भी हो सकता है कि वे सबसे बहुत तेज आवाज में न बोलते हों, लेकिन उनकी बात जरूर सुनी जाती हो। हमारे मन में कई बार ये सवाल आता है कि आखिर ऐसे लोगों का व्यक्तित्व कैसा हो सकता है जो हमेशा मीठी आवाज में बात करते हैं? ऐसे लोग जो समस्याओं से घबराते नहीं नहीं हैं बल्कि उनका सामना डटकर करते हैं? आखिर कैसे होते हैं ये लोग और इनकी पर्सनैलिटी कैसी हो सकती है? क्या आप भी ये जानना चाहते हैं कि वे लोग ऐसा कैसे करते हैं कि उनकी बोली हमेशा मीठी ही रहती है? अगर हां, तो हम यहां आपको ऐसे ही कुछ लोगों की पर्सनैलिटी के बारे में बताने जा रहे हैं जिनमें ऐसे कुछ गुण होते हैं। आइए ज्योतिर्विद पंडित रमेश भोजराज द्विवेदी से जानें इसके बारे में विस्तार से।
वे बोलने से ज्यादा दूसरों की सुनते हैं
धीरे-धीरे और मीठा बोलने वाले लेकिन अत्यधिक आत्मविश्वासी व्यक्तियों में सुनने की आदत ज्यादा होती है। वे बोलने वाले पर अपना पूरा ध्यान देते हैं, जिससे उन्हें लगता है कि उनकी बात सुनी जा रही है और उनका सम्मान किया जा रहा है। दूसरों की बात ज़्यादा सुनने से, वे न सिर्फ़ दूसरों के प्रति सम्मान दिखाते हैं, बल्कि दूसरों को सीख भी देते हैं। हर एक बातचीत अलग-अलग दृष्टिकोणों को समझने का एक मौका होती है, इसलिए मीठा बोलने वाले लोग दूसरों को हमेशा महत्व देते हुए उनकी बातों पर भी अमल करते हैं।
ऐसे लोगों को शांत रहकर काम करना पसंद होता है
क्या आपने कभी गौर किया है कि कुछ लोग हर समय कुछ न कुछ बोलते रहते हैं, वहीं कुछ ऐसे भी लोग हैं जो शांत रहते हुए अपनी बात को दूसरों के सामने रखना पसंद करते हैं। जो लोग मीठा बोलते हैं वो हमेशा शांति से अपने काम करना पसंद करते हैं। उनके धीरे और मीठा बोलने के पीछे का सबसे बड़ा कारण ही ये होता है कि वो शांति प्रिय होते हैं और शांति से ही अपने जीवन के निर्णय लेना पसंद करते हैं। जब आप मौन रहते हैं तो बोलने से पहले सोचने और अपने शब्दों को सार्थक बनाने की अधिक संभावना भी रखते हैं।
ये लोग अपने शब्दों का चयन समझदारी से करते हैं
मीठा बोलने वाले जो कुछ भी बोलते हैं वो बहुत सोच-समझकर ही बोलते हैं। ऐसे लोग अपने शब्दों को बहुत चुनकर बोलते हैं और कहीं भी ऐसी किसी शब्द का चयन नहीं करते हैं जो किसी दूसरे को ठेस पहुंचा सकें। इनकी वाणी में बहुत ज्यादा मधुरता और संवेदनशीलता होती है, जो दूसरों के साथ अच्छे संबंध बनाने में मदद करती है। ऐसे लोगों की मधुर वाणी की वजह से इनकी किसी दूसरे से जल्दी लड़ाई नहीं होती है और इनके संबंध सभी के साथ मधुर बने रहते हैं।
मीठा बोलने वाले लोग खुद पर विश्वास करते हैं
जो लोग हमेशा मीठा बोलते हैं वे लोग खुद पर बहुत ज्यादा विश्वास करते हैं। ये लोग वास्तव में अपनी क्षमताओं, अपने मूल्यों और अपने महत्व पर विश्वास करते हैं। ये लोग खुद पर भरोसा करते हैं, लेकिन इनमें अहंकार नहीं होता है। यह शांत स्वभाव के होते हैं और आत्मविश्वास से भरपूर होते हैं। ये लोग बिना कुछ बोले दूसरों का सम्मान और ध्यान आकर्षित करते हैं। उनके भीतर उस तरह का आत्मविश्वास होता है जिसे दूसरों की सहमति की जरूरत नहीं होती है, क्योंकि यह विश्वास उनके भीतर आत्म-विश्वास की गहरी भावना से आता है।
वास्तव में मीठा बोलने वाले लोग कई मायने में अन्य लोगों से अलग होते हैं और उनकी वाणी दूसरों को अपनी ओर आकर्षित करती है।आपको यह स्टोरी अच्छी लगी हो तो इसे फेसबुक पर शेयर और लाइक जरूर करें। इसी तरह और भी आर्टिकल पढ़ने के लिए जुड़े रहें हरजिंदगी से। अपने विचार हमें कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं।
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