हिंदू पंचांग के अनुसार आज आषाढ़ माह के कृष्ण पक्ष की द्वादशी तिथि है। आज भरणी नक्षत्र के साथ इस दिन की शुरूआत हो रही है। साथ सुकर्मा योग भी बन रहा है। ज्योतिष गणना के हिसाब से इस दिन चंद्रमा वृषभ राशि में रहेंगे। आज रविवार का दिन है और ये दिन सूर्यदेव की पूजा के लिए समर्पित है। इस दिन सूर्यदेव की पूजा करने से व्यक्ति की रोगदोष से छुटकारा मिल सकता है और व्यक्ति की मनोकामनाएं पूरी हो सकती है। अब ऐसे में आज 22 जून रविवार को किस मुहूर्त में पूजा-पाठ और सूर्यदेव की आराधना करने से लाभ हो सकता है। आइए इस लेख में ज्योतिषाचार्य पंडित अरविंद त्रिपाठी से विस्तार से जानते हैं।
तिथि | नक्षत्र | दिन/वार | योग | करण |
कृष्ण पक्ष की द्वादशी | भरणी नक्षत्र | रविवार | सुकर्मा योग | गर और वणिज |
सूर्योदय | सुबह 5 बजकर 46 मिनट से लेकर |
सूर्यास्त | शाम 7 बजकर 11 मिनट तक |
चंद्रोदय | प्रात: 02 बजकर 23 मिनट से लेकर |
चंद्रास्त | सुबह 07 बजकर 04 मिनट तक |
ब्रह्म मुहूर्त | सुबह 04 बजकर 10 मिनट से लेकर सुबह 05 बजकर 15 मिनट तक |
अमृत काल | दोपहर 01 बजकर 16 मिनट से लेकर दोपहर 02 बजकर 43 मिनट तक |
अभिजीत मुहूर्त | दोपहर 12 बजकर 02 मिनट से लेकर दोपहर 12 बजकर 55 मिनट तक |
विजय मुहूर्त | दोपहर 02 बजकर 42 मिनट से लेकर दोपहर 03 बजकर 38 मिनट तक |
गोधूलि मुहूर्त | शाम 07 बजकर 19 मिनट से लेकर शाम 07 बजकर 40 मिनट तक |
निशिता मुहूर्त | रात 12 बजकर 02 मिनट से लेकर रात 12 बजकर 42 मिनट तक |
संध्या मुहूर्त | शाम 7 बजकर 21 मिनट से लेकर शाम 8 बजकर 21 मिनट तक |
राहु काल | सुबह 05 बजकर 30 मिनट से लेकर दोपहर 07 बजकर 11 मिनट तक |
गुलिक काल | दोपहर 03 बजकर 50 मिनट से लेकर शाम 05 बजकर 30 मिनट तक |
यमगंड | दोपहर 12 बजकर 28 मिनट से लेकर दोपहर 02 बजकर 09 मिनट तक |
दिशाशूल | पश्चिम दिशा, यात्रा करने से पहले दही-चीनी जरूर खाकर निकलें |
दुर्मुहूर्त | शाम 05 बजकर 24 मिनट से लेकर शाम 06 बजकर 17 मिनट तक |
पंचांग के हिसाब से आज आषाढ़ माह के कृष्ण पक्ष की द्वादशी तिथि है। आज रविवार का दिन है। इस दिन सूर्यदेव की पूजा विधिवत रूप से करने से मान-सम्मान की प्राप्ति हो सकती है और जीवन में आ रही सभी कष्ट दुख दूर हो सकते हैं।
प्रातः काल स्नान के बाद, तांबे के लोटे में जल, लाल फूल, अक्षत और थोड़ी सी रोली मिलाकर उगते हुए सूर्य देव को 'ऊं सूर्याय नमः' या 'ऊं घृणि सूर्याय नमः' मंत्र का जाप करते हुए अर्घ्य दें। इससे सूर्य मजबूत होता है और आत्मविश्वास बढ़ता है।
यदि संभव हो तो रविवार के दिन लाल या गुलाबी रंग के वस्त्र धारण करें। यह रंग सूर्य देव को प्रिय हैं और सकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित करते हैं।
रविवार के दिन आदित्य हृदय स्तोत्र का पाठ करना अत्यंत शुभ माना जाता है. इससे शत्रु बाधाएं दूर होती हैं और आरोग्य की प्राप्ति होती है।
इस दिन नमक का सेवन कम करें या बिल्कुल न करें. यदि संभव हो तो मीठा भोजन ग्रहण करें।
यदि आप सूर्य देव की विशेष कृपा चाहते हैं, तो अपने पूजा स्थान पर सूर्य यंत्र स्थापित करें और नियमित रूप से उसकी पूजा करें।
रविवार के दिन गाय को रोटी खिलाना भी एक शुभ उपाय है. इससे पुण्य की प्राप्ति होती है और ग्रहों का नकारात्मक प्रभाव कम होता है।
ऊं घृणि सूर्याय नमः
ऊं ह्रीं ह्रीं सूर्याय नमः
ऊं आदित्याय विद्महे प्रभाकराय धीमहि तन्नो सूर्यः प्रचोदयात्
ऊं सूर्याय नमः
आज आषाढ़ माह के कृष्ण पक्ष की द्वादशी तिथि है। साथ ही आज रविवार का दिन है। इस दिन सूर्यदेव की पूजा विधि-विधान के साथ करें। इससे कुंडली में स्थित सूर्य की स्थिति मजबूत हो सकती है और रोगदोष से भी छुटकारा मिल सकता है। यह दिन सभी प्रकार रोगदोष से छुटकारा दिलाने में मदद करता है।
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Image Credit- HerZindagi
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