Chaitra Navratri 2024: मां दुर्गा की पूजा करते समय वास्तु के इन नियमों का करें पालन

चैत्र नवरात्रि मां दुर्गा के नौ स्वरूपों को समर्पित है। पूरे 9 दिनों में इनकी विधिवत पूजा-अर्चना करने का विधान है। इससे व्यक्ति की सुख-समृद्धि की प्राप्ति हो सकती है। 

Chaitra Navratri  vastu rules while worshiping maa durga

(Chaitra navratri 2024 vastu rules while worshiping maa durga) सनातन धर्म में नवरात्र का पर्व मां दुर्गा के नौ स्वरूपों को समर्पित है। इस दौरान मां दुर्गा के 9 रूपों की विशेष पूजा करने का विधान है। इससे व्यक्ति को सुख-समृद्धि की प्राप्ति हो सकती है। पंचांग के अनुसार, चैत्र नवरात्रि की शुरुआत दिनांक 09 अप्रैल से होगी और इसका समापन दिनांक 17 अप्रैल को होगा। वहीं खरमास का समापन 13 अप्रैल को होगा। चैत्र नवरात्रि की शुरुआत के पांच दिनों में खरमास का साया रहेगा। खरमास के समापन के बाद मांगलिक कार्य किए जा सकते हैं। अब ऐसे में मां दुर्गा की पूजा करते समय वास्तु के किन नियमों का पालन करना जरूरी है। इसके बारे में ज्योतिषाचार्य पंडित अरविंद त्रिपाठी से विस्तार से जानते हैं।

किस दिशा में स्थापित करें मां दुर्गा की प्रतिमा?

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वास्तु शास्त्र के अनुसार किसी वास्तु को सही स्थान पर रखने के लिए एक दिशा निर्धारित किया गया है। वहीं अगर आप मां दुर्गा की प्रतिमा स्थापित करते हैं, तो इसके लिए भी सही दिशा बताई गई है। बता दें, मां दुर्गा की प्रतिमा को स्थापित करने के लिए घर के ईशान कोण यानी कि उत्तर-पूर्व दिशा को सबसे उत्तम माना गया है। इसलिए नवरात्र में मां दुर्गा की प्रतिमा स्थापित करने के लिए सही दिशा का जरूर ध्यान रखें।

किस दिशा में स्थापित करें कलश ?

चैत्र नवरात्रि के पहले दिन घर के मुख्य द्वार पर दोनों तरफ आटा और हल्दी से स्वास्तिक बनाएं। वहीं ईशान कोण दिशा देवी-देवताओं का वास माना गया है। ऐसे में मां दुर्गा की प्रतिमा स्थापित करने के साथ-साथ कलश को घर की ईशान कोण दिशा में ही रखें।

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किस दिशा में जलाएं अखंड ज्योत?

ऐसी मान्यता है कि नवरात्र के दौरान अखंड ज्योत जलाने से व्यक्ति की सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती है। ऐसे में अगर आप अखंड ज्योत प्रज्जवलित कर रहे हैं, तो दीपक को घर के आग्नेय कोण में रखना चाहिए। वास्तु शास्त्र में यह दिशा बेहद शुभ माना जाता है। इस दिशा में अखंड ज्योत जलाने से शत्रुओं का नाश हो सकता है।

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पूजा के लिए कौन सी दिशा है शुभ?

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वास्तु शास्त्र की मानें, तो पूजा करते समय व्यक्ति को अपना मुख पूर्व या उत्तर दिशा की तरफ रखना चाहिए। क्योंकि इस दिशा को शक्ति और शौर्य का प्रतीक माना जाता है। इसलिए इस दिशा में मुख करके पूजा-पाठ करने से व्यक्ति के मान-सम्मान में वृद्धि हो सकती है।

अगर आप मां दुर्गा की पूजा कर रहे हैं, तो दिशा का विशेष रूप से ध्यान रखें और इसके अलावा अगर आपको यह स्टोरी अच्छी लगी हो तो इसे फेसबुक पर शेयर और लाइक जरूर करें। इसी तरह के और भी आर्टिकल पढ़ने के लिए जुड़े रहें हर जिंदगी से। अपने विचार हमें आर्टिकल के ऊपर कमेंट बॉक्स में जरूर भेजें।

Image Credit- Freepik

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