राम नवमी हर साल चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को मनाई जाती है, जो भगवान श्रीराम के जन्मोत्सव के रूप में विशेष महत्व रखती है। इस दिन भगवान श्रीराम की पूजा की जाती है और उनके आदर्शों, मर्यादा, वीरता और धर्म के प्रति उनकी निष्ठा को श्रद्धापूर्वक सम्मानित किया जाता है। राम नवमी भारतीय संस्कृति और परंपरा में अत्यधिक महत्वपूर्ण पर्व है, जिसमें श्रद्धालु भगवान श्रीराम के गुणों को अपने जीवन में अपनाने का प्रयास करते हैं।
मान्यता के अनुसार, इस दिन भगवान श्रीराम की पूजा करने से भक्तों के जीवन में सुख, शांति और समृद्धि का वास होता है और जीवन के संकट दूर होते हैं। साथ ही, इस दिन विशेष रूप से मां दुर्गा के नौवें रूप सिद्धिदात्री की भी पूजा की जाती है जिन्हें सुख, समृद्धि और सभी बाधाओं से मुक्ति देने वाली माना जाता है। राम नवमी का पर्व श्रद्धा और भक्ति से मनाया जाता है। ज्योतिषाचार्य राधाकांत वत्स से जानते हैं राम नवमी की तिथि, शुभ मुहूर्त और महत्व के बारे में।
चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि का आरंभ 5 अप्रैल, शनिवार के दिन, शाम 7 बजकर 26 मिनट से होगा। वहीं, इसका समापन 6 अप्रैल, रविवार के दिन शाम 7 बजकर 22 मिनट पर होगा। ऐसे में उदया तिथि के अनुसार, इस वर्ष राम नवमी का पर्व 6 अप्रैल को मनाया जाएगा।
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पंचांग और ज्योतिष गणना के आधार पर, राम नवमी के दिन सूर्योदय का समय सुबह 6 बजकर 18 मिनट से है और सूर्यास्त शाम 6 बजकर 40 मिनट पर होगा। राम नवमी की पूजा का शुभ मुहूर्त 6 अप्रैल को सुबह 11 बजकर 8 मिनट से शुरू होगा और दोपहर 1 बजकर 39 मिनट पर पूजा का मुहूर्त समाप्त हो जाएगा। वहीं, राम नवमी का मध्याह्न मुहूर्त सुबह 11 बजकर 7 मिनट से लेकर से दोपहर 12 बजकर 39 मिनट तक रहेगा। इस समय में भगवान श्रीराम की पूजा और आराधना करना अत्यंत शुभ माना जाता है। इसके अलावा, अन्य मुहूर्त कुछ इस प्रकार हैं:
मुहूर्त / योग का नाम | मुहूर्त / योग का समय |
ब्रह्म मुहूर्त | सुबह 4:41 मिनट से सुबह 5:29 मिनट तक |
पुष्य नक्षत्र | सुबह 5:32 मिनट से शाम 6:24 मिनट तक |
सुकर्मा योग | सुबह 8:03 मिनट से शाम 6:55 मिनट तक |
धृति | सुबह 6:55 मिनट से शाम 6:18 मिनट तक |
अभिजीत मुहूर्त | दोपहर 12:04 मिनट से दोपहर 12:54 मिनट तक |
रवि पुष्य योग | सुबह 06:18 मिनट से 7 अप्रैल, सुबह 06:17 मिनट तक |
सर्वार्थसिद्धि योग | सुबह 6:18 मिनट से 7 अप्रैल, सुबह 6:24 मिनट तक |
राम नवमी के दिन राम दरबार लगाने का बहुत महत्व माना जाता है। इस दन राम दरबार लगाने से घर में सुख-समृद्धि का वास तो होता ही है, साथ ही पारिवारिक शांति स्थापित होती है। गृह क्लेश दूर होता है और घर के सदस्यों में आपसी प्रेम बढ़ता है। इसके अलावा, राम नवमी के दिन राम दरबार लगाने से आध्यात्मिक उन्नति होती है और घर के लोग भक्ति की ओर बढ़ते हैं। राम दरबार राम नवमी के दिन चौघड़िया मुहूर्त में लगाना सबसे श्रेष्ठ है।
चौघड़िया मुहूर्त नाम | चौघड़िया मुहूर्त समय |
उद्बेग | सुबह 06:18 मिनट से सुबह 07:50 मिनट तक |
चर | सुबह 7:50 मिनट से सुबह 9:23 मिनट तक |
लाभ | सुबह 9:23 मिनट से सुबह 10:56 मिनट तक |
अमृत | सुबह 10:56 मिनट से सुबह 12:29 मिनट तक |
काल | दोपहर 12:29 मिनट से दोपहर 14:02 मिनट तक |
शुभ | दोपहर 14:02 मिनट से दोपहर 15:34 मिनट तक |
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, भगवान विष्णु ने त्रेतायुग में राम के रूप में अवतार लिया था। वह चैत्र शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को अयोध्या में राजा दशरथ के बड़े पुत्र के रूप में उत्पन्न हुए थे। प्रभु राम का अवतार लंका के राजा रावण के वध, अधर्म के नाश और धर्म की स्थापना के लिए हुआ था। हर वर्ष चैत्र शुक्ल नवमी को राम नवमी मनाई जाती है, जब रामलला का जन्मोत्सव श्रद्धा और भक्ति के साथ मनाया जाता है।
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