जून महीने की मासिक शिवरात्रि में करें इस मंत्र का जाप, रोगदोष से मिल सकता है छुटकारा

हिंदू धर्म में मासिक शिवरात्रि का व्रत भगवान शिव को समर्पित है। ऐसी मान्यता है कि इस दिन शिव जी की पूजा विधि-विधान के साथ किया जाए तो व्यक्ति को सभी समस्याओं से छुटकारा मिल सकता है। अब ऐसे में इस दिन महामृत्युंजय मंत्र का जाप करने से व्यक्ति को उत्तम परिणाम मिल सकते हैं। आइए इस लेख में विस्तार से जानते हैं। 
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हर महीने कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मासिक शिवरात्रि मनाई जाती है। हिंदू धर्म में इस दिन का विशेष महत्व है। मासिक शिवरात्रि भगवान शिव और माता पार्वती को समर्पित है। इस दिन भक्त उपवास रखते हैं और भगवान शिव की पूजा करते हैं ताकि उनका आशीर्वाद प्राप्त कर सकें। इस दिन भगवान शिव की पूजा करने से भक्तों को उनका आशीर्वाद प्राप्त होता है। माना जाता है कि शिवरात्रि पर भगवान शिव अत्यधिक प्रसन्न रहते हैं और अपने भक्तों की मनोकामनाएं पूरी करते हैं। मासिक शिवरात्रि का व्रत रखने और पूजा करने से व्यक्ति को अपने पापों से मुक्ति मिलती है और उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है। अविवाहित महिलाएं अच्छे वर की प्राप्ति के लिए यह व्रत रखती हैं, जबकि विवाहित महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र और सुख-समृद्धि के लिए इस दिन उपवास करती हैं। अब ऐसे में अगर कोई जातक अस्वस्थ्य है तो इस दिन महामृत्युंजय मंत्र का जाप करने का विधान है। आइए इस लेख में ज्योतिषाचार्य पंडित अरविंद त्रिपाठी से विस्तार से जानते हैं।

जून मासिक शिवरात्रि के दिन महामृत्युंजय मंत्र का जाप करने की विधि

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मासिक शिवरात्रि के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र धारण करें। शारीरिक शुद्धता के साथ-साथ मानसिक शुद्धता भी आवश्यक है।
एक शांत और स्वच्छ स्थान चुनें जहां आप बैठकर पूजा कर सकें। यदि संभव हो, तो एक छोटा सा मंदिर या भगवान शिव की तस्वीर स्थापित करें।
स्नान के बाद स्वच्छ वस्त्र पहनकर अपने चुने हुए पूजा स्थान पर आसन बिछाकर बैठ जाएं। आपका मुख पूर्व दिशा की ओर होना शुभ माना जाता है।
थोड़े से जल से तीन बार आचमन करें। इसके बाद, अपनी अनामिका उंगली से जल लेकर अपने ऊपर और पूजा सामग्री पर छिड़कें।
अब भगवान शिव का ध्यान करें और उन्हें अपने पास आने और आपकी पूजा स्वीकार करने के लिए आमंत्रित करें।
अब रुद्राक्ष की माला लें और मंत्र जाप शुरू करें और इस मंत्र का जाप करें ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्। उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्।।
शांत मन से, स्पष्ट उच्चारण के साथ जाप करें। कम से कम 108 बार (एक माला) जाप करें। यदि संभव हो, तो 5, 11 या 21 माला का जाप भी कर सकते हैं। जितनी अधिक मालाएं होंगी, उतना अधिक फलदायी माना जाता है। जाप करते समय अपना ध्यान मंत्र के अर्थ और भगवान शिव पर केंद्रित रखें।

जून मासिक शिवरात्रि के दिन महामृत्युंजय मंत्र का जाप करने का महत्व

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महामृत्युंजय मंत्र को 'मृत्यु को जीतने वाला' मंत्र कहा जाता है। इसका नियमित जाप करने से व्यक्ति को गंभीर बीमारियों, दुर्घटनाओं और अकाल मृत्यु के भय से मुक्ति मिलती है। ज्येष्ठ मास में कई तरह की मौसमी बीमारियां भी होती हैं, ऐसे में इस मंत्र का जाप स्वास्थ्य लाभ के लिए अत्यंत लाभकारी होता है। यह मंत्र अत्यंत शक्तिशाली है और वातावरण में मौजूद सभी नकारात्मक ऊर्जाओं को दूर करने में सहायक है। मासिक शिवरात्रि के दिन इस मंत्र का जाप करने से घर और मन दोनों में सकारात्मकता आती है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, महामृत्युंजय मंत्र का जाप करने से कुंडली में मौजूद अशुभ ग्रहों के प्रभाव कम होते हैं। विशेषकर यदि किसी व्यक्ति को स्वास्थ्य संबंधी परेशानियां या दुर्घटनाओं का सामना करना पड़ रहा हो, तो यह मंत्र विशेष रूप से प्रभावी होता है।

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Image Credit- HerZindagi

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