क्या आपकी जिंदगी में भी एक के बाद एक मुश्किलें आ रही हैं? नौकरी में दिक्कतें, व्यापार में घाट या सेहत का बिगड़ना। अगर इन परेशानियों ने आपको घेर रखा है, तो आप अकेले नहीं हैं। कई बार हम सोचते हैं कि ये सब सिर्फ बुरा वक्त है, लेकिन ज्योतिष शास्त्र में इन लगातार आती बाधाओं के पीछे एक बड़ा कारण राहुदोष को माना जाता है।
राहु को एक छाया ग्रह कहा जाता है, जो कुंडली में अपनी स्थिति के अनुसार शुभ और अशुभ दोनों तरह के परिणाम देता है। जब राहु अशुभ स्थिति में होता है, तो यह व्यक्ति के जीवन में अचानक परेशानियां खड़ी कर देता है, जिससे मन में बेचैनी, निराशा और तनाव बढ़ जाता है। नौकरी से लेकर बीमारी तक, हर तरफ से मिल रही परेशानियां कहीं राहुदोष का ही नतीजा तो नहीं? यह सवाल अक्सर लोगों के मन में उठता है।
इसिलए आइए इस लेख में ज्योतिषाचार्य पंडित अरविंद त्रिपाठी से विस्तार से ऐसे तीन आसान तरीकों के बारे में जानेंगे। जिनसे आप अपनी कुंडली में खुद पता लगा सकते हैं कि कहीं आप भी राहुदोष से पीड़ित तो नहीं।
कुंडली में राहुदोष क्या है?
ज्योतिष शास्त्र में राहु को छाया ग्रह माना जाता है, जिसका अपना कोई भौतिक अस्तित्व नहीं है। इसे कर्मों का फल देने वाला माना जाता है। राहु को अक्सर भ्रम, मोह और अकस्मात घटनाओं का कारक भी माना जाता है। जब राहु कुंडली में अशुभ स्थिति में होता है, तो इसे राहुदोष कहा जाता है, जिससे व्यक्ति को कई प्रकार की समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।
अपनी कुंडली में खुद राहुदोष का पता कैसे लगाएं?
अगर आप अपनी कुंडली में राहुदोष का पता खुद लगाना चाहते हैं, तो कुछ संकेतों को देखते हुए पता लगा सकते हैं।
कुंडली में राहु की स्थिति सबसे पहले
सबसे पहले, अपनी कुंडली में राहु किस भाव यानी कि घर में बैठा है, यह देखें। राहु की स्थिति अक्सर उसके प्रभाव को बताती है।
- प्रथम भाव (लग्न) - यदि राहु लग्न में हो, तो व्यक्ति भ्रमित, असंतुष्ट और मानसिक रूप से परेशान रह सकता है। स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं, जैसे त्वचा रोग या पेट संबंधी दिक्कतें भी हो सकती हैं।
- द्वितीय भाव- धन हानि, परिवार में कलह और झूठ बोलना या कड़वा बोलना के संकेत हो सकते हैं।
- पंचम भाव - संतान संबंधी परेशानियां, शिक्षा में बाधाएं और प्रेम संबंधों में दिक्कतें आ सकती हैं।
- सप्तम भाव- वैवाहिक जीवन में तनाव, साझेदारी में दिक्कतें और चरित्र पर लांछन लगने की आशंका रहती है।
- अष्टम भाव - आकस्मिक दुर्घटनाएं, गंभीर बीमारियां, पैतृक संपत्ति को लेकर विवाद और गुप्त रोगों का भय रहता है।
- नवम भाव- भाग्य में बाधा, पिता से संबंध खराब होना
- दशम भाव- करियर में अस्थिरता, नौकरी में बदलाव और मानहानि का सामना करना पड़ सकता है।
- द्वादश भाव- नींद न आना, अनावश्यक खर्चे, विदेश यात्रा में बाधा और कानूनी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।
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राहुदोष के अशुभ प्रभावों को कम करने के लिए करें ये आसान उपाय
- राहु के दुष्प्रभाव को कम करने के लिए "ॐ भ्रां भ्रीं भ्रौं सः राहवे नमः" मंत्र का प्रतिदिन 108 बार जाप करें। इससे राहु ग्रह शांत होता है।
- शनिवार के दिन काले तिल, उड़द दाल, कम्बल, सरसों का तेल, और नीले वस्त्र का दान करने से राहु के नकारात्मक प्रभाव कम होते हैं।
- अष्टमुखी रुद्राक्ष धारण करना राहु के अशुभ प्रभावों को कम करने में सहायक होता है। लेकिन इसे धारण करने से पहले अपने पंडित जी से जरूर जानकारी लें।
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- राहु के अशुभ प्रभावों को कम करने के लिए नियमित रूप से दुर्गा सप्तशती का पाठ करें।
- काले या भूरे रंग के कुत्ते को शनिवार के दिन रोटी खिलाने से भी भी राहुदोष के प्रभाव कम हो सकते हैं।
- आप अपने टॉयलेट पॉट को साफ करके राहुदोष के अशुभ प्रभावों को दूर कर सकते हैं।
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Image Credit- HerZindagi
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