
हिंदू धर्म में एकादशी तिथि का विशेष महत्व होता है। पूरे वर्ष में कुल 24 एकादशियां पड़ती हैं और हर एक का अपना अलग धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व माना गया है। इन सभी में देवउठनी एकादशी सबसे प्रमुख मानी जाती है, क्योंकि इसी दिन भगवान विष्णु चार महीने की योगनिद्रा से जागते हैं। मान्यता है कि जब चातुर्मास के दौरान भगवान विष्णु क्षीरसागर में विश्राम करते हैं, तब विवाह, गृह प्रवेश या मुंडन जैसे शुभ कार्य नहीं किए जाते। लेकिन देवउठनी एकादशी से सभी मंगल कार्यों की शुरुआत होती है। यह दिन हर हिंदू परिवार में बड़े हर्ष और उत्साह के साथ मनाया जाता है।
इस दिन भक्तजन व्रत रखते हैं और भगवान विष्णु को उनका प्रिय भोग अर्पित कर उन्हें प्रसन्न करते हैं। इस विषय पर हमने मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा निवासी पंडित सौरभ त्रिपाठी से बातचीत की। पंडित जी बताते हैं, “भगवान विष्णु को प्रेमपूर्वक अर्पित की गई हर भेंट स्वीकार्य होती है, लेकिन उनका सबसे प्रिय भोग धनिया पंजीरी है। साथ ही, भगवान को काले तिल भी अत्यंत प्रिय हैं, इसलिए तिल के लड्डू का भोग अवश्य लगाना चाहिए।”
पंडित सौरभ आगे बताते हैं कि देवउठनी एकादशी के दिन भगवान विष्णु को और भी कई प्रकार के भोग अर्पित किए जा सकते हैं, जिनमें से कोई भी भोग आप श्रद्धा भाव से चढ़ा सकती हैं।
हिंदू पंचांग के अनुसार, देवउठनी एकादशी 2025 में 2 नवंबर रविवार के दिन पड़ रही है। इस दिन कार्तिक शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि रहेगी। यह तिथि प्रातःकाल से आरंभ होकर अगले दिन द्वादशी तक रहेगी। धार्मिक मान्यता है कि इस दिन जो भी भक्त भगवान विष्णु की विधिवत पूजा करता है और उन्हें प्रिय भोग अर्पित करता है, उसकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। विष्णुजी की कृपा से जीवन में सुख, समृद्धि और शांति आती है।
हिंदू पंचांग के अनुसार, देवउठनी एकादशी इस वर्ष 1 नवंबर को शनिवार को मनाई जाएगी। माना जाता है कि इस दिन भगवान को प्रिय व्यंजन अर्पित करने से वे अत्यंत प्रसन्न होते हैं और भक्त की सभी इच्छाएं पूरी करते हैं। पंडित सौरभ बताते हैं, "भगवान विष्णु को आप जो भी भोग चढ़ाएं उसमें तुलसी का पत्ता अवश्य ही होना चाहिए, क्योंकि इसके बिना वो कोई भी प्रसाद स्वीकार नहीं करते हैं।"
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विष्णु भगवान को खीर विशेष रूप से प्रिय है। दूध और चावल से बनी साधारण खीर में तुलसी दल डालकर भगवान को अर्पित करने से असीम पुण्य मिलता है।
गेहूं के आटे, गुड़ और घी से बनी पंजीरी भगवान को अत्यंत प्रिय है। इसका स्वाद बढ़ाने के लिए आप इसमें बादाम, काजू और किशमिश भी मिला सकती हैं।
भगवान श्रीकृष्ण का यह प्रिय भोग माना जाता है। देवउठनी एकादशी के दिन आप भगवान श्री विष्णु को माखन और मिश्री अर्पित कर सौभाग्य प्राप्त कर सकती हैं।
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देवउठनी एकादशी के दिन गन्ना चढ़ाना अत्यंत शुभ माना जाता है। यह प्रसाद भगवान विष्णु को बहुत प्रिय है और इससे जीवन में समृद्धि आती है।
नारियल शुद्धता का प्रतीक है, जबकि गुड़ मीठास और सौहार्द का। इन्हें भोग में शामिल करने से भगवान की कृपा शीघ्र प्राप्त होती है।
देवउठनी एकादशी की आप सभी को शुभकामनाएं। यह जानकारी आपको पसंद आई हो तो इस लेख को शेयर और लाइक जरूर करें। इसी तरह के और भी लेख पढ़ने के लिए जुड़ी रहें हरजिंदगी से।
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