सनातन धर्म में सनातन धर्म में ज्येष्ठ पूर्णिमा का विशेष महत्व है। यह हिंदू पंचांग के अनुसार ज्येष्ठ माह की पूर्णिमा तिथि को मनाई जाती है। इस दिन को वट पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन पवित्र नदियों में स्नान और दान करने का विशेष लाभ बताया गया है। ऐसी मान्यता है कि गंगा में स्नान करने से व्यक्ति के सभी पापों का नाश होता है और उसकी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। दान करने से अक्षय पुण्य फल प्राप्त होता है और पितर प्रसन्न होकर आशीर्वाद देते हैं। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, पूर्णिमा के दिन चंद्रमा की पूजा करने और चंद्र देव को दूध से अर्घ्य देने से चंद्र दोष से मुक्ति मिलती है और जीवन में आ रही समस्याएं दूर होती हैं। अब ऐसे में ज्येष्ठ पूर्णिमा के दिन किस मुहूर्त में स्नान और दान करना शुभ माना जाता है। इसके बारे में इस लेख में ज्योतिषाचार्य पंडित अरविंद त्रिपाठी से विस्तार से जानते हैं।
ज्येष्ठ पूर्णिमा स्नान-दान मुहूर्त 2025
ज्येष्ठ पूर्णिमा के दिन स्नान और दान का विशेष महत्व होता है। यह तिथि 10 जून 2025 को सुबह 11:35 बजे से शुरू होकर 11 जून 2025 को दोपहर 01:13 बजे तक रहेगी। उदयातिथि के अनुसार, ज्येष्ठ पूर्णिमा का व्रत 11 जून 2025, बुधवार को रखा जाएगा। शास्त्रों के अनुसार, इस दिन सुबह जल्दी उठकर किसी पवित्र नदी या जलाशय में स्नान करना शुभ माना जाता है। यदि यह संभव न हो तो घर पर ही शुद्ध जल से स्नान किया जा सकता है।
लाभ - उन्नति - सुबह 05:23 बजे से 07:07 बजे तक
अमृत - सर्वोत्तम - सुबह 07:07 बजे से 08:52 बजे तक
शुभ - उत्तम - सुबह 10:36 बजे से दोपहर 12:21 बजे तक
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ज्येष्ठ पूर्णिमा के दिन स्नान-दान का महत्व क्या है?
ऐसी मान्यता है कि ज्येष्ठ पूर्णिमा के दिन पवित्र नदी में स्नान करने से व्यक्ति को समस्त पापों से मुक्ति मिलती है और मनवांछित फल की प्राप्ति होती है। अगर पवित्र नदी में स्नान संभव न हो तो घर पर ही गंगाजल मिलाकर स्नान किया जा सकता है। इस दिन किए गए दान और उपवास से अक्षय पुण्य फल प्राप्त होता है, जिसका अर्थ है कि उसका पुण्य कभी समाप्त नहीं होता है। ज्येष्ठ पूर्णिमा के दिन दान करने से पितृ प्रसन्न होते हैं और उनका आशीर्वाद प्राप्त होता है, जिससे घर-परिवार में सुख-समृद्धि आती है। इस दिन भगवान विष्णु, माता लक्ष्मी और भगवान शंकर की पूजा का विधान है। इनकी पूजा और दान से सभी सुख प्राप्त होते हैं और मृत्यु के बाद भगवान के लोक की प्राप्ति होती है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, पूर्णिमा के दिन चंद्रमा की पूजा करने से चंद्र दोष से मुक्ति मिलती है। स्नान के बाद चंद्रमा से जुड़ी चीजों जैसे सफेद वस्त्र, शक्कर, चावल, दही, चांदी, सफेद फूल, मोती आदि का दान करने से कुंडली में चंद्रमा की स्थिति मजबूत होती है, जिससे साधक के जीवन में सुख-समृद्धि आती है।
चंद्रमा पूजन का सही समय
10 जून 2025 को चंद्रोदय का समय शाम 7 बजकर 41 मिनट से 8 बजकर 01 मिनट के बीच बताया जा रहा है। दिल्ली में रात 10 बजकर 50 मिनट पर चांद निकलेगा।
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