सनातन धर्म में रुद्राक्ष को भगवान शिव का साक्षात स्वरूप माना जाता है। यह सिर्फ एक बीज नहीं, बल्कि अनंत ऊर्जा और दैवीय कृपा का प्रतीक है। माना जाता है कि इसे धारण करने से व्यक्ति के जीवन में सकारात्मक परिवर्तन आते हैं, बाधाएं दूर होती हैं और उसे भौतिक तथा आध्यात्मिक उन्नति प्राप्त होती है। लेकिन, क्या आप जानते हैं कि अलग-अलग मुखी रुद्राक्षों के अलग-अलग लाभ होते हैं और उन्हें धारण करने के अपने विशेष नियम भी हैं? आइए इस लेख में ज्योतिषाचार्य पंडित अरविंद त्रिपाठी से विस्तार से रुद्राक्ष धारण करने की विधि और नियम के बारे में जानते हैं।
यह रुद्राक्ष साक्षात शिव का स्वरूप माना जाता है। इसे धारण करने से व्यक्ति में नेतृत्व क्षमता, आत्मविश्वास और एकाग्रता में वृद्धि होती है। यह करियर में उच्च पद प्राप्त करने और व्यापार में बड़े निर्णय लेने के लिए अत्यंत शुभ है। एक मुखी रुद्राक्ष धारण करने वाला व्यक्ति अपने लक्ष्य के प्रति अधिक समर्पित और फोकस होता है।
यह रुद्राक्ष देवी महालक्ष्मी का स्वरूप माना जाता है। इसे धारण करने से धन-धान्य, समृद्धि और व्यापार में लाभ प्राप्त होता है। यह आर्थिक स्थिरता और कर्ज से मुक्ति में भी सहायक होता है। कारोबार में लाभ और निवेश में सफलता के लिए यह अत्यंत प्रभावशाली है।
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Image Credit- HerZindagi
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