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Dev Uthani Ekadashi Bhog 2025: देवउठनी एकादशी पर भगवान विष्‍णु को जरूर चढ़ाएं ये भोग, सारी मनोकामनाएं होंगी पूर्ण और परेशानियां होंगी दूर

Dev Uthani Ekadashi Bhog:देवउठनी एकादशी 2025 में भगवान विष्णु की पूजा का विशेष महत्व है। जानें कब है देवउठनी एकादशी की तिथि, पूजा विधि, और कौन-से भोग भगवान विष्णु को अर्पित करने से पूरी होंगी मनोकामनाएं। खीर, तुलसी दल, माखन-मिश्री, गन्ना और मेवा का भोग चढ़ाने से जीवन में आती है सुख-समृद्धि और शांति।
Editorial
Updated:- 2025-11-01, 09:25 IST

हिंदू धर्म में एकादशी तिथि का विशेष महत्व होता है। पूरे वर्ष में कुल 24 एकादशियां पड़ती हैं और हर एक का अपना अलग धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व माना गया है। इन सभी में देवउठनी एकादशी सबसे प्रमुख मानी जाती है, क्योंकि इसी दिन भगवान विष्णु चार महीने की योगनिद्रा से जागते हैं। मान्यता है कि जब चातुर्मास के दौरान भगवान विष्णु क्षीरसागर में विश्राम करते हैं, तब विवाह, गृह प्रवेश या मुंडन जैसे शुभ कार्य नहीं किए जाते। लेकिन देवउठनी एकादशी से सभी मंगल कार्यों की शुरुआत होती है। यह दिन हर हिंदू परिवार में बड़े हर्ष और उत्साह के साथ मनाया जाता है।

इस दिन भक्तजन व्रत रखते हैं और भगवान विष्णु को उनका प्रिय भोग अर्पित कर उन्हें प्रसन्न करते हैं। इस विषय पर हमने मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा निवासी पंडित सौरभ त्रिपाठी से बातचीत की। पंडित जी बताते हैं, “भगवान विष्णु को प्रेमपूर्वक अर्पित की गई हर भेंट स्वीकार्य होती है, लेकिन उनका सबसे प्रिय भोग धनिया पंजीरी है। साथ ही, भगवान को काले तिल भी अत्यंत प्रिय हैं, इसलिए तिल के लड्डू का भोग अवश्य लगाना चाहिए।”

पंडित सौरभ आगे बताते हैं कि देवउठनी एकादशी के दिन भगवान विष्णु को और भी कई प्रकार के भोग अर्पित किए जा सकते हैं, जिनमें से कोई भी भोग आप श्रद्धा भाव से चढ़ा सकती हैं।

देवउठनी एकादशी 2025 की तिथि और महत्व

हिंदू पंचांग के अनुसार, देवउठनी एकादशी 2025 में 2 नवंबर रविवार के दिन पड़ रही है। इस दिन कार्तिक शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि रहेगी। यह तिथि प्रातःकाल से आरंभ होकर अगले दिन द्वादशी तक रहेगी। धार्मिक मान्यता है कि इस दिन जो भी भक्त भगवान विष्णु की विधिवत पूजा करता है और उन्हें प्रिय भोग अर्पित करता है, उसकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। विष्णुजी की कृपा से जीवन में सुख, समृद्धि और शांति आती है।

देवउठनी एकादशी पर भोग का महत्व

हिंदू पंचांग के अनुसार, देवउठनी एकादशी इस वर्ष 1 नवंबर को शनिवार को मनाई जाएगी। माना जाता है कि इस दिन भगवान को प्रिय व्यंजन अर्पित करने से वे अत्यंत प्रसन्न होते हैं और भक्त की सभी इच्छाएं पूरी करते हैं। पंडित सौरभ बताते हैं, "भगवान विष्णु को आप जो भी भोग चढ़ाएं उसमें तुलसी का पत्‍ता अवश्‍य ही होना चाहिए, क्‍योंकि इसके बिना वो कोई भी प्रसाद स्‍वीकार नहीं करते हैं।"

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Dev Uthani Ekadashi 2025

देवउठनी एकादशी भगवान विष्णु को अर्पित करें ये भोग (Dev Uthani Ekadashi Bhog 2025)

खीर और तुलसी दल

विष्णु भगवान को खीर विशेष रूप से प्रिय है। दूध और चावल से बनी साधारण खीर में तुलसी दल डालकर भगवान को अर्पित करने से असीम पुण्य मिलता है।

पंजीरी और मेवा

गेहूं के आटे, गुड़ और घी से बनी पंजीरी भगवान को अत्यंत प्रिय है। इसका स्‍वाद बढ़ाने के लिए आप इसमें बादाम, काजू और किशमिश भी मिला सकती हैं।

माखन-मिश्री

भगवान श्रीकृष्ण का यह प्रिय भोग माना जाता है। देवउठनी एकादशी के दिन आप भगवान श्री विष्णु को माखन और मिश्री अर्पित कर सौभाग्य प्राप्‍त कर सकती हैं।

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Dev Uthani Ekadashi bhog

गन्ना और मौसमी फल

देवउठनी एकादशी के दिन गन्ना चढ़ाना अत्यंत शुभ माना जाता है। यह प्रसाद भगवान विष्‍णु को बहुत प्रिय है और इससे जीवन में समृद्धि आती है।

नारियल और गुड़

नारियल शुद्धता का प्रतीक है, जबकि गुड़ मीठास और सौहार्द का। इन्हें भोग में शामिल करने से भगवान की कृपा शीघ्र प्राप्त होती है।

देवउठनी एकादशी की आप सभी को शुभकामनाएं। यह जानकारी आपको पसंद आई हो तो इस लेख को शेयर और लाइक जरूर करें। इसी तरह के और भी लेख पढ़ने के लिए जुड़ी रहें हरजिंदगी से।

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FAQ
देवउठनी एकादशी पर कौन सा भोग चढ़ाया जाता है?
 इस दिन भगवान विष्णु को धनिया पंजीरी, काले तिल के लड्डू, पंचामृत, गुड़ और तुलसी पत्ते चढ़ाना शुभ माना जाता है।
देवउठनी एकादशी पर कौन-सी पूजा विधि अपनाई जाती है?
प्रातः स्नान के बाद व्रत का संकल्प लें, पीले वस्त्र पहनें, भगवान विष्णु की पूजा करें, तुलसी दल अर्पित करें और दीपक जलाकर “ॐ नमो भगवते वासुदेवाय” मंत्र का जाप करें।
क्या देवउठनी एकादशी के दिन व्रत रखना जरूरी है?
हाँ, जो भी भक्त इस दिन भगवान विष्णु का व्रत रखता है, उसे पापों से मुक्ति और मोक्ष की प्राप्ति होती है। व्रत रखने से घर में सकारात्मकता बढ़ती है।
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