इस माह लग जाएगी त्‍योहारों की झड़ी गुरु पूर्णिमा, हरियाली तीज और नाग पंचमी सहित मनाएं जाएंगे कई बड़े-छोटे पर्व, जानें जुलाई महीने के त्‍योहारों की लिस्‍ट, तिथि और शुभ मुहूर्त

इस लेख में जुलाई 2025 के त्योहारों की सूची दिनांक, दिन और त्योहार के नाम के साथ दी गई है। इसे देखकर आप भी प्‍लान कर सकती हैं कि किस त्‍योहार पर आपको क्‍या करना है। 
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जुलाई का महीना शुरू होते ही लोगों को सावन की शुरूआत का एहसास होने लगता है, लेकिन इस वर्ष सावन 11 जुलाई से आरंभ हो रहा है। सावन का महीना धार्मिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है। जैसे ही यह पवित्र माह शुरू होता है, एक के बाद एक त्‍योहार आने लग जाते हैं। इससे पहले आषाढ़ मास के अंतिम दिनों में देवशयनी एकादशी और गुरु पूर्णिमा जैसे पावन पर्व आते हैं, जिन्हें पूरी श्रद्धा और विधि-विधान के साथ मनाया जाता है।

सावन की शुरुआत होते ही शिव भक्ति का माहौल बन जाता है। इस पूरे महीने में शिव भक्त विशेष रूप से सावन सोमवार, सावन शिवरात्रि और नाग पंचमी जैसे पर्वों को बड़े उत्साह के साथ मनाते हैं। मंदिरों में भजन-कीर्तन, जलाभिषेक और व्रत का विशेष महत्व होता है। शिवलिंग पर जल, बेलपत्र, दूध और भस्म अर्पित कर श्रद्धालु भोलेनाथ को प्रसन्न करने का प्रयास करते हैं।

महिलाओं के लिए भी सावन अत्यंत विशेष होता है। इस महीने तीज जैसे त्योहार आते हैं, जिन्हें महिलाएं सोलह श्रृंगार करके बड़े ही उल्लास से मनाती हैं। तीज के दिन महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र के लिए व्रत रखती हैं और गीत-संगीत, झूला, सजावट जैसे पारंपरिक रस्मों का आनंद लेती हैं।

तो अगर आप यह जानना चाहते हैं कि जुलाई महीने में कौन-कौन से प्रमुख व्रत और त्योहार पड़ रहे हैं, उनकी तारीखें क्या हैं और शुभ मुहूर्त क्या है, तो हम आपको आगे पूरी जानकारी देंगे ताकि आप हर पर्व को सही समय पर और विधिवत रूप से मना सकें।

जुलाई 2025 के तीज-त्‍योहार की लिस्‍ट

दिनांक दिन त्योहार का नाम
2 जुलाई 2025 बुधवार विवस्वत सप्तमी
3 जुलाई 2025 गुरुवार मासिक दुर्गाष्टमी
6 जुलाई 2025 रविवार गौरी व्रत प्रारम्भ, देवशयनी एकादशी
7 जुलाई 2025 सोमवार वासुदेव द्वादशी, चातुर्मास प्रारंभ
8 जुलाई 2025 मंगलवार जयापार्वती व्रत प्रारम्भ, भौम प्रदोष व्रत
10 जुलाई 2025 गुरुवार कोकिला व्रत, गुरु पूर्णिमा, व्यास पूजा, गौरी व्रत समाप्त, आषाढ़ पूर्णिमा व्रत
11 जुलाई 2025 शुक्रवार श्रावण मास प्रारंभ, पार्थिव शिव पूजन
13 जुलाई 2025 रविवार जयापार्वती व्रत समाप्त
14 जुलाई 2025 सोमवार प्रथम श्रावण सोमवार व्रत, गजानन संकष्टी चतुर्थी
15 जुलाई 2025 मंगलवार प्रथम मंगला गौरी व्रत
21 जुलाई 2025 सोमवार द्वितीय श्रावण सोमवार व्रत, रोहिणी व्रत, कामिका एकादशी
22 जुलाई 2025 मंगलवार द्वितीय मंगला गौरी व्रत, भौम प्रदोष व्रत
23 जुलाई 2025 बुधवार श्रावण शिवरात्रि, मासिक शिवरात्रि
24 जुलाई 2025 गुरुवार हरियाली अमावस्या, आदि अमावसाई, दर्श अमावस्या, श्रावण अमावस्या
27 जुलाई 2025 रविवार हरियाली तीज
28 जुलाई 2025 सोमवार तृतीय श्रावण सोमवार व्रत, अन्दल जयंती, विनायक चतुर्थी
29 जुलाई 2025 मंगलवार नाग पंचमी, तृतीय मंगला गौरी व्रत
31 जुलाई 2025 गुरुवार तुलसीदास जयंती

देवशयनी एकादशी, 6 जुलाई 2025

इस दिन से भगवान विष्णु चार महीने के लिए योगनिद्रा में चले जाते हैं, इसलिए इसे 'देवशयनी' एकादशी कहते हैं। मान्यता है कि इस दौरान कोई भी शुभ कार्य नहीं किए जाते हैं।

पूजा का शुभ मुहूर्त : 5 जुलाई को शाम 6 बजकर 58 मिनट पर शुरू होगी और तिथि का समापन 6 जुलाई को रात 9 बजकर 14 मिनट पर होगा

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गौरी व्रत प्रारम्भ, 6 जुलाई 2025

यह व्रत विवाहित और अविवाहित महिलाएं सुख-समृद्धि और अखंड सौभाग्य की प्राप्ति के लिए रखती हैं। इसमें मां गौरी की विशेष पूजा-अर्चना की जाती है।

पूजा का शुभ मुहूर्त : पूजा का शुभ मुहूर्त 6 जुलाई को सुबह 5 बजकर 56 मिनट से रात 10 बजे से 42 बजे तक है।

गुरु पूर्णिमा, 10 जुलाई 2025

यह दिन गुरुओं के के प्रति अपना प्रेम और आदर को प्रकट करने का होता है ताकि हम उनका आशीर्वाद प्राप्त कर सकें। इस दिन महर्षि वेद व्यास का जन्म हुआ था, इसलिए इसे व्यास पूर्णिमा भी कहते हैं।

पूजा का शुभ मुहूर्त : 09 जुलाई को शाम 06 बजकर 54 मिनट से होगी। वहीं, इस तिथि का समापन 10 जुलाई को शाम 05 बजकर 47 मिनट पर होगा।

श्रावण मास प्रारंभ, पार्थिव शिव पूजन, 11 जुलाई 2025

श्रावण मास भगवान शिव को समर्पित होता है और इस महीने में शिवलिंग पर जल चढ़ाने का विशेष महत्व है। पार्थिव शिव पूजन में मिट्टी के शिवलिंग बनाकर उनकी पूजा की जाती है।

पूजा का शुभ मुहूर्त : 11 जुलाई को सुबह 4 बजकर 30 मिनट पर शुरू होगी और 5 बजकर 31 मिनट तक रहेगी। इसके अलावा आप अभिजित मुहूर्त, जो 11:59 बजे से 12:54 बजे भी तक रहेगा, उसमें भी पूजा कर सकती हैं।

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श्रावण शिवरात्रि, 23 जुलाई 2025

यह त्योहार भगवान शिव और देवी पार्वती के पुनर्मिलन का प्रतीक है, जिसे सुहागिन महिलाएं पति की लंबी उम्र के लिए मनाती हैं। इस दिन महिलाएं झूला झूलती हैं और गीत गाती हैं।

पूजा का शुभ मुहूर्त : भगवान शिव और मां पार्वती की पूजा का समय शाम 07 बजकर 18 मिनट से लेकर 09 बजकर 22 मिनट तक है।

नाग पंचमी, 31 जुलाई 2025

इस दिन नाग देवताओं की पूजा की जाती है ताकि परिवार को सर्प दोष से मुक्ति मिल सके। कई स्‍थानों पर भक्त सांप को दूध अर्पित करते हैं।

पूजा का शुभ मुहूर्त : पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह 5 बजकर 41 मिनट पर शुरू होगी और 8 बजकर 23 मिनट तक रहेगी।

हरियाली तीज, 27 जुलाई 2025

हरियाली तीज के दिन सुहागिन महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र और घर की सुख-समृद्धि के लिए यह व्रत रखती हैं। इस दिन महिलाएं पारंपरिक परिधान पहनकर, झूले झूलती हैं और मंगल गीत गाती हैं। इस दिन मेहंदी लगाकर 16 श्रृंगार करने का भी अलग ही महत्‍व है।

पूजा का शुभ मुहूर्त : तृतीया तिथि 26 जुलाई 2025 को रात 10 बजकर 41 मिनट पर शुरू होगी और 27 जुलाई को रात 10 बजकर 40 मिनट पर समाप्त होगी।

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FAQ

  • गुरु पूर्णिमा क्‍यों मनाई जाती है? 

    अपने गुरुओं के प्रति कृतज्ञता और श्रद्धा व्यक्त करने का दिन होता है। इस दिन हर व्‍यक्ति के अपने गुरु की चरण पूजा करनी चाहिए। 
  • सावन के मंगल क्‍यों खास होते हैं? 

    सावन के महीने में पड़ने वाले मंगलवार के दिन मंगला गौरी की पूजा की जाती है और यह हर सुहगन महिला को करनी चाहिए।