utpanna ekadashi 2024 ekadashi mata shringar

Utpanna Ekadashi 2024: उत्पन्ना एकादशी पर कैसे करें एकादशी माता का श्रृंगार?

जहां एक ओर उत्पन्ना एकादशी के दिन भगवान विष्णु की पूजा का विधान है तो वहीं, इस दिन माता एकादशी की पूजा के साथ-साथ उनके श्रृंगार का भी विशेष महत्व है।
Editorial
Updated:- 2024-11-21, 23:00 IST

मार्गशीर्ष माह के कृष्ण पक्ष की उत्पन्ना एकादशी इस साल 26 नवंबर, दिन मंगलवार को पड़ रही है। उत्पन्ना एकादशी के दिन माता एकादशी का जन्म हुआ था इसी कारण से इस एकादशी का नाम उत्पन्ना पड़ा। जहां एक ओर उत्पन्ना एकादशी के दिन भगवान विष्णु की पूजा का विधान है तो वहीं, इस दिन माता एकादशी की पूजा के साथ-साथ उनके श्रृंगार का भी विशेष महत्व है। ऐसे में ज्योतिषाचार्य राधाकांत वत्स से आइये जानते हैं कि एकादशी माता का श्रृंगार उत्पन्ना एकादशी के दिन कैसे करें।

एकादशी माता के श्रृंगार की विधि (Ekadashi Mata Ke Shringar Ki Vidhi)

kis vidhi se kare ekadashi mata ka shringar

सनातन परंपरा के अनुसार, देवियों का सोलह श्रृंगार किया जाता है लेकिन चूंकि एकादशी माता विवाहित नहीं है ऐसे में सोलह श्रृंगार नहीं हो सकता है। एकादशी को भले ही हम माता कहते हों मगर वह कुंवारी कन्या हैं ऐसे में हमें उनका श्रृंगार किसी कन्या की भांति ही करना चाहिए।

यह भी पढ़ें: Utpanna Ekadashi 2024: उत्पन्ना एकादशी के दिन भगवान विष्णु के समक्ष पंचमुखी दीया जलाने से क्या होता है?

सबसे पहले सामग्री एकत्रित कर लें। श्रृंगार के लिए नए वस्त्र, गहने, चूड़ियां, बिंदी, काजल, लाली और एक चुनरी ले आएं। इसके बाद मात एकादशी का ध्यान करते हुए तुलसी के गमले की मिट्टी से एकादशी माता की प्रतिमा बनाएं। फिर उस प्रतिमा को गंगाजल या दूध से स्नान कराएं।

utpanna ekadashi pr kaise kare ekadashi mata ka shringar

इसके बाद माता एकादशी को नए वस्त्र धारण कराएं। गहने और चूड़ियां पहनाएं। बिंदी, काजल, लाली आदि लगाएं। इसके बाद व्रत का संकल्प लें और एकादशी माता की पूजा करें। एकादशी माता की पूजा के बाद उन्हें चुनरी उढ़ाएं फिर भगवान विष्णु की आराधना करना शुरू कर दें।

यह भी पढ़ें: Utpanna Ekadashi 2024 Date: कब है उत्पन्ना एकादशी? जानें शुभ मुहूर्त और महत्व

इस बात का ध्यान रखें कि उत्पन्ना एकादशी के दिन पहले माता एकादशी की पूजा करें और फिर उसके बाद भगवान विष्णु का पूजन करें। यह भी याद रखें कि माता एकादशी के स्नान का जल सिर्फ और सिर्फ तुलसी के पौधे में पूजा के संपन्न हो जाने के बाद डालें। अन्य कहीं भी न बहाएं।

kaise kare ekadashi mata ka shringar

एकादशी माता के श्रृंगार से जुड़ी एक और महत्वपूर्ण बात यह है कि अन्य एकादशी तिथियों पर भले ही महिला या पुरुष माता की पूजा करते हों, लेकिन उत्पन्ना एकादशी के दिन एकादशी माता की पूजा घर की कन्या से ही कराएं। इससे घर में शुभता और सकारात्मकता का आगमन होता है।

अगर हमारी स्टोरीज से जुड़े आपके कुछ सवाल हैं, तो वो आप हमें आर्टिकल के नीचे दिए कमेंट बॉक्स में बताएं। हम आप तक सही जानकारी पहुंचाने का प्रयास करते रहेंगे। अगर आपको ये स्टोरी अच्छी लगी है, तो इसे शेयर जरूर करें। ऐसी ही अन्य स्टोरी पढ़ने के लिए जुड़ी रहें हरजिंदगी से।

image credit: herzindagi 

यह विडियो भी देखें

Herzindagi video

Disclaimer

हमारा उद्देश्य अपने आर्टिकल्स और सोशल मीडिया हैंडल्स के माध्यम से सही, सुरक्षित और विशेषज्ञ द्वारा वेरिफाइड जानकारी प्रदान करना है। यहां बताए गए उपाय, सलाह और बातें केवल सामान्य जानकारी के लिए हैं। किसी भी तरह के हेल्थ, ब्यूटी, लाइफ हैक्स या ज्योतिष से जुड़े सुझावों को आजमाने से पहले कृपया अपने विशेषज्ञ से परामर्श लें। किसी प्रतिक्रिया या शिकायत के लिए, [email protected] पर हमसे संपर्क करें।

;