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Pitru Paksha 2025: पितृपक्ष के दौरान क्यों निकला जाता है गौ ग्रास? जानें यहां

पितृपक्ष के दौरान सबसे पहले गौ ग्रास निकाला जाता है। लेकिन इसका महत्व क्या होता है? आइए आर्टिकल में आपको इसके बारे में बताते हैं, ताकि आप भी पितृपक्ष में इसका खास ध्यान रखें और इसे अच्छे से कर पाएं।
Editorial
Updated:- 2025-09-05, 17:58 IST

हिंदू धर्म में पितृपक्ष का विशेष महत्व होता है। इस समय पितरों को शांति और तृप्ति के लिए श्राद्ध किया जाता है। इसके लिए श्राद्ध की तिथि का ध्यान रखा जाता है, और उनके नाम का खाना और सामान ब्राह्मण को दान किया जाता है, लेकिन इन दिनों में रोजाना गौ ग्रास भी निकालते हैं।  इसे धार्मिक दृष्टि से बहुत शुभ माना जाता है और माना जाता है कि यह पितरों को सीधा तृप्त करता है। आइए पंडित जन्मेश द्विवेदी जी से जानते हैं इसे कैसे करें और इसकी मान्यता क्या है?

पितृपक्ष में गौ ग्रास क्या होता है?

गौ ग्रास का अर्थ है भोजन का वह हिस्सा जो गाय को समर्पित किया जाता है। श्राद्ध या तर्पण के समय बनाए गए भोजन से एक हिस्सा निकालकर गाय को खिलाया जाता है। ऐसा इसलिए क्योंकि इससे पितरों को शांति मिलती है। साथ ही, उनका आशीर्वाद प्राप्त होता है। इसलिए खाना बनाने से पहले ग्रौ ग्रास को निकाला जाता है। तभी पितृपक्ष में आपका खाना पितर स्वीकार करते हैं।

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पितृपक्ष में गौ ग्रास का क्या महत्व होता है?

  • धार्मिक मान्यताओं के अनुसार गाय को देवी-देवताओं का वासस्थान माना गया है। श्राद्ध में गौ ग्रास निकालने से पितरों को तृप्ति मिलती है।
  • गौ सेवा को श्रेष्ठ दान कहा गया है। इसलिए श्राद्ध के समय गौ ग्रास का दान करने से पुण्यफल बढ़ जाता है।
  • शास्त्रों में कहा गया है कि गाय को भोजन कराने से वह पितरों तक सीधा पहुंच जाता है।
  • गौ ग्रास को निकालने से घर में सुख-समृद्धि और शांति बनी रहती है।

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गौ ग्रास निकालने का सही तरीका

  • श्राद्ध के समय बनाए गए भोजन में से सबसे पहले गौ ग्रास निकाला जाता है।
  • यह हिस्सा साफ पत्तल या थाली में रखा जाता है।
  • गौ माता को सीधे खिलाया जाता है या फिर गौशाला में दान कर दिया जाता है।
  • इसके बाद शेष भोजन ब्राह्मण, जरूरतमंद या अतिथियों को परोसा जाता है।

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पितृपक्ष में गौ ग्रास निकालना सिर्फ धार्मिक परंपरा नहीं, बल्कि आस्था और सेवा का प्रतीक भी है। यह कार्य न केवल पितरों की आत्मा को तृप्त करता है, बल्कि परिवार में शांति और सुख समृद्धि भी लाता है।

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